गिरजा चकित भयी सुनि बानी।नारद विष्णु भगति मुनि ज्ञानी।।कारन कौन श्राप मुनि दीन्हा।का अपराध रमापति कीन्हा।।❤❤❤❤❤❤❤❤❤ बोलें बिहस महेस तब, ज्ञानी मूढ़ न कोय। जेहि जस रघुपति करही,सो तस तेहि छन तहा होय।।❤❤❤❤❤❤❤करही अनीत जाइ नहिं बरनी।सिंधहि बिप्र धेनु सुर धरनी।।तब तब प्रभु धरि बिबिध शरीरा।हरैय कृपानिध सज्जन पीरा।।❤❤लगि लगि पग संजो दीदी के,भेंटहु अति अनुराग। ह्रदय अषीसहु प्रेम बस,कि रहिहाऊ भरी सुहाग।।❤❤ईश्वर के प्रति किसी को बकवास नहीं समझना चाहिए।सनातन धर्म आज है और कल भी रहेगा।।प्रमाण चाहिए तो चले जाओ सेतुबंध रामेश्वरम में।❤❤❤❤❤❤❤❤❤ दीदी हमारी संस्कृति सभ्यता सनातनी हैं और रहेगी। कोई कुछ बोले उन्हें कोई प्रभाव नहीं पड़ता।❤❤❤❤❤ शुभ रविवार रिजर्व पुलिस।❤❤❤❤ जय माता दी महादीदी जी प्रणाम।❤❤❤❤