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स्वर फौजी दिदा रामसिहं राणा
रचना : फौजी दिदा रामसिंह राणा(1992)
संगीत: फौजी दिदा
सुटिंगस्थल: सुरकण्डा दरवार, राजराजेश्वरी बड़ेथी, सुरकण्डा नागणी,रानी गढ़ घुतू,यूथ कैंम्प कवां, नगरकोट कांगड़ा,
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प्रिय दर्शकों पहली बार मैंने कोशिष है कि अपनी मातृ भाषा में आरतियां होनी चाहिऐ जो कि हमने सुरूवात कर दी है अब सब देबताओं की आरती इसी प्रकार से आयेगी ।इसके तुरन्त बाद नरसिंग भगवाग की नागराजा की आरती तैयार हैं ।आपसे हमारी विनती है किआप अपनी मातृ भाषा का इस्तेमाल जादा से जादा करें जय माता दी।
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