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हर मुश्किल में हर संकट में साथ निभाता है
दूर न हो जो पल भर वो साथी कहलाता है ।।
१. सगे सम्बन्धी साथ रहें ना सदा तुम्हारे,
सभी मुसाफिर ना रहता है कोई यहाँ रे,
साथ सदा रहते हैं प्रभु ये वेद बताता है
२. जनम हजारों धार चुका ये जीव अनादी,
बने हजारों जनम जनम में नए सम्बन्धी,
पर परमेश्वर का ही उससे, सच्चा नाता है।
३. हृदय देश में बैठा है वो सदा तुम्हारे,
भले बुरे सब कर्मों को वो सदा निहारे
सब कर्मों का साक्षी है सब फल प्रदाता है ।
४. गुरु हरी दोनों में कोई भेद नहीं हैं
ईश्वरो गुरुरात्मेति ये वचन सही हैं।
ईश्वर ही गुरु रूप बना धरती पर आता है।