Рет қаралды 308
मित्रो,
'लाइट ऑफ एशिया' अर्थात गौतम बुद्ध जिसने अपनी शिक्षाओं से इस देश को वाकई में विश्वगुरु बनाया। इनके प्रयास एवं प्रोत्साहन से तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला जैसे महानतम विश्वविद्यालय स्थापित हुए। हमारा देश उस समय विदेशी छात्रों को बेहद आकर्षित करता था इसलिए उनसे सदैव भरा रहता था।
इस देश को जानने देखने के लिए फाह्यान, ह्युंसांग, इत्सिंग जैसे चीनी यात्री आए और इस देश की समृद्धि, बौद्धिक संपदा, बौद्ध संस्कृति के बारे में विपुलता से व बेजोड़ लिखा।
इनकी शिक्षाओं व मान्यताओं के बल पर भारत विशाल व मजबूत देश बना। मौर्य साम्राज्य व सम्राट अशोक के बारे में आप जानते ही होंगे। यह सब इन्हीं बुद्ध की देन थे। सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य ने तो सिकन्दर के सेनापति सिल्यूकस को हरा कर यवन साम्राज्य को घुटनों पर ला दिया था। बाद में हुई संधि के मुताबिक चन्द्रगुप्त ने सिल्यूकस की बेटी हेलेना से विवाह कर लिया और सिल्यूकस से काबुल, कंधार, गांधार, बलूचिस्तान आदि का सब हिस्सा ले लिया। सिल्यूकस ने इनके दरबार में अपना मेगस्थनीज नाम का राजदूत भी छोड़ा। इसी राजदूत द्वारा लिखी गई पुस्तक 'इंडिका' भारतीय मौर्य काल व बौद्ध सभ्यता का सुंदर खाका प्रस्तुत करती है।
इतना सब जानकर मेरा मानना है,
'जो जीता वो सिकन्दर नहीं' बल्कि 'जो जीता वो मौर्य' होना चाहिए।
इस साक्षात्कार में डॉ. विश्वम्भरनाथ प्रजापति से इन्हीं गौतम बुद्ध व इनकी अवधारणाओं पर वार्ता हुई है। मैं उम्मीद करता हूँ ये वार्ता आपको जरूर पसंद आएगी व आपका ज्ञानवर्धन भी करेगी।