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मुगल शहजादों में उत्तराधिकार का कोई नियम नहीं था। बादशाह के बूढ़ा होते ही मुगल शहजादे एक दूसरे की हत्या करने में जुट जाते थे तथा अंत में जो शहजादा जीवित बचता था, वह मुगल तख्त का अधिकारी होता था। जब शाहजहां ने दारा शिकोह को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया तो शाहजहां के छोटे शहजादे दारा शिकोह के खून के प्यासे हो गए और उन्होंने दारा शिकोह को काफिर तथा इस्लाम का अपराधी घोषित कर दिया। क्योंकि दारा शिकोह ने हिन्दुओं के 52 उपनिषदों का फारसी में अनुवाद किया था तथा हिन्दू ग्रंथों का इस्लामिक ग्रंथों से तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करके यह सिद्ध किया था कि दोनों धर्मों की बातों में अधिक अंतर नहीं हैं।
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