हटाया गया DM; लेखपाल ने मांगा था नाश्ता तो थमा दिया था बड़खारती की नोटिस! मामला उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद का है जब 110 लेखपालों को नियुक्ति पत्र बांटा जा रहा था। लेखपाल ने नाश्ता मांगा तो उसे बर्खास्तगी की नोटिस थमा दी गई।
Пікірлер: 531
@successpoint7862Ай бұрын
यदि लेखपाल ने नाश्ता मांग ही लिया तो जिलाधिकारी महोदय का कर्तव्य था कि उन्हें पानी ,नाश्ता देना चाहिए इसमे गलत बात क्या है,धन्यवाद पत्रकार महोदय जो सही बात सामने लायी,और हम आशा करते हैं आपसे कि गलत इंसान ही होता है,पूरा मुकाम नही आप सही बात को सामने लाये हम आपके साथ है, जो सही हो वो खबर में लाये चाहे ,वो जनता कि आवाज हो या जनता से आये हुए कर्मचारियों की
@studyforcivilserviceandgov3488Ай бұрын
Arey Nashta to chhodo Collectorate se jo duties lagti 30-40 km Durr uske liye Jane or aane ka kharche ki baat ager koi meeting bol de to unko aise draya jata hai ki dubara koi na bole
@anilpoonia723123 күн бұрын
Promoted to IAS not original IAS
@sanandanbhatt2253Ай бұрын
मा. मुख्यमंत्री जी का सही फैसला येसे हीvip कल्चर खत्म हो गा लेखपाल भाई की क्या गलती अगर भूखे थे और मांग ही लिया तो दरियादिली यह थी कि तुरंत मगाकर नाश्ता करा देते
@rishideepsinghАй бұрын
अरे न करा देते लेकिन बर्खास्त करने की क्या जरूरत थी
@2RamlalАй бұрын
@@rishideepsinghसबक सिखाने के लिए ही तो बेचारू इतना मेहनत कर के DM बने.. वरना खाने पीने भर जरूरत तो DM बाबू के माता पिता ही पूरी कर देते..
@tusharsahu5993Ай бұрын
उस बिचारे नवनियुक्त लेखपाल को शायद ये ना पता रहा होगा की डीएम साहब और केंद्रीय मंत्री के सामने जो नाश्ता परोसा गया है। उसकी व्यवस्था उनके किसी सीनियर लेखपाल ने ही किया है।।
@dr.mushtaqalivaidya931Ай бұрын
Main ne 8 saal Lekhpal ki naukri ki aur baad mein resign kar ke University chala gaya tha. University ke kaam se Noida Tehsil gaya hua tha jahan DM saheb a rahe the. SDM saheb ne mujhe dekha aur dher sare saaman ki list dekar fauran lane ka huk de diya. Woh samjhe main abhi Tehsil ki mulazmat mein hun. Wahan sab uper walon ko dekh kar hi loot khasot karte hain.
@mohit17936Ай бұрын
100 pratishat ye hihakikat hai
@NarendraYadav-hm7kfАй бұрын
ये कैसा कलेक्टर है, दस,बीस लोगों के लिए खानपान की व्यवस्था नहीं कर सकते, लानत है ऐसे अधिकारी को। कल इन्ही लेखपालों से काजू पिस्ता खायेंगे
@shripatiyadav6137Ай бұрын
नव चयनित लेखपाल गलत नहीं किया है। यदि नाश्ता सम्भव नहीं था तो एक बिस्कुट और एक कप चाय ही दे दिया जाता।बैठक में तो समरूपता होना चाहिए था।
@arjunsuriyal9343Ай бұрын
बजट कम होगा
@abhay......7164Ай бұрын
Budget lekhpal ke dwara he diya jata hai bhai@@arjunsuriyal9343
@truth640Ай бұрын
Higher officers are busy.Lekhpal was wrong.Suppose whether cm is meeting with pm and a DM demands equal Nashta.whether he will get ?
@varundubey007Ай бұрын
डीएम को स्वयं से पहले मातहतों का ध्यान रखना चाहिए ..यही नैतिकता है
@Mister_YoddhaАй бұрын
Sir, digital attendance pr kuch video banaye.. : basic education....
@bpyadav5231Ай бұрын
आदरणीय दुबे जी आपकी पत्रकारिता को बारंबार प्रणाम है।यह परिवर्तन आपके प्रयास से ही हुआ है
@oxidegamerz700Ай бұрын
Vip खत्म कराएं, किसान से फीस लेना चाहें सरकार हो या लेखपाल बंद कराएं,आजकल बजाय खाता के गाटे के अनुसार फीस ले रही है,जिसमे किसान के जितने खेत उतनी फीस वसूली जा रही है ,पहले खाते में जितने खेत होते उसके अनुसार फीस ली जाती थी,इसके लिए लेखपाल या अन्य को वेतन व भत्ते समय के अनुसार दिए जाएं।भ्रस्टाचार नीचे से नही ऊपर से बंद हो सकता है।इससे समाज का भला होगा,आप प्रयास करें।
@AnkitKumar-cr8xcАй бұрын
लेखपाल को जितने काम करने पड़ते हैं अगर सही से आकलन किया जाए तो उनकी सैलरी कम से कम डेढ़ लाख से शुरू होनी चाहिए
@anityadav135Ай бұрын
Sahi baat bhai 👍
@asifjamal3820Ай бұрын
@@AnkitKumar-cr8xchnn
@devverma3725Ай бұрын
भ्रष्टाचार कभी बंद नहीं होगा क्योंकि नैतिकता सबकी मर चुकी है।
@VinodSingh-xy8lbАй бұрын
मैं जौनपुर में अपने खेत की नाप करवाया था, बड़ी मिन्नत के बाद लेखपाल 5000 में माना था, कच्ची के 5000 और पक्की के 8000। आपको धरातल की वास्तविकता पता नहीं है। लेखपाल के लिए 200 रुपए कम लग रहे हैं परंतु सच्चाई यह है किसी भी नाप या पैमाईश में यह लोग हजारों के नीचे बात नहीं करते हैं।
@shailendrasonwani8256Ай бұрын
आपको पता ही नही है लेखपाल को पक्की नाप का अधिकार ही नही है पक्की नाप राजस्व निरीक्षक करता है
@DevRaj-se5biАй бұрын
You.r.right
@AshishTiwari-sh6yxАй бұрын
नाप के अधिकार ही नही है लेखपाल को,,, आप खुद गलत तरीके से गलत काम करवा रहे हो उससे
@p.k.saxena4444Ай бұрын
आपकी बात सत्य है।
@kingrahultiwariАй бұрын
Kaun kachhi naap lekhpal se karwa rahe the..apko khud kanoon ki samjh nhi
@apverma3191Ай бұрын
चपरासी बन जाना लेकीन लेखपाल नहीं बनना। हर राजस्व अधिकारी इनको मानसिक रूप से परेशान करता है। क्षेत्र में छुटभैया नेता तो पीछे पड़े रहते हैं , कोई आईजीआरएस करता है कोई विडियो बना लेता है बहुत मुस्कील है आज के समय में नौकरी करना
@studyforcivilserviceandgov3488Ай бұрын
Aap kis adhar per aisa bol sakte ho?
@user-zy2cg2db3oАй бұрын
बहुत मोटी मलाई लेखपाल को मिलती है
@KrishnaKumar-so6grАй бұрын
संघ से ताल्लुकात रखो तो चपरासी आईएएस बन सकता है 😮 पूजा
@s.psingh8987Ай бұрын
Bahut Malaai khaate hain lekhpal bhi aur Malaai le ke bhi kaam nahi karte.
@uttarpradeshwaale1711Ай бұрын
Sabse jyaada gareeb kisaano ko yahi lootne ka kaam karte h
@RajeshMishra-gc9zxАй бұрын
एसडीएम डीएम के बंगले का खर्च यही लेखपाल उठाते हैं तो भ्रष्टाचार होगा ही। अधिकारियों का हाल बहुत खराब है।
@pranayshukla9506Ай бұрын
बहुत ही सही पॉइंट आपने समझा है। प्रणाम दादा
@krbsinghlaniАй бұрын
ऐसी व्यवस्था ही बन गई है की रिश्वतखोरी हर विभागों में व्याप्त है l रिश्वतखोरी को समाप्त करने के लिए योजनाएं बननी चाहिए l इस देश में जिसको भी मौका मिलता है रिश्वत लेने का या भ्रष्टाचार करने का वह करता ही है अब चाहे डॉक्टर हो वकील हो सरकारी कर्मचारी हो व्यापारी हो नेता हो या उद्योगपति हो l सरकार को निष्पक्ष तरीके से हर विभाग की समस्या को सुनना चाहिए और उसका निराकरण करना चाहिए l लेखपाल की समस्या को सुना नहीं जाता उनकी हड़ताल को दबा दिया जाता है और उनका उत्पीड़न किया जाता है l भूमि से संबंधित कानून में कमियां है अवैध कब्जे लोगों ने बहुत किया हुआ है लेखपाल के हाथों में सारी शक्ति नहीं होती है लेखपाल को कानून के दायरे में रहकर काम करना होता है लेखपाल ऐसा कर्मचारी है जो हर शिकायत का जवाब लिखित रूप मैं देता है जिसको लेकर लोग कोर्ट से लेकर के बड़े अधिकारियों तक के पास में जाते हैं और ऐसे में यह आरोप लगाना की लेखपाल गलत कार्य करते हैं या ठीक नहीं है l यदि आपके अनुसार लेखपाल कार्य करें तो ठीक यदि आपके विपरीत कार्य कर दिया तो लेखपाल गलत हो जाता है घूसखोर हो जाता है 😂 राजस्व विभाग में एक लेखपाल ही है जो सभी अधिकारियों के कार्य खुद ही करता है किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त होती है वह सीधे लेखपाल को ही भेज दी जाती है चाहे वह लेखपाल से संबंधित हो या नहीं हो और लेखपाल को उस पर रिपोर्ट लगानी ही पड़ती है । जो लोग यह कह रहे हैं कि लेखपाल जमीन नापने के पैसे लेते हैं उनको शायद यह भी नहीं पता कि लेखपाल सिर्फ सरकारी जमीन का ही देखरेख करते हैं जबकि प्राइवेट जमीन का कार्य राजस्व निरीक्षक द्वारा किया जाता है l क्षेत्र में काम करते वक्त लेखपालों पर हमला हो जाता है और जब वह FIR लिखवाने जाता है तो उसकी FIR नहीं लिखी जाती लेखपालों को धरना प्रदर्शन करना पड़ता है FIR लिखवाने के लिए😂 लेखपाल कार्य के दबाव में व कम तनख्वाह के कारण नौकरी छोड़ कर दूसरे विभाग में चले जाते हैं अगर आप लेखपालों से पूछेंगे तो कोई लेखपाल इस विभाग में रहना नहीं चाहता सिर्फ एक कारण है जो लोग यहां पर रुकते हैं ताकि वह घर के नजदीक नौकरी कर सके और उसके ऊपर अधिकारियों की मानसिकता की यदि कोई लेखपाल अपने घर के पास तहसील में नौकरी करने की अर्जी देता है तो उसे और दूर तहसील में भेज दिया जाताहै😂 जिंदगी भर नौकरी करने के बावजूद आलम यह है कि बहुत सारे लेखपाल लेखपाल के पद से ही रिटायर हो जाते हैं इनका प्रमोशन ही नहीं होता बहुत सारे लेखपाल सर्विस पीरियड में ही कार्य के दबाव कारण परलोक सिधार जाते हैं l एक लेखपाल को एक क्षेत्र दिया जाना चाहिए जबकि कई के पास दो या तीन क्षेत्र होते हैं और अतिरिक्त क्षेत्र का कोई मुआवजा देय नहीं होता l एक जिलाधिकारी दो या तीन जिले संभालता है क्या?😂 जो लोग नए नए ज्वाइन करते हैं बहुत खुश रहते हैं लेकिन बाद में उनसे खुशी का आलम पूछिए जरा😂 हां यदि उनके कार्य के अनुरूप उन्हें वेतन मिलता तो शायद खुश रहते l
@user-nk2qp5xv8qАй бұрын
मुझे भी बड़ा आश्चर्य हुआ था यह सुनकर जब केवल नाश्ता मांगने पर नवनियुक्त कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया।
@user-rm7zy5gg6vАй бұрын
दादा प्रणाम नमन है आपकी पत्रकारिता को ऐसी निर्भीकता और सत्यवादिता दुर्लभ है।
@thephysicscatalyst6048Ай бұрын
Bihar health department ne community health officer ki 4500 vacancy release ki jisme general category k liye ek bhi seat nahi hai, ispe sabhi lapaata hai
@RameshGupta-po2ewАй бұрын
नाश्ता कौन सा डीएम साहब अपने पैसे से खा रहे थे वह भी तो लेखपालों से ही पैसा लेकर तैयार किया गया होगा यदि उसमें से लेखपालों को भी दे दिया जाता तो क्या पाप हो जाता
@ravi23453Ай бұрын
निष्पक्ष रिपोर्टिंग के लिए बारम्बार प्रणाम सर
@basudeosingh98426 күн бұрын
मोदी की नाटकबाजी है। नियुक्ति पत्रों का इस तरह से बांटना। मानो इससे पहले कभी नियुक्तियां हुई ही नहीं।
@devsingh1988Ай бұрын
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय जो आप ने हकीकत से लोगों को अवगत कराया
@ravisavi7149Ай бұрын
धन्यवाद सर! बहुत ही अच्छा विश्लेषण!
@jchaudhary6449Ай бұрын
आदरणीय श्रीमान आपने अपने छोटे से वंतव्य में लेखपालों की तमाम समस्याओं को जनता के समक्ष लाया है इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। लेखपालों के पास इस समय अनगिनत कार्य और अनगिनत समस्याएं हैं आपसे निवेदन है कृपया लेखपालों की जो वास्तविक दिनचर्या कटिनाइयां हैं उन पर आप एक विस्तृत वंतव्य साझा करेंगे। कुछ मेरे भाई लेखपालों के प्रति नकारत्मक हैं या हो सकता ही निजी तौर पर परेशानी का सामना करना पड़ा हो तो किसी व्यक्ति विशेष के व्यवहार से हुई आपको परेशानी से समूचे लेखपाल वर्ग को दोष दिया जाना उचित नहीं है फिर भी आपसे यही आग्रह करूंगा की एक आठ दिवस किसी लेखपाल के साथ गुजारिए तो आप सही मूल्यांकन कर पाएंगे। अन्य छुट्टियों की तो बात ही क्या ये रविवार की छुट्टी भी यदा कदा नसीब होती है।
@CHANDANSingh-wk2diАй бұрын
सह्रदय धन्यवाद आदरणीय दुबे जी ,आपने आज बो दिखया है जो वास्तविकता में हकीकत है ।भर्ती से पहले 1 लेखपाल के पास 15-20 गाँव का चार्ज रहता है ऐसे में काम की अधिकता और चुनाव का काम आदि कर पाना बमुश्किल ह्यो जाता था कभी कभी तो ऐसा लगता था कि काम ह्यो जाए /सूचना चली जाए /रिट आदि कोर्ट पंहुच जाए भले गांठ से 5-10हजार खर्च हो जाये ऐसे भी दिन गुजरते ।कहीं कहीं राजनीतिक व्यक्ति से हॉट टॉक आदि का भी सामना करना पड़ता है इस धरा पर जो भी काम है बिना लेखपाल के सम्भव नही ।दुबे जी आपका बहुत बहुत आभार धन्यवाद ❤❤
@anandkumargautam515229 күн бұрын
सर आप कहावत कहे कि एक मास्टर साहब 400रुपरा में Dug डूग माने कुत्ती पढा़ रहे थे तो उस स्कूल का बदनामी हो रहा था लेकिन आज उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूल के मास्टर की तनख्वाह 60 हजार रुपया है लेकिन एप्पल की इस्पेलींग तक नहीं पता है उस विषय पर भी एक बार बोले ताकी गांव के स्कूल में अधिकतर गरीब के ही बच्चे पढ़ते हैं न की सरकारी मास्टर के बच्चे।
@VipinKumar-ig7xcАй бұрын
अब लेखपाल नियुक्ति पत्र वितरण को किसी पर्व की भांति सरकार ने प्रदर्शित किया ये बहुत ही सराहनीय कार्य है जब प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया में 8 से 9 वर्ष लगते हो तो समारोह होना चाहिए
@aaryadixit3307Ай бұрын
नमन है आपको लेखपाल की समस्या पर सबका ध्यान आकृष्ट करने के लिए। अन्यथा सब लेखपाल के नाम आने पर सब मौन हो जाते है और सब उसे ही दोषी मानते हैं। उनकी पीड़ा कोई नही समझता, सादर प्रणाम आपको
@anitamissra7251Ай бұрын
99.9999%Lekhpal corrupt.
@pradeepsinghyadav193Ай бұрын
बहुत अच्छा काम हुआ है कभी कभी लोग अपने पावर का गलत इस्तेमाल करते हैं।
@kuldeep2373officialАй бұрын
एक मेरे साथी नायब तहसीलदार पद के लिए चयनित हुए थे किंतु नियुक्ति पत्र डाक से ६ माह बाद प्राप्त हुआ। फिर कोर्ट के आदेश द्वारा २ साल बाद नियुक्ति मिली।
@dmb376Ай бұрын
नमन है साहब आपकी पत्रकारिता पर जो इस राम राज्य के कोतूहल में कही खो गई आप जो इतना बेधड़क बोलते हैं क्या बात सरकार की क्या पोल खोलते हैं।
@guruprasadprasad4653Ай бұрын
पंडित जी आपकी पतृकारिताको कोटि-कोटि प्रणाम
@jainarayanbishnoi557122 күн бұрын
मार्कण्डेय जी कहना आपका सटीक है आप बेबाक पत्रकारिता करते है यू पी मे कानून व्यवस्था सुधरी है परन्तु घूसखोरी कम नही हुई और पहले वाले शासन चाहे बहिनजी हो या अखिलेश और अखिलेश के समय तो अंसारी आजम और दो भाई जो मारे गये वो शासन चलाते थे अब बदलाव जरूर आया है
@ashokagarwal8476Ай бұрын
कौन-सा डीएम नाश्ता ही नहीं हिस्सेदारी भी नहीं मांगता है । हजारों से नीचे बाल से काम के ले लेता है समस्त लेखपालों की सम्पत्ति की जांच होनी चाहिए
@user-dx6vz3pj3rАй бұрын
आपका प्रयास सफल रहा गुरुजी, आपको बहुत बहुत बधाई।
@-principalofnature2653Ай бұрын
बहुत बहुत साधुवाद आपको लेखपालों की तकलीफ को समझने के लिए।
@shailendrachauhanr.s.i5821Ай бұрын
महोदय यदि हमारे जायज भक्तों में वृद्धि कर दी जाए तो हमें किसी से किसी प्रकार की धन की आवश्यकता नहीं है
@lalbahaduryadav4486Ай бұрын
लेखपाल गलत नहीं थे, डीएम अहंकारी है।।
@dhaneshwarprasad475221 күн бұрын
नेताओं और बडे औफीसरों को समुचित नियुक्ति पत्र देना भर्ती नियमों का उलंघन है। नियोक्ता ही नियुक्ति पत्र दे सकता है।
@vikasmishra5096Ай бұрын
आपके निष्पछ पत्रकारिता को दिल से प्रणाम
@kshetrapalsharma4105Ай бұрын
जनता के खर्च पर , इस तरह के आयोजनो पर खर्च अवांछित है। जनता तो कराधान से ही पहले से त्रस्त है।
@sohansagar3716Ай бұрын
बहुत बहुत धन्यवाद सर जी, लेखपालों की आवाज उठाने के लिए , प्रदेश के 1500 से 2000 लेखपाल ट्रांसफर का इंतजार कर रहे है, 9 साल से कृपया इस मुद्दे को भी उठाई ये
@BrajbhushanDubeyАй бұрын
ओके
@madhuSingh-xt8evАй бұрын
@@BrajbhushanDubeypranam sar mujhe bahut kuchh aapko batana hai mujhe aapka number chahie ek Mudda aur bhi sar uthaie mujhe aapse baat karni hai please sar main prayagraj se hun mujhe aapka number chahie
@vinodkumartyagi2202Ай бұрын
@@BrajbhushanDubeyप्रदेश सरकार के नोकर हो जिले या ब्लॉक के नही।
@uttarpradeshwaale1711Ай бұрын
@@sohansagar3716 transfer hone par lekhpal bhole bhale kisaano ko lalach dekar thag lejaate h
@siddhstatsАй бұрын
जिला शाहजहांपुर में उच्च अधिकारी द्वारा सभी लेखपालों को आदेश दिया गया है कि अपनी धनराशि से बाढ़ प्रभावितो को भोजन उपलब्ध कराये और सभी लेखपाल ऐसा कर रहे हैं और उसके बाद भी जब बड़े अधिकारी, विधायक और सांसद बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में जाते हैं तो वह लेखपाल को ही डांट लगा रहे हैं।
@satyamsingh2709Ай бұрын
बहुत ही अच्छी ग्राउंड रिपोर्टिंग🙏
@dhamsinghnikhurpa1337Ай бұрын
ये खुद जम के नशता करगे इनको दूसरों का भूख महसूस नहीं होता है
@alokpandey7516Ай бұрын
*ये dm शिक्षा विभाग में सचिव बन गया है।* *टकलू चचा का dm है।*
@rishideepsinghАй бұрын
Adhikari कितना भी अपनी लालफीताशाही नहीं छोड़ते।
@arunsaxena133021 күн бұрын
आइएएस अधिकारी में पागलपन का दौरा क्यों? विचारणीय विषय है। ये मनुष्य क्यों नहीं बन पाते।
@azamazam467826 күн бұрын
प्रमोशन कर दिया गया है।सचिव बना दिये गये हैं ।
@Rathi-555524 күн бұрын
साहब पंचायत सहायक की भी आवाज बनो क्योंकि 6000 रुपए है मानदेय है 1 महीने में 10 मीटिंग रखते हैं ब्लाक पर कोई ट्रांसपोर्ट नहीं मिलता
@rohitbramhabhatt7176Ай бұрын
पूज्यनीय दूबे जी प्रणाम 🙏 आपकी ईमानदार पत्रकारिता के लिए सदर नमन वर्तमान समय में आप ही ऐसे पत्रकार हैं जो सही को सही और गलत को गलत कहने की क्षमता रखते हैं न पद का लालच न किसी चीज का भय लेखपाल को गाली देने वाले लोग तो बहुत हैं पर उनके जीवन की जटिलताओं को बिरले ही समझ पाते हैं पुनः सादर अभिवादन
@amitshine1630Ай бұрын
Thanks for supporting lekhapal इस समय हमारा लेखपाल संघ निश्चित रूप से पीड़ा से गुजर रहा है वर्कलोड पहले से बहुत ज्यादा है
@uttarpradeshwaale1711Ай бұрын
@@amitshine1630 sahi baat h rishvat lete hi workload khatm ho jaata h
@ghanshyamsingh675724 күн бұрын
जांच का विषय यह भी है कि डी एम साहब जो नाश्ता कर रहे थे उसमे क्या क्या था और उसकी व्यवस्था किस मद से हुई थी?
@lalchandrmishra5864Ай бұрын
भा ज पा की सरकार मे सबसे बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार हर काम का ढिंढोरा पीटती है लेकिन अपने भ्रष्टाचार का प्रदेश मे महगाई का प्रदेश मे हर पेपर लीक का बेरोजगारी का पुलिस थाना का तहसील मे भ्रष्टाचार का ऐसे तमाम समस्या का ढिंढोरा नही पीटती है
@bhanugurjar967Ай бұрын
जो लोग DM से मिलने जाते हैं उनको भी TA, DA और वाशिंग एलाउंस भी दिला दिया करो।
@bhanugurjar967Ай бұрын
और एक दिन का वेतन भी दिला दिया करो।
@harishgautam9207Ай бұрын
लोग एक ही पक्ष पर बोलते है लेकिन आपने दोनो पक्षों का विश्लेषण किया । ईमानदारी पारदर्शिता ये एक पक्ष है आपने दूसरा पक्ष बताया कम भत्ते का ।धन्यवाद🙏
@yadavs.n670928 күн бұрын
Thanks so much Dubay sir... good Analysis
@sonumishra7528Ай бұрын
शानदार दुबे जी ❤
@pushpsingh1194Ай бұрын
आपका कार् बहुत अच्छा है उच्च अधिकारी हर जिले के कर्मचारियों के लिए शत्रु बन गए हैं केवल मुख्यमंत्री के चार्ट करता में लगे रहते हैं
@colaksingh9620Ай бұрын
लेखपाल नामक सरकारी कर्मचारी समाज में *महाभ्रष्ट और घूसखोर* माना जाता है, ऐसी धारणा है।
@RanjeetKumar-cd5yiАй бұрын
Sir aap jaise imandar aur nirbhik patrakar hi sahi logo ko is kalyug me jine ki aas deta h
@asifjamal3820Ай бұрын
बहुत शोषण होता है लेखपालों का आज घुस के मामले मे लेखपाल बदनाम है ये घूसखोरी को बढ़ावा अधिकारी /शासन के लोग ही अप्रत्यक्ष रूप से देते है
@user-yb2vj2em5m24 күн бұрын
Brajbhushan Dube ji, मौलिक अधिकार के साथ ही साथ राष्ट्र के लिए अपने स्वयं का अनुशासन भी अपेक्षित है। हम भारतीयों को यह घर से भी शिक्षा दी जाती है कि हमें खाने के लिए नहीं बल्कि जीने के लिए खाने चाहिएं। खाने के लिए शिकायत करना और वो भी कुछ लमहे के दौरान,........ इंसानियत को भी झकझोर कर रख देती है। बाकी अपनी-अपनी सोच।
@OmPrakash-hq7yyАй бұрын
यदि लेखपाल बिना पैसे के काम नहीं कर ते तो किसकी जिम्मेदारी बनती है इस सिस्टम को कौन ठीक करेगा
@AnkitKumar-cr8xcАй бұрын
मास्टर लोगो को बिना किसी काम का 60-70 हजार वेतन दिया जाता है तब आप लोग कुछ नही बोलते, लेकिन लेखपाल को 10 गुना वेतन कम मिलता है उनके काम के अपेक्षा तब आपके मुंह में दही जम जाता है
@ArvindSingh-ec1tbАй бұрын
दुबे जी आप जैसे लोग मुद्दा उठाने और सिस्टम पर बोलने वाले कुछ लोग होना चाहिए चुके देश में सिस्टम पर बोलने वाले की संख्या दहाई में भी नही है?
@Abhishekyadav-kx6jcАй бұрын
गुरु जी थाने बिक रहे है, चंदौली का saiyedraja thana प्रभारी 40-50 lakh mounthly निकाल रहा है, ट्रक वालो से बहुत लंबी वसूली हो रही है, मेरे भी 20 truck hai 🙏🙏🙏🙏 इसपर video करे
@BrajbhushanDubeyАй бұрын
ओके
@AnkitShrivas-f1lАй бұрын
शानदारपत्रकारिता
@deenanathdwivedi8202Ай бұрын
आदरणीय! सादर नमन। आपके समाचार वाचन की शैली मौलिक,रोचक शब्द सौष्ठव तथा प्रभावकता अद्वितीय है।
@shailendrachauhanr.s.i5821Ай бұрын
महोदय आपको को अवगत कराना चाहेंगे कि उत्तर प्रदेश के समस्त लेखपालों से जितना काम लिया जाता है वह बहुत ही अधिक है उनकी सैलरी की अपेक्षा
@uttarpradeshwaale1711Ай бұрын
@@shailendrachauhanr.s.i5821 salary leta kaun h sab haram par pal rhe hai
@VinayKumar-ep1kkАй бұрын
Your impartial and genuin journalism wins the heart everytime
@SurendraSingh-lr5ecАй бұрын
योगी आदित्यनाथ जी को कोटि कोटि प्रणाम
@Aajad777Ай бұрын
DM को बड़ा दिल दिखाना था बेचारे को खाना खिला देते ये नैतिकता है लेकिन हिम्मत तो देखिए जो आदमी अपने सुपर बॉस से खाना मांग सकता है वो जनता का काम बिना मोटी रकम के कैसे करेगा ।
@asalamkhan990Ай бұрын
ईमानदार आदमी हर परिस्थिति में ईमानदार ही रहता है चाहे उसको पैसा मिले या भूखा रहे, ये कोई बात नहीं कि साईकिल भत्ता कम है तो घूसखोरी जायज है। उसके लिए धरना प्रदर्शन का रास्ता खुला है और कोर्ट का भी।
@lowerpcsmaines8562Ай бұрын
अगर कोई किसान हाईकोर्ट में रिट याचिका डालता है तो उसे रिट याचिका का जवाब बनवाने की प्रति लेखपाल को 5000 से 10000 का खर्चा आता है
@avinashmishra677Ай бұрын
Sahab aap to poora system hi khol diye Gazab
@SanjayKumar-xc9ylАй бұрын
Very good Sir, Salute aapko Aise discourse ke liye
@vijaykishor617Ай бұрын
वरिष्ठ पदाधिकारियों का भ्रष्टाचार और दबंगई सिर चढकर बोलता है। कोई देखने पुछने वाला नहीं है।
@satyavirsingh2132Ай бұрын
बहुत-बहुत dhanyvad aadarniy aapane hakikat se logon Ko avgat karaya
@RamjiyawanGautam-ne3cxАй бұрын
द्विवेदी जी आप को ❤️ से सैल्यूट 🙋
@bsybsy512Ай бұрын
बहुत बहुत धन्यवाद सर , आप ने जो इस मुद्दे को उठाया आप किसी लेखपाल से मिलकर लेखपालों की समस्या तथा कार्य के अनुसार जो सुविधा व भत्ते है को जानकर एक वीडियो बनाये तब जाकर ये समझ मे आएगा कि लेखपाल अधिकारी व सरकार के शोषण से ग्रसित होकर जनता के बीच किस प्रकार कार्य करता है और जिसका दंश स्वयं झेलता है व बदनामी की चादर ओढ़कर कार्य करता है साथ ही जनता भी झेलती है । यदि सरकार पदों के सापेक्ष नियुक्ति कर दे तथा कार्य के अनुसार वेतन व भत्ते दे दे तथा अनावश्यक दूसरे विभागों का काम लेखपाल के ऊपर न थोपा जय तो अधिकांश जनता का काम समय से पूरा हो जाएगा तथा जनता को अनावश्य भाग दौड़ से मुक्ति मिल जाएगी । तथा भ्रष्टाचार भी लगभग पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा।
@ManojPandey-vx4oeАй бұрын
डीएम एसडीएम बाबा आदित्यनाथ योगी के सम्मान से खेलते हैं
@RamNath-yy7yoАй бұрын
You are great thanks
@mushtaque3370Ай бұрын
ऊपर वाले के पद को देखकर ही नीचे के लोग भ्रष्टाचार की ओर उन्मुख होते हैं।
@khetijunction658322 күн бұрын
तहसील एवं रजिस्ट्री आफिस में छोटे से छोटे काम के लिए 10 हजार से 5 हजार आफिस खर्चा के नाम पर वसूली होती है। इस विषय में भी सरकार को कार्य वाही करनी चाहिए
@akhileshkumarmaurya9566Ай бұрын
दूवेजी सादर प्रणाम 200 रुपए बिजली विभाग के टेक्निशियन को भी दिया जाता है और 20से25 किलोमीटर तक का फाल्ट सही करवाया जाता है और राजस्व वसूली कराया जाता है कभी इस पर भी आवाज उठाइये
@user-sf9sy8rp4mАй бұрын
दुबे जी हर गांव व क्षेत्र में लेखपालों के द्वारा भोले भाले किसान व नागरिक से पैसा लेकर झगड़ा लगाने का काम करते हैं एक लेखपाल है जो मुहम्मदपुर कुसुम उसका हलका है जो गाजीपुर कासिमाबाद में पड़ता है बहुत ही धन उगाही काम करता है उसका नाम त्रिपुरारी पांडेय है उसको सस्पेंड कर देना चाहिए उससे वहां की जनता तंग आ गई है
@alokpal1203Ай бұрын
Apko pata hona chahiye agr lekhpal doshi h to doshi adhikari b h jo majbur krte h kabhi system k bare m janna aur ha kuchh hote h jo jyada shoshan krte h lekhpal un per jarur karywahi honi chahiye
@laxminathmishra8643Ай бұрын
आप लोगों की कृपा से बच गया अन्यथा कार्यवाही तो हो ही गई थी दुबे जी
@jaganverma7433Ай бұрын
लेखपाल सबसे सबसे ज्यादा भ्रष्ट है। भ्रष्टाचार को रोका जानाचाहिए इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती खुले आम पैसे लेते हैं और किसानों का काम नहीं करते हैं आज दिन तहसील के चक्कर लगाते रहते हैं
@1234567849570Ай бұрын
तहे दिल दे धन्यवाद ❤
@AnujVerma-sq6sxАй бұрын
Bhut hi umda baat khi aapne sir
@CharanSingh-de9euАй бұрын
आपके अथक प्रयास और वीडियो ने आखिर कार इस दोषी और सत्ता के नशे में चूर डीएम को सस्पेंड कर ही दिया और उस लेखपाल के साथ न्याय में आपकी भागीदारी भी अतुलनीय है। जय हिंद
@rudraa2zvlogger136Ай бұрын
Aisa kuch N hua suspend kuch ni hua kai ias K transfer huy h
@user-gz2go6pe3hАй бұрын
Leckhpal 5000ke Bina jareef Nahin rakhte
@user-fr7vj7ue8zАй бұрын
लेखपाल खुद को राज्यपाल समझते हैं, अभी नौकरी के शुरुआत में यह हाल है तो उसे लेखपाल का आगे क्या होता है, बर्खास्त की का कदम बहुत उचित है
@ramjank8399Ай бұрын
कम समय में बहुत सही अपनी बात रखें सर
@snowcrystal10Ай бұрын
एक रजिस्ट्री रजिस्टार 4000से 6000 नायाब/तहसीलदार 3500 लेखपाल 2000 अपलोड 2000 ज्ञान न बाटे
@shailendrachauhanr.s.i5821Ай бұрын
धन्यवाद पत्रकार महोदय की पत्रकारिता को
@BalbirSingh-oi1hg21 күн бұрын
थाने में पुलिस कार्मिकों के लिए खाने की व्यवस्था नहीं है और होना चाहिए
@piyushtripathi472Ай бұрын
Sadar pranam 🙏
@arjunnegi457817 күн бұрын
छोटे-छोटे कर्मचारियों के साथ चाहे वे किसी भी बिभाग में हो ऐसा ही होता है उन्हें अपनें ही जेब से भी खाने को नंही मिलता
@n.k.katiyar5533Ай бұрын
धूर्तता और मक्कारी रग रग में बसी होती है बातें आदर्शवादी करते हैं और काम वही करते हैं जो नहीं करना चाहिए।
@DineshKumar-bq6qxАй бұрын
100%right
@Pranjalvloger04Ай бұрын
योगी जी का सराहनी कार्य
@arunkumarsingh455925 күн бұрын
लेखपाल 200 रू साईकिल भत्ता में पूरे महीने भर तहसील और क्षेत्र का भ्रमण करता है अब क्या ही कहा जाय कि क्या करे ।
@uttarpradeshwaale1711Ай бұрын
आप देश में हर सरकारी विभाग में बिना रिश्वत के काम करा सकते हैं राजस्व विभाग को छोड़कर ।