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भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन दो भगवान!
Watch the video song of ''Darshan Do Bhagwaan'' here - • दर्शन दो भगवान | Darsh...
संसार में यदि मनुष्य को कर्म के साथ धर्म के सही सामंजस्य को समझना हो तो इसके लिए श्रीमद् भगवत गीता से बड़ा ग्रंथ नहीं हो सकता। यह ग्रंथ दिव्य है इसीलिए विश्व में सनातन धर्म के अलावा अन्य धर्मों को मानने वाले मनुष्य भी श्री मद् भगवत गीता और श्री कृष्ण के अनुयायी है। सनातन धर्म में श्री भगवान कृष्ण को सोलह कलाओं से पूर्ण अवतार माना गया है। मानव जीवन से जुड़े सभी प्रश्नो का उत्तर आपको श्रीकृष्ण के जीवन से मिल सकता है। श्री भगवत् गीता कृष्ण और अर्जुन का संवाद व उपदेशों का संकलन है। इन उपदेशों को आप अपने जीवन में समाहित कर परमात्मा से जुड़ सकते है। “तिलक” अपने संकलन “दिव्य कथाएं” के इस चरण में श्री कृष्ण से जुड़े प्रसंगों को आपके समक्ष प्रस्तुत करेगा। भक्ति भाव से इनका आनन्द लीजिये और तिलक से जुड़े रहिये।
समस्त गोकुलवासियों को बाल कृष्ण की अलौलिक लीलाओं में आनंद आने लगता है। बाल कृष्ण अपनी मण्डली के लिए घरों से माखन चुरा कर लाते और खिलाते है। ग्वालिनें भी चाहती है कि उनके द्वारा बनाया माखन जब बाल कृष्ण खाए तो वह उनकी बाल लीलाओं का आनंद ले सके। वह सब जब भी बाल कृष्ण को माखन चोरी करते हुए पकड़ती है तब यशोदा से शिकायत करने के बहाने बाल कृष्ण अपने साथ नचाती और चुंबन करती है। गोलाक में बैठे भगवान श्री कृष्ण राधा जी को बताते है कि यह सब ग्वालिनें पिछले जन्मों में बड़े-बड़े सिद्ध और तपस्वी थे, जिन्होंने धोर तपस्या करके उनसे माता-पुत्र का रिश्ता माँगा था। इसलिए उन सबको योगमाया के प्रभाव से इस जन्म में ग्वालिनें बना कर उन सबकी इच्छा पूरी करते हुए मातृत्व सुख प्रदान कर रहे है। बाल कृष्ण को ग्वालिनों को नाचता छोड़ माखन चुराकर अपने सखाओं के लिये ले जाते है और बाल कृष्ण के इस तरह छल से चुपचाप माखन ले कर भाग जाने पर जब कुछ ग्वालिनें यशोदा से उलाहना करने की बात करती है तो कुछ ग्वालिनें बाल कृष्ण के सानिध्य के आनंद को अनमोल बता उलाहना करने से मना कर देती है।
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