अतिथि शिक्षक तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है। कोशिश करते रहो , कोशिश करने वालो की कभी हार नही होती है।
@sciencephysicsandnature60413 ай бұрын
अतिथि शिक्षक तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है। कोशिश करने वालो की कभी हार नही होती।
@uttarakhandgovernmentschoo37263 ай бұрын
बहुत सुन्दर प्रयास
@uttarakhandi19843 ай бұрын
NIce🎉
@shashipundir74473 ай бұрын
बीर तुम बड़े चलो बड़े चलो बड़े चलो 😍😍
@RAKESHSINGH-nj9gb3 ай бұрын
अब अतिथि ढोल ही बजाने लायक है
@BHARATUK053 ай бұрын
Atithi teacher ka sath ab vipaksya b nhi deri ...mtlb saaf h sb mille hai ji ...
@sciencephysicsandnature60413 ай бұрын
आएंगे आएंगे , ये पब्लिक है सब जानती है।
@amitbora33413 ай бұрын
अतिथि शिक्षक को किसी के साथ आने ना आने से कोई फर्क नहीं पड़ता उनकी सरकार से कोई लड़ाई नहीं है वह सरकार के समक्ष शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगे रख रहे हैं सरकार चाहेगी कि उनके लिए कोई सुरक्षित रास्ता निकाले वह किसी के दुश्मन नहीं है हमारे उत्तराखंड राज्य के ही है हमारे ही भाई बहन है
@BHARATUK053 ай бұрын
@@amitbora3341 ladae nhi h to virodh kyu🤣
@amitbora33413 ай бұрын
@@BHARATUK05 संविधान में अपनी मांगों को रखने का अधिकार है चुपचाप तो मां भी अपने बच्चों को कभी दूध नहीं पिलाती संविधान की दायरे में रहकर अपनी मांग को मंनवाने का यह एक मात्र तरीका है
@RAKESHSINGH-nj9gb3 ай бұрын
यदि आप लोगो को भविष्य सुरक्षित नहीं लगता है तो छोड़ दो
@sciencephysicsandnature60413 ай бұрын
इस का निर्धारण विद्यालय में पड़ने वाले छात्र छात्राये और सरकार करेगी, ये गेस्ट टीचर राज्य स्तर पर की मेरिट लिस्ट में चयनिका होकर सेवा दे रहे है। 9 साल से अपनी सेवा दे रहे है।
@RAKESHSINGH-nj9gb3 ай бұрын
स्थाई भर्ती में दम दिखाओ ढोल बजाने से कुछ नहीं होता वरना सभी ढोल ही बजा लेते
@amitbora33413 ай бұрын
सबसे पहले तो स्थाई वालों को ही घर बैठने की जरूरत है नौकरी मिलने के बाद उन्होंने बच्चों का भविष्य चौपट कर रहा है सैलरी और प्रमोशन के अलावा उन्हें कुछ दूसरा दिखाई नहीं देता इसलिए परमानेंट तो ना किसी को करना है और ना ही परमानेंट भारती निकालनी चाहिए जो स्थाही वाले हैं उन्हें भी जबरदस्ती सेवानिवृत्ति करके घर भेज देना चाहिए हमेशा गेस्ट टीचर होना चाहिए जिससे बच्चो का भी हित है