नितिन साहेब के ग्यान को समझना बच्चो का खेल नही हैक्यो कि ये कबीर साहेब का मूल ग्यान हैबिना कबीर साहेब के कृपा बिना कोई भी इस ग्यान को समझ ही नही सकता साहेब बन्दगी सतनाम 🙏
@SurendraKumar-nc1qo4 күн бұрын
साहेब बंदगी गुरु जी
@rajphotos3964 күн бұрын
Saheb bandagi guru ji 🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏
@sahilbhardwaj65683 күн бұрын
Thanks pita ji
@balbirsinghtomar65333 күн бұрын
6:48 6:48 साहेब अकल बिहूने मिलावट दास इस बानी मैं कही भी कमल चक्र का जिक्र नहीं है किंतु आपने अपने मन के मते। चक्र जोड़ दिया यानी आपने इसमें मिलावट करदी साहेब हम देह मैं तो हरदम आते है कभी कुत्ते बनते है तो गधे तो कभी इंसान। अब यह ये बानी बोल रही है घर ही माही पाया यानी इस काया मैं ही पाया अब आप काया को ही नही जाने आप सूक्ष्म और स्थूल शरीर को ही नही जाने। ये। हाड़ जाम l खून का शरीर तो मरने के बाद छूट जाता है साहेब अकल बिहूने फिर भी तो आपके कोई और शरीर होगा ये विचार नहीं किया आपने। क्या आपका ये शरीर छूट गया तो आप यम राज के पास किस शरीर मैं गए साहेब अनुभव करके अचरज रूप देखा मैने फिर मेरा मन कितहू जाया था। फिर मेरा मन और कही नहीं गया सिर उस मै ही लग गया अब आपने। इसमें आपने अपने मन के मते फिर जोड़ दिए इसमें कही भी न शब्द का जिक्र है ना ये है कि बो बोलने में आता नहीं फिर भी आपने मन का मत जोड़ दिया भरमाऊ दास जी साहेब अकल बिहूने मानक का मतलब है हीरा तो साहेब मिलावट दास जी उर्फ भरमाओं दास जी आप अपने मन के मते जोड़ रहे हो आपको कोई ज्ञान नहीं आप गुरु नामक की बानी मैं भी अपने मन के मते जोड़ रहे हो जो उसमें लिखा ही नहीं अब साहेब गरीब दास जी बोलते है हीरे माणिक मोती बरसे ये जग चुगता ढेल रे आप। मानक को यानी हीरा ठहराव बता रहे हो। जबकि। हीरा कहा पर बरस रहे है ये नहीं जाने। मिलावट दास