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HOLI SONG
Singer-Sangeeta Dhoundiyal
साथियों,
जैसा कि आप लोग अवगत ही हैं कि होली एक मस्ती से भरा त्यौहार है और दुनिया में सभी जगह होली बड़ी ही धूमधाम से मनाई जाती है। लेकिन उत्तराखंडी होली का एक अलग ही रंग है, पूरे विश्व में इस होली की अलग पहचान है, मुख्य रूप से इस होली के दो अंग हैं १- बैठकी होली २- खडी होली. बैठकी होली बैठकर शाष्त्रीय धुनों पर गाये जाने वाली होली को कहा जाता है, जिसमें होल्यार रंग से सरोबार होकर होली गाते हैं यह होली बसंत पंचमी से शुरु हो जाती है। इसी प्रकार से खड़ी होली होली के दिनों में खड़े होकर गायी जाती है।
बैठकी होली महिलाओं के द्वारा भी की जाती है।
उत्तराखण्ड में होली की नियत तिथि से काफी पहले (बसंत पंचमी से) ही होली की मस्ती और रंग छाने लगते हैं. इस रंग में सिर्फ अबीर गुलाल का टीका ही नहीं होता बल्कि बैठकी होली और खड़ी होली गायन की शास्त्रीय परंपरा भी शामिल होती है. बरसाने की होली के बाद अपनी सांस्कृतिक विशेषता के लिए उत्तराखंडी होली को याद किया जाता है. फूलों के रंगों और संगीत की तानों का ये अनोखा संगम देखने लायक होता है. शाम ढलते ही उत्तराखंड के घर घर में बैठक होली की सुरीली महफिलें जमने लगती है. बैठक होली घर की बैठक में राग रागनियों के इर्द गिर्द हारमोनियम तबले पर गाई जाती है.
जय भारत जय उत्तराखंड