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नागौर के खरनाल में वीर तेजा दशमी को वीर तेजाजी महाराज का भव्य और विशाल मेले का आयोजन होता हैं।हर वर्ष की भांति इस तेजा दशमी को मेले का भव्य आयोजन किया गया। और सालों से आ रही प्रथा मेले के दोपहर के बाद आयोजित होने वाली धर्म सभा भी आयोजित की गई। लेकिन इस बार की जो धर्म सभा के दौरान मारपीट और चंपल जूते तक चले। पुलिस ने मौके पर लाठी चार्ज भी किया। वहीं मंच पर बोल रहे लोगों ने माइक छीनकर कहां की आज के बाद इस धर्म सभा का नहीं होगा आयोजन। हनुमान बेनीवाल ने अपने 4 मिनट के भाषण के बाद वह वहां से निकल गए। भाषण के उपजा विवाद में मेले में होने वाली धर्म सभा पर संकट खड़ा कर दिया। विवाद के बाद खींवसर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रेवंत राम डांगा के समर्थकों और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के समर्थकों के बीच जमकर कहां सुनी हुई और एक दूसरों के बीच पथरबाजी हुई। लेकिन समय रहते पुलिस ने दोनों परियों के कार्यकर्ताओं के ऊपर हल्का बल का प्रयोग किया जिसके कारण लोग मौके से बिखर गए। वही हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान तक से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के हारे हुए प्रत्याशी ने तेजाजी महाराज के पुजारी को जबरदस्ती भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करवा दी जिसके कारण मारवाड़ सहित पूरे राजस्थान के युवाओं और नौजवानों में भारी आक्रोश था। जब इसको लेकर राजस्थान तक ने रेवंत राम दंगा से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि हनुमान बेनीवाल की यह परी प्लानिंग थी और सुबह से ही लोग धर्म सभा में कुछ लोग आरएलपी पार्टी के झंडे लेकर बैठे हुए थे। जब मंच पर पहुंचकर बोलने का प्रयास किया तो उन लोगों ने मना कर दिया काफी समझा इसके बाद वह नहीं माने कुछ देर बाद खुद हनुमान बेनीवाल मौके पर है मंच पर पहुंच गए और अपने समर्थकों से समझाइए इसकी की सभी को बोलने का हक है लेकिन हनुमान बेनीवाल केवल अपनी राजनीतिक चमकाने के लिए आज इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिलवा दिया यह तो ठीक रहा तेजाजी महाराज की कृपा थी जिसके कारण कोई हादसा नहीं हुआ। इस धर्म सभा में समाज के कई लोग यहां पर पहुंचते हैं और कई धर्मगुरु साधु संत और समाज के बड़े राजनेता भी इस मंच पर आकर अपनी अपनी बात रखते हैं मंदिर कैसे आगे बढ़ाएं मंदिर का निर्माण कार्य कैसे हो अपने समाज की कुरीतियों को कैसे मिटाया जाए अपने समाज में जो प्रतिभाओ उनको किस तरीके से सम्मानित किया जाए लेकिन हनुमान बेनीवाल का एक ही मकसद है कि वह पहले अपने समर्थकों को वहां पर भेज देते हैं और वहां पर धर्म सभा में किसी भी राजनेता को नहीं बोलने देते हैं कुछ देर तक नहीं बोलने पर हनुमान बेनीवाल वहां पहुंच जाते हैं और वहां से कुछ लोग राजनेता वहां से चले जाते हैं पीछे से हुआ है अपनी राजनीतिक चमकते हैं लेकिन इस बार मैंने ऐसे नहीं होने दिया पहले मेरा लोगों ने विरोध किया तो मैं बैठ गया लेकिन जैसे ही हनुमान बेनीवाल मंच पर आए और बोलना शुरू किया चार-पांच मिनट बोलकर वहां से चले गए लेकिन यह उनकी सोची समझी साजिश थी.
#RAT052
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