Dhan Singh Saab Giyni Jaswant Singh ji, bahot Vadhiya katha kiti hai ji sunke anand aa geya ji, waheguru ji tuhade te hor kirpa karan. Tuhade Giyan vich vadha karan.
यह आपके और ज्ञानी जी का मन गडंत ज्ञान है। चारों वेदों जिसका गुरू वाणी में बार बार आता है। गुरू नानक देव जी वेदी थे अतः उनका परिवार वेदों का पाठ करता था। गुरू नानक देव जी जब भी मरदाना जी को कहते कि मरदाना रबाब बजाओ, वाणी आई है।यह वाणी वही है जो चारों वेदों में अंकित है। चारों वेदों हैं। ऋग्वेद, अथृव वेद, साम वेद,यदुर वेद। इन्ही वेदों में ब्रहमा, विष्णु व शिव के बारे में लिखा है। सिखों को हिंदू से अलग की साजिश 1920 के आसपास शुरू हुई। जब चढावे के लालच में मंदिरों व डेरों पर कब्जा शुरू कर दिया गया और डेरों व मंदिरों को गुरू द्वारा का नाम दिया गया और चढावा की संभाल के लिये गुरू द्वारा प्रबंधक कमेटी बना दी गई फिर वो शिरोमणि कमेटी बन गई। गुरू द्वारा में ज्ञानीयों द्वारा भरपूर कोशिश की जाती है एक साजिश के तहत लोगों को समझाने कि हम हिंदू नहीं है बेशक हमारे पुरखे हिंदू थे। तो इस बाबा जी की तकरीर भी यह बताने की कोशिश है कि गुरू ग्रंथ साहिब में दर्ज हिंदुओ के देवता वो नही हैं जो हिंदू समझते हैं बल्कि वो हमारे मुताबिक हैं। What a funny argument? पर सच्चाई सच्चाई ही रहेगी। शिव ही रहेगा और गुरू गोविंद सिंह जी ने शिवजी से वरदान मांगा था कि मुझे शुभ कर्म करने का वरदान दो। अब यदि ज्ञानी जी यह कहें कि शिवजी से वरदान नहीं मांगा था अपितु वाहेगुरु से वरदान मांगा था। यह तो कहीं लिखा नहीं है। बस अपनी मर्जी से इतिहास को तोडते मरोडते रहते हैं ताकि यह सिद्ध हो सके कि हम हिंदू नहीं है।
Baba Ji, sangat nu thand paun wali gall karo, ah kehdiyan kacchiyan gallan da parchar Karan tur pae ho? Jo kujh kisi doosre dharam bare dasde ho, kehen to pehelan apney dharam naal vi thok ke dekh Lea karo maharaj. 🙏 Benti.