गुरुजी आपके चरणों में शत-शत नमन आपके प्रयास से लाखों लोग लाभान्वित हो रहे हैं और उसका लाभ उठाना है इसलिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद
@BhartSinag6 ай бұрын
👏👏👏🙏🙏🙏🎉
@bhagwatidevi72132 жыл бұрын
अति सुन्दर भजन🌹🙏
@Ramesh-jj8nu2 жыл бұрын
Jay ho
@MaganlalNinama-h5z Жыл бұрын
कोटि कोटि नमन मेरे गुरु जी को
@kabirsahib3688 Жыл бұрын
SAT Sahib 🙏🏻🙏🏻 ji
@Namdevbeo7612 жыл бұрын
JAI SATGURU DEV JI JAI SATGURU🙏🙏 JAI SATGURU KABIR DEV
@girrajsharanmittal62782 жыл бұрын
जय जय श्री गुरुदेव महेश्वर महाकाल बाबा। बहुत सुन्दर भजन 🙏🌹🙏🌹🙏
@Jayagamad6 ай бұрын
Bagvan vishanu ki Jay ho
@RamKumar7546-u5s7 ай бұрын
🎉🎉🎉🎉🎉
@sanjaykandalkar43372 жыл бұрын
कोटी कोटी नमण दीप गुरुजी साहब पखवाद या तबला के ताल पे गायेंगे तो महाराष्ट्रीयण लोगों को और भी सुंदर 🙏🙏🌹🌹
@babahpshort67332 жыл бұрын
ओम शिव गोरक्ष नाथ भगवान की जय
@yashodabundel83552 жыл бұрын
Ati sundar, dil ko chhu lene vala bhajan gurudev ji👌👌 🙏🙏💐💐jay ho 💐💐🙏🙏
@parmodpandey81742 жыл бұрын
I hearing your word daily
@AnkitJigar-uj9ec6 ай бұрын
Sahi hai Bhai
@RamKumar7546-u5s9 ай бұрын
❤❤❤❤❤❤❤❤❤
@NASHIVKUMARNASHIKNASHIK-lp8sz7 ай бұрын
संत रामपाल जी महाराज ही एक मात्र सत् गुरूदेव पुरा दुनिया में है।
@niranjan8080 Жыл бұрын
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@100gunmeenaindian62 жыл бұрын
Very nice good bhajan Thanks sir ji aap ke pairo me pranam bhagchand ka Rajasthan se👍👍👍👍👏👏👏💓💓👑👑👑❤❤❤🤗🤗🤗🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🍊🍊🍊🍓🍅🍅🍍🍍🍏🍎🍎👍💓💓👍👏👏🙏👑❤💘💘💘👑🙏👍👍💓🤗🤗 इसमे जो फल है उसको कबीर जी महाराज को खिला दिजीये
@salikramsoni45602 жыл бұрын
[21/1, 15:59] Shalekh Gram Soni: ।।मुक्तक छंद कविता।।तीन लोक का राजा है यम राज, साढे तीन लाख ब्रम्हांडो का है महाराजा काल ब्रम्ह। इस महामाया प्रकृति का पति भी काल ब्रम्ह, और हम सबका पिता परमेश्वर पूर्ण पारब्रम्ह।।00।।सात द्वीप नौ खण्ड मे सारशब्दी सतगुरु सतधामी से बडा ना कोय। कर्ता करे ना कर सके सतगुरु करे सो होय।।01।।इसे लखने से इन्द्र थक गये, ब्रम्हा थक गये पढते वेद पुराण। गोरखनाथ दत्तात्रेय वशिष्ट व्यास मुनि, शंभू थाके धर धर ध्यान। कहे कबीर लखे कोई विरला, सतगुरु लगे रहे चित्त परमपिता जी की पहचान।।ऐसा सारशबद चित्त मे लखाया सतगुरु सतधामी ने और परमप्रेम भी सिखाया। मुझे तो सतगुरु सतधामी ने सारशबद अखण्ड चित्त मे लखाया।।01।।अब तो मेरे चित्त मे आठो याम शबद झनकारा, जो अंड पिण्ड ब्रम्हांडो से न्यारा।मानव मात्र के चित्त मे समाने वाला, सत सनातन कबीर सुजान का सारशबद अखण्ड पियारा-किया मुझको एक पल मे भवसागर के उस पार,,सतगुरु सतधामी ने।।02।।हम ठहरे संसारी कलिकाल के मानव, नीति अनीति दस्तूर ना जानव। तिनको जैसे बिखरे पडे थे, सबको सारशबद अखण्ड चित्त मे देकर एक कराया-हम सबका जनम मरण का बंध छुडाया,,सतगुरु सतधामी ने।।03।।साल बीसम बीसा से नूरी विदेही बेहदी रुप धर आये इस धरा धाम पर सतगुरु सत कबीर सुजान, घर घर जाकर सारशबद अखण्ड चित्त मे लखा रहे सतगुरु जी महान। अपना दिया गया पुराना वचन निभाने आये, सतधामी सतगुरु सारशब्दी सुजान। साँई अरुण जी महाराज भी रोज ही सतसंग सुनाय रहे, परमपिता का भेद बताय रहे-सुन कर आदेश सतगुरु सतधामी का।।04।।,,सारशब्दानंद,,🙏🏻🌹 [21/1, 16:26] Shalekh Gram Soni: ।।कबीर बीजक पुराना।।अथ पच्चीसवां शब्द।।अबधू वो ततुरा बलराता।नाचे बाजन बाज बराता।।00।।मौर को माथे दूलहा दीन्हो, अकथा जोर कहाता। मडये के चारन समधी दीन्हो, पुत्र विवाहल माता।।01।।दुलहिन लीपि चौक बैठाये, निर्भय पद परभाता। भातहि उलटि बरातहि खायो, भली बनी कुशलता।।02।।पाणिग्रहण भये भव मण्डयो सुषमनि सुरति समाता। कहै कबीर सुनो हो संतो, बूझो पंडित ज्ञाता।।03।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।7898158018-🙏🏻🌹