कमाल की पोएट्री और कमाल की गायकी !!!! दिल में इक लहर सी उठी है अभी कोई ताज़ा हवा चली है अभी कुछ तो नाज़ुक मिज़ाज हैं हम भी और ये चोट भी नई है अभी शोर बरपा है ख़ाना-ए-दिल में कोई दीवार सी गिरी है अभी भरी दुनिया में जी नहीं लगता जाने किस चीज़ की कमी है अभी तू शरीक-ए-सुख़न नहीं है तो क्या हम-सुख़न तेरी ख़ामुशी है अभी याद के बे-निशाँ जज़ीरों से तेरी आवाज़ आ रही है अभी शहर की बे-चराग़ गलियों में ज़िंदगी तुझ को ढूँडती है अभी सो गए लोग उस हवेली के एक खिड़की मगर खुली है अभी तुम तो यारो अभी से उठ बैठे शहर में रात जागती है अभी वक़्त अच्छा भी आएगा 'नासिर' ग़म न कर ज़िंदगी पड़ी है अभी - नासिर काज़मी
@sudhirthapliyal9116 жыл бұрын
My fav gazal for past 40 years . Ali Saab is superb . No one quite like him .
@shahidmirza96793 жыл бұрын
really a great conspicious voice,with listen these verses soul travels to a strange world of imagination.