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गर्मी का कहर हिंदी कहानी Part 2 | garmi ka kahar Hindi Kahani Part 2 | Moral stories cartoon kahani
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हिमिपुर नाम का एक गांव था इस गांव के लोग बहुत हि खुश थे एक दिन उस गांव में एक बहुत हि गरीब बूढ़ा अदमी आया
ओ सबके घर जा जा कर एकही बात बोलता था
ओ बेटा मुझे अपने घर में रखलो कुछ दिनों के लिए जो कहोगे ओ करूंगा
क्यू तुम्हरे पास घर नहीं है
नही मेरे पास घर नहीं है मै यहां कभी नहि आता लेकिन इतनी गर्मी पड़ रही है कि अगर मै बाहर रहा तो मर जाऊंगा
अच्छा तो ईस लिए तूम हमारे घर रहने के लिऐ आए ह हो
हा बेटा कुछ दिन हि रहूंगा फिर मै यहां से चला जाऊंगा
तुमको गर्मी लगे या सर्दी मुझे तुमसे कोइ मतलब नहीं मै तुम्हें अपने घर में नहीं रखूंगा चलो फुटो यहां से
स्यामू के घर से निकल कर ओ बूढ़ा आदमी दूसरे के घर जाता है लेकिन वो भी अपने घर से भगा देता है
फिर ओ भूढ़ा आदमी तीसरे चौथे और इसी तरह सबके घर जाता है लेकिन कोइ उसे पनाह नहि देता सभी लोग उसे गांव से भगा देते हैं
और ओ बूढ़ा आदमी धूप में खड़े खड़े तड़प तड़प कर मर जाता है
और बहुत डरावना भूत बन जाता है
इन्हीं लोगों कि वजह से मेरी जान गई है अगर ये लोग मुझे अपने घर में रहने देते तो आज मेरी ये हालत नहि होती
अब मै इन लोगों को नहि छोडूंगा अब इतनी गर्मी पड़ेगी की ये लोग जलकर मर जाएंगे
ये कहकर भूत सूरज मे जाकर समा जाता है
अरे ये अचानक से इतनी धूप कैसे पड़ने लगी इतनी धूप में तो हमलोग मर जाएंगे
तभी धूप और तेज पड़ने लगती है
अरे भाई भागो यहां से नहि तो इतनी धूप मे हड़िया भी जल जाएंगी
ये बोलकर सभि लोग भाग कर अपने अपने घर चले जाते है
घर के भी अन्दर बहुत जादे गर्मी होने लगती है
गीता जाके एक गिलास पानी लेकर आओ तो
पानी कहां से लाऊ पानी घर में नहि है
अरे ऐसे कैसे, पानी में आज हि लाया तबतक ख़तम हो गया
हा इतनी गर्मी है कि फ्रीज भी जल गया और पानी का तो पूछो हि मत
तभी उनके घर में आग लग जाती है
अरे भागो गीता नहि तो हमलोग नहि बचेंगे
ओ सब भागने की कोशिश करते लेकिन भाग नहि पाते और अपने हि घर में जलकर मर जाते हैं
इधर गांव वाले भी अपना अपना घर छोड़कर जंगल की ओर भागने लगते है जंगल में जानें के बाद थोडा बहुत आराम मिलता है फिर कुछ देर के बाद रात हो जाति है
अरे ये सब क्या हो रहा है इससे पहले इतनी खतरनाक गर्मी कभी नहि पड़ी पर आज क्या हो गया है सूर्य देवता कों
अरे भाई मै तुम लोगो से पहले हि कहां करता था कि पेड़ मत कटो लेकीन तू लोगो ने वही कीया जो नहि करना चाहिए था आज हमारे धरती पर पेड़ कम पड़ गए है ईस लिए इतनी गर्मी पड़ रही है
मेरी बात गौर से सुनो और सांत रहो पेड़ काटने से इस तरह अचानक गर्मी नहि पड़ती बात कुछ और है
मुझे लगता है हमारे गांव को किसी का श्राप लगा होगा तभी ऐसे हो रहा है
हा मुझे भी वही लगता है
अगर ये बात चलो साधु बाबा के पास
ये कहकर ओ सब रात को हि साधू बाबा के पास जाते है
बोलो क्यू आए हो यहां
ये सुनकर सभि लोग बाबा को सबकुछ बता देते है
अच्छा तो ये बात है
ये सुनकर साधू बाबा अपनी अख बंद कर लेते है और फिर ओ अपनी अख खोलते है
देखो तुम लोगो ने एक बहुत बड़ी गलती कि है
कौन सी गलती बाबा
तब बाबा उस बूढ़े आदमी के बारे में सबकुछ बता देते है
ये सुनकर सोहन भोलता है
Xहा बाबा ये सच है कि हमलोग ने उस बूढ़े आदमी को गांव से बाहर कर दिया था
हा ओहि आदमी ये सब कर रहा है
लेकिन बाबा ओ आदमी काहा मिलेगा हमलोग उससे माफी मांग लेंगे
नहि ऐसे नहि हो सकता क्यो की ओ मर चुका है और भूत बन गया है
क्या