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एक साहसिक एवं सुखद यात्रा| इस यात्रा में पहाड़ का उतार-चढ़ाव, समतल, झरने, नदियाँ, जंगल सबकुछ मिलता है| यह यात्रा है रोहतास जिला के चेनारी प्रखंड में गुप्ताधाम की| कैमूर पहाड़ी पर गुफा में स्थित गुप्ताधाम की ख्याति शैव केन्द्र के रूप में है| इस क्षेत्र में भगवान शंकर व भस्मासुर से जुड़ी कथा को जीवंत रखे हुए व पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भस्मासुर से भयभीत होकर भगवान शिव को भागना पड़ा था| वह इसी धाम की गुफा में आकर छुपे थे| भगवान विष्णु ने पार्वती का रूप धारण करके भस्मासुर को अपने सिर पर हाथ रखकर नृत्य करने का प्रस्ताव रखा| देवी पार्वती से शादी करने के लोभ में भस्मासुर ने जब अपने सिर पर हाथ रखकर नृत्य शुरू किया, तो भगवान शिव से प्राप्त किए गए वरदान के कारण वह जलकर भस्म हो गया|
बाबाधाम की तरह गुप्तेश्वरनाथ यानी ‘गुप्ताधाम’ श्रद्धालुओं में काफी लोकप्रिय है| यहां बक्सर से गंगाजल लेकर शिवलिंग पर चढ़ाने की परंपरा है| गुफा में गहन अंधेरा होता है, बिना कृत्रिम प्रकाश के भीतर जाना संभव नहीं है| पहाड़ी पर स्थित इस पवित्र गुफा का द्वार पर जाने के बाद सीढियों से नीचे उतरना पड़ता है| द्वार के पास 18 फीट चौड़ा एवं 12 फीट ऊंचा मेहराबनुमा है| सीधे पूरब दिशा में चलने पर पूर्ण अंधेरा हो जाता है| गुफा में लगभग 363 फीट अंदर जाने पर बहुत बड़ा गड्ढा है, जिसमें सालभर पानी रहता है| इसलिए इसे ‘पातालगंगा’ कहते है|
इसके आगे यह गुफा काफी सँकरी हो जाती है| गुफा के अंदर प्राचीन काल के दुर्लभ शैलचित्र आज भी मौजूद हैं| इसी गुफा के बीच से एक अन्य गुफा शाखा के रूप में फूटती है, जो आगे एक कक्ष का रूप धारण करती है| इसी कक्ष को लोग नाच घर या घुड़दौड़ कहते हैं| रोशनी का समुचित प्रबंध नहीं होने के कारण श्रद्धालु नाच घर को नहीं देख पाते हैं| यहां से पश्चिम जाने पर एक अन्य संकरी शाखा दाहिनी ओर जाती है| इसके आगे के भाग को तुलसी चौरा कहा जाता है|
इस मिलन स्थल से एक और गुफा थोड़ी दूर दक्षिण होकर पश्चिम चली जाती है| इसी में गुप्तेश्वर महादेव नामक शिवलिंग है| गुफा में अवस्थित शिवलिंग वास्तव में प्राकृतिक शिवलिंग है| शिवलिंग पर गुफा की छत से बराबर पानी टपकता रहता है| इस पानी को श्रद्धालु प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं| वही गुप्ताधाम से लगभग डेढ़ किमी दक्षिण में सीता कुंड है, जिसका जल बराबर ठंडा रहता है| यहां स्नान करने का अद्भुत आनंद है|
इस स्थान पर सावन महीने के अलावा सरस्वती पूजा और महाशिवरात्रि के मौके पर मेला लगता है| सावन में एक महीना तक बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और नेपाल से हजारों शिवभक्त यहां आकर जलाभिषेक करते हैं|
रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम से करीब 55 किलोमीटर दूरी पर स्थित गुप्ताधाम गुफा बाबा गुप्तेश्वर धाम में पहुंचने के लिए रेहल, पनारी घाट और उगहनी घाट से तीन रास्ते हैं जो दुर्गम रास्ते है| अब नया रास्ता ताराचंडी धाम के पास से है| इस रास्ते से पहाड़ी पर वाहन भी जाती है|
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