हर घर के खान पान का तरीका अलग होता है।बहु अपना घर छोड़ कर ससुराल आती है तो उसे वहां के हिसाब से बनाना सीखना चाहिए।ससुराल के लोग बरसों से अपने तरीके से खाते आए हैं ।बहु वहां हमेशा के लिए रहने आई है तो सबके लिए एक को बदलना चाहिए कि एक के लिए सबको।समय के साथ बहू अपना स्वाद उनको सिखा दे उनका स्वाद खुद सीख ले।कोई सास इतनी भी थकी नहीं होती कि एक ही दिन में उसे दिन में तारे दिख जाएं।