सा विद्या या विमुक्तये' एक स्लोक है, जो विष्णुपुराण से लिया गया है. इसका अर्थ है कि वह विद्या जो मुक्ति का साधन है. यानी जिसके पास विद्या है, उसी को मुक्ति मिलती है. इस स्लोक का पूरा रूप है: तत्कर्म यन्न बंधाय सा विद्या या विमुक्तये, आयासायापरम् कर्म विद्यान्या शिल्पनैपुणम्.