हमें बहुत ही अच्छा लगा कि आपने खण्डेलवाल समाज की उत्पति और धरोहर के बारे में जानकारी पर प्रकाश डाला है। धन्यवाद।
@TravelGuide4 жыл бұрын
Thanks and Regards
@shankarshankarsaini1203 Жыл бұрын
I love my Khandela city ❤❤❤❤😊😊
@TravelGuide Жыл бұрын
Beautiful City
@Hshshhsshhsjshshsh6 ай бұрын
बहुत ही अच्छी जानकारी दी आप ने इतिहास की
@TravelGuide6 ай бұрын
🙏🙏
@abhayagarwal31823 жыл бұрын
Mera goan khandela pr garv hai mujhe... Bhut hi achhi jaankari...
@kunwarhamersinghrajput9214 Жыл бұрын
खण्डेला का नाम यदुवंश के 89वें राजा मधु के विभिन्न पुत्रों में से एक पुत्र खडकसेन के नाम से खण्डेला पडा। खडकसेन जी के पिता राजा मधु एक पराक्रमी तथा प्रजाप्रिय राजा थे। खडकसेन जी अपने पिता से किसी बात पर नाराज होने के कारण अपनी पत्नी, पुत्र तथा एक छोटे भाई को व अपने सैनिकों को लेकर नये राज्य की स्थापना के लिए राजमहल से निकल गये। खडकसेन जी अपनी कुलदेवी माँ कालका के परम भक्त थे तथा माता का इष्ट हमेशा अपने साथ रखते थे। माँ कालका के आशीर्वाद से खडकसेन अपने पिता के राज्य से 400 मील पूर्व दिशा में अपना राज्य स्थापित किया। वहां पर पहले चौहान राजपूतों का राज्य था परन्तु युध्द में उन्हें ललकारा और चौहान राजपूत युध्द में हार गये और खडकसेन जी की विजय हुई उसके बाद खडकसेन जी ने वहा पर खण्डेलगढ का किला बनवाया, कालिका माता जी का शिखर बंध मंदिर बनवाया तथा कृष्ण भगवान का मंदिर बनवाया खडकसेन जी से ही खरवड राजपूतों की उत्पत्ति हुई । खडकसेन जी की रानी सौभाग्य कंवर पवार धारा नगरी की राजकुमारी थी । खडकसेन जी के बाद खडकसेन जी के वंश में संग्रामसिंह जी हुए इन्हों के समय मे ही मानकराव निर्वाण चौहानो ने वापस खण्डेला पर आक्रमण कर दिया और खण्डेला इनसे छुट गया, खण्डेला छूटने के बाद ये द्वारिका की तरफ विक्रम संवत 1125 ( सन् 1068) में निकल पड़े।
@TravelGuide Жыл бұрын
आपने जो बताया उसका सोर्स क्या है?अगर कोई लिंक हो तो बताएं।
@kunwarhamersinghrajput9214 Жыл бұрын
@@TravelGuide badvaji ki pothi aur vimla bhandari ji ki pustak salumbar ka itihas vali usme likh rakha hai
@Er.PANKAJ_NIRBAN Жыл бұрын
Good information 😎👍
@TravelGuide Жыл бұрын
Thanks 👍
@kantadeviparsad1992 Жыл бұрын
मेरे पूर्वज यही से गए थे राज कुमारी के साथ दहेज़ में रूपनगढ़ हम मार्या गोत गोत्र वसिष्ट पराशर ब्राह्मण खंडेला के ह चार भाई गई थे किशन गंद अजमेर रूपसिंघ राठोड जी ने हमे चार भाइयो को 100 ,100 बिगाह खेती दी और रूप श्याम जी का मंदिर की पूजा , जय खंडेला बाबा जी की जय राई माता जी की मेरी जड़े खंडेला से ह
@ravindrasaini64014 жыл бұрын
👌Very nice
@balkishankhandelwal96494 ай бұрын
Verry good khandela city nolaajy
@jaipurdarpan88624 жыл бұрын
Gajab
@TravelGuide4 жыл бұрын
Thanks and Regards
@babusinghnirwan39132 жыл бұрын
बहुत ही सुपर जानकारी है
@TravelGuide6 ай бұрын
🙏
@asheeshpareek10753 жыл бұрын
Good Information 🙏🙏
@bhawanisingh58724 жыл бұрын
Wow bro thanks 👍
@TravelGuide4 жыл бұрын
Welcome 👍
@thakurkamalsinghnirwan53274 жыл бұрын
Super
@TravelGuide4 жыл бұрын
Thanks and Regards
@amirhasan42532 жыл бұрын
Kayam khan ke samaye olu rao nirwan khandela ke shasak the raisal ke samaye pipaji nirwan the Nardev nirwan w pipaji ke beech ek lambi srankhala rhi hogi mathur ji rawat ka nam bhi aya v kang ka nam bhi aya please nirwan shasakon ke bhi jankari uplabadh krayen
@Er.PANKAJ_NIRBAN Жыл бұрын
M toh ek aam insan hu koi CM PM nahi fir bhi Na jane kyu मेरा दिल कचोटने लगा , Khandela ko indragandhi nehar pariyojna ka pani milna chahiye ya koi dusari nehar pariyojna banyi jani chahiye , Jo bhi Rajneta yha par Rajneeti kar rahe h yahi unse nivedan h khandela ki samsya suljhayi jaye .
@TravelGuide10 ай бұрын
🙏🙏
@busyunhi71362 жыл бұрын
Liked this video
@VikramKumar-bz1zu4 жыл бұрын
Very good
@TravelGuide4 жыл бұрын
Thanks
@babusinghnirwan39138 ай бұрын
जय पीपाजी निरबाण
@TravelGuide8 ай бұрын
🙏🙏
@babusinghnirwan3913 Жыл бұрын
हमारे पूर्वज भी खडेला से ही निकले हे
@TravelGuide6 ай бұрын
🙏
@PANKAJSINGH-wi9ye6 ай бұрын
Veer shekhawat rajao ne yaha aajadi ke bad tak raj raha ❤❤❤
@TravelGuide6 ай бұрын
🙏🙏
@devaarshchechani66516 ай бұрын
Kya aap kripya bata skte hai ki Kurukshetra yudh mai khadakpur ke raja kon the aur kiski aur se yudh mai lade the. Jai Bhawani
@TravelGuide6 ай бұрын
🙏🙏
@narendrajangid41814 жыл бұрын
खण्डेला से बेहतर कुछ भी नही
@kantadeviparsad1992 Жыл бұрын
और जितने भी मायर्या पाराशर ब्राह्मण यही के ह और कही भी हमारी जड़े नहीं खंडेला ही ह और खंडेला बाबा के नाम से ही जानते बाबा खंडेला जाने जाते ह