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सत्संग - गीता के रहस्य और विवेक क्या है ?
भगवान श्रीकृष्ण के हजारों वर्ष पश्चात् परावर्ती जिन महापुरुषों ने एक ईश्वर को सत्य बताया, गीता के ही सन्देश वाहक हैं। ईश्वर से लौकिक, पारलौकिक सुखों की कामना, ईश्वर से डरना, अन्य किसी को ईश्वर न मानना, यहाँ तक तो सभी महापुरुषों ने बताया किन्तु ईश्वरीय साधना, ईश्वर तक की दूरी तय करना- यह केवल गीता में ही सांगोपांग क्रमबद्ध सुरक्षित है। गीता से सुख, शान्ति, समृद्धि तो मिलती है किन्तु यह अक्षय, अनामय परमपद भी देती हैं। इसे प्राप्त करने के लिए देखें श्रीमद्भगवद्गीता की शाश्वत टीका “यथार्थ गीता” |
पूज्य स्वामी श्री अड़गड़ानन्दजी महाराज के मुखारविन्द से निः सृत वीडियो प्रवचनों का संकलन - संतों के गूढ़ पदों के सन्देश |
दिनांक : १९ - ०९ - २००० - श्री परमहंस आश्रम - शक्तेषगढ़
‘Vishwagaurav’ (Pride of the World), ‘Bharatgaurav’ (Pride of India), ‘Vishwaguru’ (the Man of the World and prophet) for his work ‘Yatharth Geeta’ (commentary on Srimad Bhagavad Gita) Title was conferred on the reverend Swami Ji by the World Religious Parliament.
The Audio and the text of the Book, Yatharth Geeta is available in various International (English, Russian, French, German, Spanish, Chinese, Italian, Norwegian, Dutch, Portuguese, Arabic, Japanese, Persian, Nepali and Urdu) and Indian languages (Hindi, Bengali, Assamese, Gujarati, Marathi, Tamil, Telugu, Malayalam, Kannada, Oriya, Sindhi, Sanskrit, Punjabi).
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