सम्मानीय आप जो गोंड और राजगोंड राजा हुए हैं यह वीडियो जंगली और पहाड़ी गोंड जाति से भरा हुआ है यह भी सही है पर गोंड के उत्पत्ति अपने बताया है इसे आपको सुधारने के लिए किसी ने नहीं कहा सब का सोच सब धान बेस्ट पसेरी है ऐसा एक कहावत है यह राजगोंड शब्द के उत्पत्ति कहा जाए तो अंग्रेजी के god shabd से है god shabd का अर्थ होता है देवता या भगवान इसी तरह गौड़ राजगौड़ शब्द उल्लेखित हैं जो बोल चाल में प्रचलित हैं न कि पहाड़ी पहाड़ में आदि गौड़ शंकर भगवान भी हिमालय में रहते थे श्री राम को बनवास हुआ बनवासी कहा गया है रावण यही कहता था वो जंगल जंगल घूमने वाला क्या जाने राज काज के नियम इसी तरह अभी भी जो बोलने को जायेदा रावण जैसे जानते हैं वो अभी भी आदिवासी आदिवासी हर जगह चिल्लाते हैं भरता है पेट एक दो लोगों का नेता बनने से या नौकरी पाने से सुनते लाखों करोड़ों हैं फिर कुछ लोगों के वैसा कर्म और कार्य भी है गोंड के आपने इतिहास बताया है साथ में अच्छे बर्चस्व वाले मरावी गौड़ राजगौड़ राजपरिवार को भी जोड़ दिया है परधान जाति अलग है उनके रीति रिवाज अलग है बैगा जाति के अलग हैं कोरकू जाति के अलग हैं इस तरह से हजार जातियां आदिवासी में आते हैं ये गोंड परधान जाति से अलग थे और अलग हैं परधान जाति गोडों में शामिल नहीं हैं राजगोंड नहीं राजगौड़ है rajgoud है जिनके राज्य था गढ़ा मंडला जबलपुर संस्कारधानी महाकौशल मध्यप्रदेश के दशरथ पुत्र श्री राम श्री राम पुत्र लवकुश वंशीय मरावी गौड़ राजगौड़ ठाकुर क्षत्रिय आप सभी का शुभ चिंतक राजा बिहारी सिंह जू देव गौड़ गाढ़ा मंडला जबलपुर संस्कारधानी मध्यप्रदेश के मरावी गौड़ राजगौड़ राजपरिवार के सदस्य जय जय श्री राम जय गौड़वाना लैंड जय बुंदेलखंड जय राजपुताना