हिंदुस्तानी थाली में कैसे आया Breakfast? Pushpesh Pant से जान लीजिए | Teen Taal

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Күн бұрын

Пікірлер
@kamalchoudhary5526
@kamalchoudhary5526 5 ай бұрын
नाश्ता तो था दद्दू पर अलग अलग प्रांत में नाम अलग अलग थे। हमारे यहाँ ज्वार या गेहूँ की रोटी की दूध में चूरी और मीठे के लिए गुड़ डाला जाता था। नाश्ता उर्दू शब्द है, हमारे यहॉं शिरावण या शिरामण नाम है।
@avinashsingh2391
@avinashsingh2391 6 ай бұрын
North Indian plains mein ... Ghar ka breakfast baasi roti , onion, chutney , salt etc. And , Poori sabzi, paratha sabzi etc. Ghar ke bahar ...Dahi jalebi, rabri, milk jalebi etc. Breakfast tha British se bhi pehle but it was all indianised.
@virendravyas3922
@virendravyas3922 5 ай бұрын
राजस्थानी संस्कृति में कलेवा (सुबह का भोजन)घाट ,राबड़ी ओर बाजरी का ठंडा सोगरा खाते है
@prabhakarpatil1734
@prabhakarpatil1734 5 ай бұрын
महाराष्ट्र मे नाश्ता को "न्याहारी" कहते है. बहूत पूरानी परंपरा है
@singhamrendra28
@singhamrendra28 5 ай бұрын
बढ़िया वीडियो , भारत को स्वयं का परिचय फिर से करना होगा विदेशी लोग भारत और भारतीय संस्कृति ख़ान पान का महत्व समझ रहे है
@PramodKumar-xi7hk
@PramodKumar-xi7hk 5 ай бұрын
❤❤ पुष्पेश पन्त जी int level के खान पान anallyst और रिसर्चर हैं।लोग समझ लें ❤❤❤
@shailendrayadav1627
@shailendrayadav1627 5 ай бұрын
नाश्ता अंग्रेजों से आया क्यों कि अंग्रेजी पीके रात को कुछ भी खाके सोये तो सुबह जल्दी भूख नहीं लगती, तो सुबह ज्यादा खाया नहीं जाता इसलिए वे नाश्ता ऐसा करते थे जो रात वाली का असर भी उतर जाए और दोपहर को भरपेट दबा कर खाएं ताकि रात को फिर पीना है तो खूब पीएं यही देखकर जो वर्ग उनकी चाकरी में थे उनके भी टाइम ऐसे ही बन गए नहीं तो हमारे यहां सुबह खेत में जाते थे ग्यारह बारह बजे तक रोटी खेत ही में आती थी या घर नजदीक होने पर घर पर खाना खाकर थोड़ा सुस्ता कर फिर खेत में जाते और सांझ ढले रोटी खाकर सो जाते। लेकिन जिन्होंने मुगलों और अंग्रेजों की नौकरी की उनका टाइम उनके हिसाब से व्यवस्था करना भी उनकी मजबूरी रहा जो अगले कितने साल तक वैसे ही चलते रहा।
@lalita643
@lalita643 5 ай бұрын
Haan aap ne bilkul theek kaha hamare Hindustan me aisa hi hota ths
@shitendrasingh1271
@shitendrasingh1271 5 ай бұрын
Hamare yaha subah k time kalewa (nashta)dophar m jeunar(lunch)aur rat m biari(diner) ka prachlan purane 25-30shal pehle tak tha.
@Meripriyakahaniyan
@Meripriyakahaniyan 5 ай бұрын
Sahi
@SHARKSinha
@SHARKSinha 5 ай бұрын
5:42 सही कहा सर। भोजन में कोई आंचलिकता नहीं बची।
@Deepak-z2y6q
@Deepak-z2y6q 3 ай бұрын
Malls ke karan kapdo ka bhi yahi hua hai, cinema ke karan theatre ka , aur KZbin ke karan gaanon aur Bhajan kirtan ka. Sab unified common, no uniqueness
@theusualsuspect9076
@theusualsuspect9076 3 ай бұрын
Aanchalikta matlab??
@SHARKSinha
@SHARKSinha 3 ай бұрын
@@theusualsuspect9076 Locality. Sanse of locality. Dosa ho ya Vada Pasv, pure desh mein mil rha hai. Aur kuchh jagah Milne Wale local food par asar daal rha hai
@SHARKSinha
@SHARKSinha 3 ай бұрын
@@Deepak-z2y6q sahi kahe. Uniqueness khatam ho gayi hai.
@sanjivgupta1418
@sanjivgupta1418 5 ай бұрын
सुबह दूध, दूध रोटी, गुड़- घी-रोटी, दूध- दलिया खाने या पीने की परम्परा थी, क्या यह नाश्ता नहीं है। मैं नहीं सोचता कि भारत हमेशा इतना ग़रीब था कि दो समय का खाना भी नहीं खा पाता था। मेरे बाबा के समय सुबह आधा किलो दूध प्रति व्यक्ति के हिसाब से आता था, पिताजी बादाम , किशमिश, चिलगोजा लेकर स्कूल जाते थे। क्या यह नाश्ता नहीं है? या नाश्ता सिर्फ़ ब्रेड-सैंडविच- अंडे के साथ ही शुरू हुआ माना जायेगा ?
@lovelife652
@lovelife652 5 ай бұрын
Gupta ji aap log to khandani ameer ho
@sanjivgupta1418
@sanjivgupta1418 5 ай бұрын
@@lovelife652 मेरे पिता बड़े बाप के बेटे थे। मैं नहीं !
@dilsere1775
@dilsere1775 5 ай бұрын
नाश्ता सेहत के लिए हानिकारक है
@sanjaysingh-vm8lw
@sanjaysingh-vm8lw 5 ай бұрын
​@@lovelife652खानदानी अमीर हो तो क्या खानदानी गरीब दूध और बासी रोटी और गरीब छाछ से रोटी या कोई ऐसी ही चीज खाते थे। अब भिखारी को यही भीख में मिलता होगा।
@anshulsaini7917
@anshulsaini7917 5 ай бұрын
ये वामपंथी है इसके हिसाब से सब कुछ बाहर से आया है ।
@DrMPJoshi
@DrMPJoshi 5 ай бұрын
प्रोफेसर पंत जी की वार्ता शानदार है
@मीराचौरसिया
@मीराचौरसिया 5 ай бұрын
वार्ता शानदार नहीं है अंग्रेजियत की दुर्गन्ध आती है।
@siddharthshankar1609
@siddharthshankar1609 6 ай бұрын
South mein idli hi milega . Kota Indore mein pohe milenge . Bihar mein jalebi kachori aur Gujarat mein dhokla fafda
@tribhuwansingh8672
@tribhuwansingh8672 5 ай бұрын
बिहार में कचौरी जलेबी ही नही असली कलेवा दही चूड़ा ही होता है।
@dilipsharma3878
@dilipsharma3878 6 ай бұрын
There is no concept of breakfast in the hills. We eat two hearty meals in the morning and evening.
@sngaa7603
@sngaa7603 5 ай бұрын
It's still found in villages when farmers take heavy meal at morning and then leave for agricultural fields or the market and have early dinner around 7-8pm. It gives liver enough time to digest the meals and repair their bodies.
@surimakhloga30
@surimakhloga30 2 ай бұрын
Now time has changed in the hills as well they start having 3 meals...
@ramkishorearya5225
@ramkishorearya5225 5 ай бұрын
वेदों में भी प्रातः रास यानी नाश्ते का उल्लेख मिलता है।
@Nchandra1975
@Nchandra1975 5 ай бұрын
In saurastra morning food is called sheraman.
@SureshSingh-ro5jz
@SureshSingh-ro5jz 3 ай бұрын
Kalewa ke barey me bataye
@drashokkumar9209
@drashokkumar9209 3 ай бұрын
प्रातःकालीन भोजन को प्राचीन भारत में प्रातराश कहते थे । यह पूर्ण भोजन होता था । यही होना चाहिए ।
@satoru.nakata
@satoru.nakata 4 ай бұрын
0:52 it's rivaj not rivaz 4:29 phal not fal
@sree858
@sree858 5 ай бұрын
Jay Bharat
@advocated.m.shuklgarje1257
@advocated.m.shuklgarje1257 5 ай бұрын
Misleading. Bhartiyas were having concept of Falahar, Kaleva full of Curd, milk.
@abarry2109
@abarry2109 5 ай бұрын
How about children and school children who attended gurukul?
@user-vn7vr1oy2j
@user-vn7vr1oy2j 5 ай бұрын
Ye baat sahi hai har jagah same hi menu milta hai.pareshan ho gaye hai.kuch alag nahi hai.wohi paneer ki sabziya masale se bhari.
@Meripriyakahaniyan
@Meripriyakahaniyan 5 ай бұрын
Sahi
@dr.hemantkumarsikar5402
@dr.hemantkumarsikar5402 5 ай бұрын
नाश्ता की परंपरा अंग्रेजों से आने की धारणा गलत है। राजस्थान में तो अंग्रेजों से बहुत पहले से कलेवा, छाक, गोळ व ब्यालू की परंपरा थी जो अमीर नहीं हर मेहनतकश , किसान आदि करता था।
@Sahil-Singh.
@Sahil-Singh. 2 күн бұрын
पुष्पेश जी की बात सुनकर भूख बहुत तेज़ लगती है। 😅
@deepankarchetia402
@deepankarchetia402 5 ай бұрын
I think these two wise men never heard about puffed rice, sticky rice, majic rice of Assam 'Kumal Chawol', rice flour 'Pithaguri' roasted rice flour 'Sandhajguri and many more to write about '.Years before before Mughal or British Assamese used to have breakfast /nasta or snake.
@Buntyfighter
@Buntyfighter 5 ай бұрын
Ye dono padhelikhe murkh hai
@sanjaysingh-vm8lw
@sanjaysingh-vm8lw 5 ай бұрын
हिंदी में एक शब्द है कलेवा या कलेऊ वही नाश्ता है।
@Meripriyakahaniyan
@Meripriyakahaniyan 5 ай бұрын
Sahi
@Catoff_2
@Catoff_2 2 ай бұрын
Hota tha do he time ka teen time ke khabo nhein the
@jagat8128
@jagat8128 5 ай бұрын
Ek jaisa nashta har jagah.....? Koi bhi cheej elemenate nahi hui hai balki sabhi ne ek doosre ki items ko apne khaane mn add kiya hai . Yaani varieties available hn . Good.
@Sahil-fx2cz
@Sahil-fx2cz 6 ай бұрын
umr ka taqaza hai, suna tha , aaj dekh bhi liya 🤣
@rocka_bye3455
@rocka_bye3455 5 ай бұрын
haan re arab ke gendu😂😂😂
@tigerpandey7636
@tigerpandey7636 6 ай бұрын
तो क्या राजा महाराजा भी दो जून की रोटी की तलाश मे रहते थे? ये आदमी मूर्ख है, इसको कहना चाहिए गरीब वर्ग नास्ता नहीं करता था, जो की आज भी बहुत से नहीं करते,
@echochamber8350
@echochamber8350 5 ай бұрын
Royal family's also never had any breakfast. Check any of the old recipe books from earliest times, there is no breakfast recipe - this only started post British rule
@horrorgamer8924
@horrorgamer8924 5 ай бұрын
तुम तो बड़े गयानी मालुम पड़ते हो
@vimalbisht2430
@vimalbisht2430 5 ай бұрын
​@@echochamber8350lagta hai tumhe ki wo nashta nhi krte honge, being a raja , ameer
@MukeshGupta-nk9ny
@MukeshGupta-nk9ny 5 ай бұрын
राजस्थानी में नाश्ता को कलेवा बोलते है। और राजस्थान में कलेवा पुरानी परंपरा है।
@AP-gb4wn
@AP-gb4wn 5 ай бұрын
He is completely wrong. Breakfast was part of Indian culture since way back. Because for early Morning shift soldiers, Guards and Farmers need to have some healthy food in the morning and to strive till afternoon. So breakfast was part of Indian culture even before Samrat Chandragupta Maurya and other emperors. कभी कभी pushpesh जी बहोत फेंकते है ऑर खुद को ही खरी करते है ऑर कीसी की सूनाते ही नही है
@nileshbenz1
@nileshbenz1 5 ай бұрын
भाई आप के दादाजी के उमर के पंत जी है पर उन्हे तो उनके दादाजी तक की बाते तक याद होगी ये आप भूल रहे हैं
@rawatwapcos
@rawatwapcos 5 ай бұрын
पंत जी की वार्ता मैं तथ्यात्मक गलतियां हैं. मेरे दादा 97 साल के हैं और हैं. उनके अनुसार जौं और चने की मिस्सी रोटी सुबह ही बनती थी और अपनी सामर्थ्य के अनुसार दही मठा या अचार के साथ खाया जाता था.
@chandramohanbisht7316
@chandramohanbisht7316 4 ай бұрын
Bhai Angrez hamare dadaji ke paida hone se bahut pehle aa gaye the... Atleast 4-5 generation pehle aaye the Britishers...
@samreshhota9147
@samreshhota9147 7 күн бұрын
Pushpesh Sir Kitni khubsurati se Samajhate hai
@devendrapandey4419
@devendrapandey4419 5 ай бұрын
Sir Ap bhi Makaku chacha ke product hai, Sirf Roti nahi Sharbat Gud ka enriched with Iron a prominent drink or food.Bhuna anaj, Matta Dahi easily available having good nutrition value and so on
@diptisomwanshi8846
@diptisomwanshi8846 6 ай бұрын
Jai ho jai ho jai ho
@sripadgoswami8152
@sripadgoswami8152 5 ай бұрын
My best wishes for your channal thanks
@ajaydubey1907
@ajaydubey1907 5 ай бұрын
नाश्ता पाकिस्तान से आया, आम इरान से आया, भारतीय संस्कार सीरिया से आया और बाकी सब अरब से आया।
@123HemalCFA
@123HemalCFA 2 ай бұрын
Yeh banda pan ke galle pe baithe gaon ke fukre ki tarah baat kar raha hai, but seriously his confidence while talking nonsense makes me remind of that former government official Mr. Vishwa Bandhu Gupta's confidence and understanding in an iconic interview : kzbin.info/www/bejne/d5_bo32fiJqogbc
@varunshivay6880
@varunshivay6880 5 ай бұрын
भारत में नाश्ते की कोई परम्परा नहीं थी ,सुबह पेट भरके भोजन किया जाता था ।
@roysunrohit
@roysunrohit 5 ай бұрын
बात १६ आना सच है । खाना सिर्फ़ दो वक़्त ही होना चाहिए नहीं तो आज के वक़्त में बीमारी इतना होने का कारण ही यही है । आदमी ज़रूरत से ज़्यादा खा रहा है और ये मूल कारण है बीमारी होने का आज के पूरे जनरेशन का ।
@raimanvendrakumar
@raimanvendrakumar 6 ай бұрын
This clip of "teen taal" is feel like⤵️⤵️.. .."क़िस्मत हरा दे तो अलग बात है बाक़ी गुलेलो से कभी बाज मरा नही करते"..
@rajivbajaj329
@rajivbajaj329 5 ай бұрын
Aaj ke time agar koi 8 baje apne ghar se niklega to kya kuchh khae bina jaega kya . Mumbai mein woh 10 baje office pahunchega aur 1 baje se pahle kuchh kha nahi payega . Is liye usko kha ke hi jana padega .
@nitinsingh9487
@nitinsingh9487 5 ай бұрын
Doodh aur basi roti ye to mai bachpan se kha rha hu😂
@siddharthshankar1609
@siddharthshankar1609 6 ай бұрын
Personal favourite idli
@sandeepkumar-mp8dy
@sandeepkumar-mp8dy 5 ай бұрын
This mike, laptop , opticals all are invented by foreigners. So why they are using this😂
@gagansharma0210
@gagansharma0210 5 ай бұрын
Very narrow point of view
@surajprakash2375
@surajprakash2375 5 ай бұрын
Hamare yahan nasta tha ise pata nahi hai hamare yahan chiwda, sattu, murmure, chabena, fruit sab kuch naste me hi khaya jata tha.
@prashantkarulkar3390
@prashantkarulkar3390 5 ай бұрын
अरे ये चाचा , बासी रोटी....बासी रोटी क्यों कह रहे है ? लगता है उसके नसीब मे बचपनसे अभि अभि बासी चिजे ही मिल रही है ......
@ManojSharma-b4s
@ManojSharma-b4s 5 ай бұрын
Bhai ye thek hai ke inko food knowledge bahut hai.lekin jayada knowledge se inka gyan kichadi ban gaya hai.😂😂
@meenakshichaudhary6617
@meenakshichaudhary6617 6 ай бұрын
Humara nashta chhhay gud hota tha.5am se pahle.😎
@deepabose2264
@deepabose2264 5 ай бұрын
NASHTA VO HOTA HAI JISE KISI KA NAASH KARKE BANAYA JATA HAI
@RockyBalboa-g3n
@RockyBalboa-g3n 5 ай бұрын
Me toh subha bhar pet khata hoon . Kyun ki ayurved me likha he . Rajiv dixit ji ne bataya
@raunakmaheshwari2735
@raunakmaheshwari2735 5 ай бұрын
Sahi batae 😂
@sandeshdutt4742
@sandeshdutt4742 5 ай бұрын
Breakfast is must..and if eggs are there ..nothing like it.
@vikasvaishnav9150
@vikasvaishnav9150 5 ай бұрын
Kaka bahut fast bolta hai nahin !
@sharadksoman
@sharadksoman 5 ай бұрын
Bharat mae agar 2 June ka khana nahi tha toh angrez kya lootne aae the ? How absurd
@AryansGK-t5p
@AryansGK-t5p 5 ай бұрын
Kaise admi hai yr ye.. Jo desh sone ki chidiya raha ho us desh ko do doon ki roti nahi milti thi, kya admi hai ye.. Or jo is european desh ko lootkar ameer ban gye wo accha khana khate the, jo jungli ki tarah rehte the.. Kaun hai ye miyan..
@adityasharma9549
@adityasharma9549 5 ай бұрын
भारतीय परंपरा में लंच नहीं था
@SM00735
@SM00735 5 ай бұрын
यह बुजुर्ग पक-पक बहुत करता है !
@saurabhsingh-ko7kt
@saurabhsingh-ko7kt 5 ай бұрын
Yeh India ke best food researcher & historian hai thode tamiz se
@AmitKumar-gw8on
@AmitKumar-gw8on 5 ай бұрын
To mat dekho
@ramavtarsharma6877
@ramavtarsharma6877 5 ай бұрын
मूर्ख आदमी हमने इन तथाकदित विशेषज्ञों से भ्रमित होकर हमेशा अपने बुजर्गो का अपमान किया है यही विशेषज्ञ कहा करते थे कि रिफाइंड तेल खाना हेल्थके लिए बहुत अच्छा है देसी घी भी नुकसान देता है लेकिन वही लोग आज रिफाइंड तेल को जहर बता रहे है अपने बुजर्गो का सम्मान करना सीखो इसी अपमान से दुखी होकर बुजर्गो ने बच्चो को राय देना छोड़ दिया है
@SHARKSinha
@SHARKSinha 5 ай бұрын
​@@saurabhsingh-ko7kt Bhai Bhai Bhai! Sahi kaha....
@anandkumaryadav9449
@anandkumaryadav9449 5 ай бұрын
तु मत कर
@siddharthshankar1609
@siddharthshankar1609 6 ай бұрын
Aisa nahi hai . Abhi bhi local nashta hi khate hain log
@kumarlovendra
@kumarlovendra 6 ай бұрын
Tu zyada qaabil hai... inse mtlb😂😂
@siddharthshankar1609
@siddharthshankar1609 6 ай бұрын
@@kumarlovendra aap nikaliye mahoday! Aapki jarurat kahi aur hai
@kumarlovendra
@kumarlovendra 5 ай бұрын
@@siddharthshankar1609 🤣🤣🤣...adha gyani...🤣🤣
@echochamber8350
@echochamber8350 5 ай бұрын
Ab khaate hain. Pehle nahi hota tha
@somilG44
@somilG44 5 ай бұрын
Chacha misal khane aajao 😂
@TheAryavarata
@TheAryavarata 5 ай бұрын
Hamare ghar 2 hi time khana khate hai, Nashta nahi karte
@gajendrasinghsongara534
@gajendrasinghsongara534 5 ай бұрын
कलेवा बियारू होता था
@Ajay........Ajay...victor
@Ajay........Ajay...victor 5 ай бұрын
कुछ लोग कुछ भी बकवास करके भ्रम फैलाने में लगे हैं.....
@ahmedfarazkhan1190
@ahmedfarazkhan1190 5 ай бұрын
Koi kaam ni h to bss bakchodi krte rho
@AmitKumar-km4mn
@AmitKumar-km4mn 5 ай бұрын
😂
@mehul5951
@mehul5951 6 ай бұрын
2 baar bhi nahi Lord Shiva ne sirf 1 baar hi khana, 3 baar nahna, yeh to Nandi Maharaj se galti ho gai ke 3 baar khana aur ek baar nahna, isliye woh galti ka prayaschit karne Nandi Maharaj aah bail ban ke kheto main anaaj ugate hai
@rajivbajaj329
@rajivbajaj329 5 ай бұрын
Yeh bahut arrogant Aadmi hai . Apne aap ko kya samajhta hai . Kitni buri tarah se baat kar raha hai interviewer se .
@dhirendrapandey530
@dhirendrapandey530 5 ай бұрын
बकवास वही पश्चिम की बुराई
@Quest3669
@Quest3669 5 ай бұрын
Sathiya logo se ।।yahi sab puchoge ।।waise anchor bhi like beggar hai
@gameingmodeon1753
@gameingmodeon1753 3 ай бұрын
Kalewa ya kaleu ye jante hi nahin
@gameingmodeon1753
@gameingmodeon1753 3 ай бұрын
Inki knowledge bahut satahi aur bookish hai savere doodh jalebi khane ka zikra 2300 salo se hai likhit me
She made herself an ear of corn from his marmalade candies🌽🌽🌽
00:38
Valja & Maxim Family
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