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फागुन के महीने में गीतों की बात करूँ तो होरी,उलारा,चैती,चैता फगुआ,डेढ़ ताल,तीन ताल,चौताल जैसे अनेकों गीत गाये जाते हैं।ये एकल और सामूहिक दोनो ही रूपों में गाये जाते हैं।श्रृंगार भाव के गीत इनमें ज्यादा गाये और सुने जाते है ।
त्योहार को मेल जोल का भी समय माना जाता है क्यूंकि त्योहार के बहाने लोग घर आते हैं और यार दोस्त घर परिवार में सभी से मिलते हैं।वहीं दूसरी ओर बहुत सारे परदेसी अपने घर किसी कारणवश नही आ पाते ऐसे में एक बिरहिन के मनोभाव के बहुत से गीत गाये जाते हैं।
मेरा ये होरी,उलारा,बारहमासा सुनिये और शेयर करिये।
स्वर- संजोली पांडेय
संगीत-सचिन अमित 9891059280
नृत्य परिकल्पक- राघवेंद्र सिंह
वीडियो-नीरज पांडेय,विपुल मिश्रा
रिकॉर्डिस्ट- सागर