हर युग मे भगवान (ईश्वर, अल्लाह)ने इनसानो को सत्य मार्ग दिखाने हेतु अपना दूत (परोफेट, मैसेंजर) भेजा।और अन्तिम दूत मुहम्मद (सल:) को भेजा। जितने भी दूत पहले आये, जहा भी आये उस समय के लोगो ने गुजरते वक्त के साथ उस मे मिलावट कर दिए। दूत की शिझा (तालीम, उपदेश) को मानने के वजाय दूत ही को ईश्वर समझ बैठा और उसी की पूजा शुरु कर दिए। बहुत ही खास बात यह है की आखरी दूत मुहम्मद (सल:) की शिकछा(तालीम) और कुरान असली सुरत मे आज तक मौजूद है और हमेशा रहेगा क्योकि ईश्वर ने खुद इसके हिफाजत की जिम्मेदारी ली है। अतः सभी लोगो को चाहिए की कुरान को पढे और मुहम्मद साहब की जीवनी को पढे।