इन दिनों आपातकाल को लेकर बहुत बात हो रही है। मोदी ने राग छेड़ा तो स्पीकर बनते ही ओम बिड़ला को भी आपातकाल की याद आई। लेकिन कितनों को याद है कि उस दौरान इंदिरा जी ने संघ प्रमुख ने माफ़ी मांगी थी? क्यों लगी थी इमरजेन्सी और क्या थी उसमें संघ की भूमिका? देखिए विस्तार से हमारा सहयोग कीजिए 1- UPI ID: ashokk34-1@okhdfcbank 2- Financial assistance : www.instamojo.com/@AshokKPandey 3- Membership: kzbin.info/door/ydRy30N7Bg0iCwW8_ZQiiwjoin For #SPONSHORSHIP queries mail @👉 deals.crediblehistory@gmail.com My Books @ Amazon: amzn.to/429ZMdR #facebook Page 👉 facebook.com/authorashokpandey #twitter 👉 twitter.com/Ashok_Kashmir #instagram 👉 instagram.com/ashok_kashmir/ सच की लड़ाई में साथ आयें, Subscribe करें और दोस्तों तक भी पहुँचाएं।
@kaushalkishoresingh97456 ай бұрын
जभी कोई सरकार कुछ ऐसा करती है जब गरीवो का कल्याण होने लगता है तब rss wale koi n koi andolan khara karte jo भावनात्मक होता है और जनता को गुमराह करते है jp ka andolan शुरू हुआ था मंहगाई पर ठीक इसी तपर्रा जब v p Singh pm obc ko रिजर्वेशन दिया तब जनसंघ बीजेपी ने सरकार से समर्थन वापस लिए उसके पापले राम रथ लेकर निकल गए हुआ ये की जिसके hak me me रिजर्वेशन मिला वही राम राम करने लगे और आज राम के आधार पर नहीं विकास पर फिर वोट दिए है
@VijaiMathur6 ай бұрын
जी हाँ जगमोहन लाल सिन्हा साहब बेहद ईमानदार और किसी के दबाव में न आने वाले थे। मुख्यमंत्री रहते ही चरण सिंह जी एक बार मेरठ के तत्कालीन जज जगमोहन लाल सिन्हा साहब के पास घर पर किसी केस के सिलसिले में पहुंचे थे। सिन्हा साहब ने अर्दली से पुछवाया था कि, पूछो चौधरी चरण सिंह मिलना चाहते हैं या मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह। चौधरी साहब ने जवाब भिजवाया था कि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह जज साहब से मिलना चाहते हैं। सिन्हा साहब ने बगैर मिले ही उनको लौटा दिया था यह कह कर कि, उनको मुख्यमंत्री से नहीं मिलना है। केस का निर्णय चौधरी साहब के चहेते के विरुद्ध आया था । सिन्हा साहब को एहसास था कि उसी की सिफ़ारिश मुख्यमंत्री करना चाहते थे जिस कारण वह उनसे नहीं मिले थे। 1975 में इन सिन्हा साहब ने ही इलाहाबाद हाई कोर्ट में इन्दिरा गांधी के निर्वाचन के विरुद्ध निर्णय दिया था।
@gparya17986 ай бұрын
😊😊😊😊😊😊😊
@kauranikjeet94336 ай бұрын
बहुत बढ़िया पांडे Sir
@surendrasinghgusain8746 ай бұрын
बी जे पी लोक सभा स्पीकर व राष्ट्रपति को पचास साल बाद ही कैसे याद आयी इमरजेन्सी की उससे पहले तो नही याद आयी
@GM-lo4xy6 ай бұрын
मैं आज ७२ वर्षिय महिला हूं, इंदिरा गांधी ने बहुत सही आपातकाल लगाया था । सभी सरकारी कर्मचारियों को हमने सुचारू रूप से कार्य करते, समय पर कार्यालयों में उपस्थित होते देखा है।
@kfr78676 ай бұрын
I am in my mid sixtees !!! So much corruption, lies, and distortion of history!!! I feel sorry for our youth and coming generations!!!😢
@alokpandey99106 ай бұрын
मैं आपके सत्य पूर्ण और तथ्य पूर्ण comment की सराहना करता हूं।
@TrikamlalParmar-qg8xp6 ай бұрын
धन्यवाद
@sureshuprit67906 ай бұрын
आप बिलकुल सही कह रही हैं। आपातकाल मे आम जनता को कोई तकलीफ नही थी। रिश्वत और भ्रष्टाचार के नाम से लोग डरते थे।
@dang9096 ай бұрын
जी, आपने बिल्कुल सही कहा। मैं भी तकरीबन आप के ही उम्र का हूं और आप की बात से सहमत हूं। गरीब और आम जनता को आपातकाल से कोई परेशानी नही हुई।
@kkmalhotra67306 ай бұрын
ऐसी चर्चाएँ अति आवश्यक हैं क्योंकि आज के बच्चे अपना इतिहास नही जानते उनको आसानी से बहकाया जा सकता है आपका बहुत बहुत धन्यवाद आप बहुत महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं 🙏🏽
@ashapathak10296 ай бұрын
राजनीतिक विरोध तो अपनी जगह है। लेकिन इमरजेंसी के दौरान आम जनता को मंहगाई से बड़ी राहत थी। खाने पीने का सामान यहां तक कि सोना भी बहुत सस्ता था। मैने अपनी मां को कहते सुना था।
@manakchandsoni186 ай бұрын
मेरी उम्र 70 साल है और आप जो कुछ भी बता रहे हैं बिलकुल सही बता रहे हैं हमने वो जमाना देखा है धन्यवाद्
@shreeshrakesh6 ай бұрын
आपातकाल में नेता भले परेशान रहे हों लेकिन आम जनता सुखी और संतुष्ट थी। मैं इसका साक्षी रहा हूं।
@parmeshwardeenyadav3195Ай бұрын
बिल्कुल सही है,मैं भी साक्षी हूं उस वक्त मैं कालेज पढ़ रहा था।अदानी जैसे तस्करों का सामान जब्त कर सस्ते कीमतों में जनता को दिया जाता था।
@vijaykhobragade7696 ай бұрын
अशोक जी इसी तरह सच्चाई सामने लाते रहिए ताकि हम जैसे लोगों को सच पता लग सके
@laxmikantdwivedi98736 ай бұрын
आपातकाल के वक्त मैं 14- 15 वर्ष का था इस दौरान आम जनता को कोई तकलीफ नहीं थी सब रेल गाड़ियां समय से चलती थी, गुंडे लफंगे सब जेल में थे, बहुत अच्छा रहा था समय आम जनता के लिए।
@moinakhtar23836 ай бұрын
इंदिरा गांधी जी के लिए सही शब्द चुना गया है आयरन लेडी ❤
@madhusudanagrawal7636 ай бұрын
फरक - इंदिराजी ने लगाई घोषीत और मोदीजीने लगाई अघोषीत इमरजंसी.
@rajt.4606 ай бұрын
@@madhusudanagrawal763 magar Ghoshit Emergency jayada Achchi Thi.....
@deshbandhusingh42656 ай бұрын
Modi ko samvidhaan ka gyaa n hi nahi hai, anpad jo hai,
@राजनीति_की_खबर6 ай бұрын
❤❤❤ इंदिरा गांधी के खिलाफ साजिश रची गई थी इसीलिए आपातकाल लगाने पर मजबूर हुई थी। राहुल गांधी केस में हमने ऐसा ही प्रकरण देखा था
@nusratali56736 ай бұрын
ओम बिड़ला स्पीकर है। 50 साल बीती बाते अर्थहीन है। वर्तमान की समस्याओ की बात हो। समाधान हो।
@KrishnaKumar-so6gr6 ай бұрын
👌
@kfr78676 ай бұрын
Exactly 💯....There are enough problems to solve !!!
@elizabethmicheal39686 ай бұрын
सत्ता पक्ष कुछ भी कहता है मोदी जी न हर गाली दी संसद में और उनके एमपी तालियां बजाते रहे सिद्ध कर दिया हम आह भी भरतें हैं तो हो जातें हैं बदनाम वो कत्ल भी करतें हैं तो चरचा नहीं होता
@GopalTayade-e2e6 ай бұрын
मोदी का नहीं,आरएसएस का राज हैं? ये आरएसएस बदमाश हैं l
@muhammadsalimshaikh82416 ай бұрын
Aisa pratit hota hai jaise, His Master Voice ho, scripted Bhashan(Malik ka tai kiya hua.)
@raosahebpatil66876 ай бұрын
अशोक पांडेजी सर, मैं तहेदिलसे आपका शुक्रिया अदा करता हॅूं। बांगला देश स्वतंत्रता संग्रामके समय मेरी उम्र २३ बरस थी और इमर्जन्सी और इंदिराजीका फिरसे सत्तामे आनेका ये गौरवशाली इतिहासका मैं चष्मदिद नागरीक हॅूं और गवाहभी हॅूं। 🌹🙏🌹
@RameshBadrelShimla6 ай бұрын
हमने बुजुर्गों को कहते सुना था कि आपातकाल का दौर बहुत बढ़िया था
@rainiersingh72096 ай бұрын
आज इमरजेंसी से भी बद्तर हालत है
@KrishnaKumar-so6gr6 ай бұрын
👍👍👍👍
@daulatramanhiwal71075 ай бұрын
@@rainiersingh7209 rights
@hemantmaheta28366 ай бұрын
इमर्जेंसी हटानी ही नहीं चाहिए थी देश के अंदरूनी हालत जब बिना कारण बिगाड़े जाय तब तब यह होना जरूरी है ।
@mahabirsarraf35036 ай бұрын
अगर Emergency नहीं लगता तो हम सब गुलाम हो गए होते। आपको thanks for presenting true facts and information.
@shamsuddinansari92556 ай бұрын
अशोक जी आप ने बहुत ही अच्छी तरह से एक्सप्लेन किया है। इन्हीं सब बातों को मैं भी जनता के सामने रखना चाहता था। मगर मेरे पास कोई प्लेटफॉर्म तो है नहीं, पर मैं अपने दोस्तों और अंधभक्तों को बताता रहता हूं। मैं इमरजेंसी के समय 20 साल का था और सब-कुछ देखा और समझा था। आम जनता को कोई भी परेशानी नहीं थी।
@brijbeharilal21556 ай бұрын
बहुत ही शानदार एपिसोड, इमरजेंसी की हकीकत बतला कर अंध भक्तों की आखं खोल दिया | बहुत ही शिक्षाप्रद एपिसोड है। आपको बहुत बहुत धन्यवाद अशोक साहब
@kauranikjeet94336 ай бұрын
Sir अंध भक्तों की आंखें कभी नहीं खुलेगी वो अंधे बहरे ही रहेंगे
@brijbeharilal21556 ай бұрын
@@kauranikjeet9433 नही खुलेंगी तो अंधे ही हो जायेंगे।
@kauranikjeet94336 ай бұрын
@@brijbeharilal2155 Yes Sir.....andhey toh ho hi gaye hain.......
@islammanzar10056 ай бұрын
इतनी रोचक और ज्ञानवर्धक तथ्य परख जानकारी देने के लिए अशोक जी को कोटि कोटि धन्यवाद ।
@निहारिका-घ6प6 ай бұрын
इस iron lady ko salute करना चाहिए in नीच निकम्मे भाजपाइयों को l आपने बहुत अच्छा video बनाया है I इसे बार बार दिखाया जाना चाहिए l
@DEVENDRAKUMAR-yh2xt6 ай бұрын
इंदिरा गांधी ने देश को आगे बड़ाने मै बहुत कड़े कदम उठाए जो बहुत निर्भीक और जरूरी थे
@shreeshrakesh6 ай бұрын
मोदी राज में लागू अघोषित आपातकाल बिड़ला जी को दिखाई नहीं दे रहा है। लोकसभा स्पीकर सत्ता पक्ष के एजेंडे को ही आगे बढ़ा रहे हैं।यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
@abdulmateenkhan54886 ай бұрын
मैंने देखी आपातकालीन बहुत ज़रूरी थी पूरा देश के गुंडे गुंडागर्दी पर उतर आये देश को लूटना था सो लूट लिया अब शायद कुछ उमीद जागी
@prabhurajgadkar14536 ай бұрын
अघोषित इमर्जन्सी तो पिछले दस साल से है
@jaiprakash-qp2wv6 ай бұрын
Aghosit amargancey se pura Desh pareshan hai
@arvindgour6496 ай бұрын
@@prabhurajgadkar1453 अघोषित इमरजेंसी हट जाती अगर दो स्वार्थी और बदमाश पलटूराम और गलटूराम गठबंधन का साथ देते। पर दुष्टों का साथ दुष्ट ही देता है। now established in toto
@AshokKumar-ry8kr6 ай бұрын
अगर अघोषित आपातकाल होता तो आप यह कमेंट नहीं लिख सकते थे।आप जेल में होते
@rajt.4606 ай бұрын
अघोषित आपातकाल तो जरूर था ही मगर अब थोड़ा सा उसमें से बाहर आए हैं चुनाव के नतीजे के बाद । इंदिरा जी की इमरजेंसी हकीकत में तो काफी हद तक सही थी, बल्कि इमरजेंसी लगाने का कारण भी यही था कि लोकतंत्र जिंदा था और जज इंदिरा जी के खिलाफ ऐसा फैसला ले पाए थे वह भी सत्ता में आने के 4 साल बाद । देश तरक्की की राह पर चले कुछ गड़बड़ ना हो जाए इसीलिए तो इमरजेंसी लगाई गई थी । हां कुछ अतिरिक्त जरूर हुआ था जो गलतियां नहीं होनी चाहिए थी बस इसी के लिए बदनाम हो गई इमरजेंसी और मजबूत नेता इंदिरा गांधी जी...! हालांकि इंदिरा गांधी जी ने वह गलतियों के लिए माफी भी मांग ली थी और जनता का कितना प्यार बाद में पाया वह उसके बाद हुए लोकसभा चुनाव के रिजल्ट से तो पता चलता ही है ... अगर जनता की तरफ से उन्हें माफ़ी ना मिली होती तो 1980 के चुनाव में इस तरह नतीजा ना आते ,जनता का इतना प्यार ना मिलता....! उसकी जिंदगी तो पूरी हुई जो कि एक दिन तो होता ही है सबका...! मगर बहुत इज्जत के साथ और शहीदी के साथ । देश का असली विकास तो तभी हुआ था जो आजादी के बाद जातिवाद जैसी बुराइयों से मुक्त होकर और देश की सभी नागरिक एक है ऐसे नारे के साथ जिस देश में सूई तक नहीं बनती थी वह देश को इतना मजबूत बना दिया और हमारे भारत का बना हुआ बहुत सारा माल एक्सपोर्ट तक होने लगा। मेरे ख्याल से तो आज तक की सबसे उचित प्रधानमंत्री वही थी । ❤
@niranjanacharya12046 ай бұрын
Right.
@manohardaskatariya33376 ай бұрын
स्वरों के लिए इमरजेंसी लगाई थी गरीबों के लिए तो बहुत बढ़िया इमरजेंसी थी
@sushilmanrai30006 ай бұрын
एतिहासिक रूप से सबसे घटिया स्पीकर हैं।
@rspathwar39746 ай бұрын
Like pm like speaker, no change
@rspathwar39746 ай бұрын
I always wanted to know the reason of imposing emergency and role of RSS
@Dadasahab12346 ай бұрын
@@rspathwar3974Her election was set aside by Allahabad H.C.,She imposed Emergency to stay in power instead of resigning.
@arvindgour6496 ай бұрын
@@sushilmanrai3000 और दुष्ट भी
@mbb18056 ай бұрын
सिर्फ़ स्पीकर ही नहीं हर चीज़ घटिया है इस सरकार की।
@mate91753 күн бұрын
Aap ki himmat ko salam he.
@ashapatil37896 ай бұрын
बिलकुल सही जानकारी दे दि हैं आपने सर....😊
@ShahidAli-fh2kw6 ай бұрын
सर मैं 64 में पैदा हुआ मुझे आज भी कुछ कुछ याद है कि आपातकाल के समय समस्त विभागों के अधिकारी कुर्सी पर बैठ जाया करते थे घूस खोरी बंद हो गई थी पब्लिक का कार्य होता था राशन की सरकारी दुकान रोज खुलती थीं सब कार्य सुचारू रूप से हुआ करते थे आज तो हर कुर्सी पर चोर ही चोर बैठे हैं
@nalinititus78946 ай бұрын
I joined SBI in Feb 76 and was very much impressed by the strict discipline in all departments.
@labhchandjain44386 ай бұрын
सही है उस समय में स्नातक प्रथम वर्ष में था सब जगह सनुशाश्श आप गया था केवल नसबंदी जी ज्यादातई क़े कारण इंदिराजी हरी thee
@gautamsadawarte27036 ай бұрын
A bat bilkul sahi hai mai 15 sal ka tha kisiki dadagiri nahi chalti thi yahatak ki pulis bhi garibose darti thi
@buddha28456 ай бұрын
भाई,मैं भी 64 की पैदाइश हूं और आपने जो जो कहा बिल्कुल वही बात मेरे दादाजी मुझे बताते थे,,आम जनता बिल्कुल खुश थी,,तकलीफ सिर्फ निकम्मे नाकारा सरकारी अधिकारियों को थी,,शायद इसी वजह से इंदिरा जी महज ढाई साल के बाद दुबारा चुनाव जीत गई और दुबारा कभी भी कोई चुनाव नही हारी,,जबकि ये भांड पार्टी एक बार सत्ता से बाहर आई तो अगले तीस साल तक दुबारा सत्ता नही मिलेगी
@MUKESHKUMAR-wg2br6 ай бұрын
❤❤
@ArvindKumar-dp5cv6 ай бұрын
अशोक जी बहुत बहुत आभार आपने नई पिढी़ को इतिहास के बारे में जानकारी दी है। मैंने भी आपके इस विडियो से बहुत सी नई जानकारी हासिल कि है।
@Pkt1936 ай бұрын
आपातकाल लगा था और उसे समय के अनुसार इंदिरा गांधी मजबूर थी इमरजेंसी लगाने के लिए और इमरजेंसी हमारे समय ही हुआ था
@pravinchotai39886 ай бұрын
सही विश्लेषण अतः सलाम- आपतकाल अराजकता से देश को बचाने के लिये लगाया गया था । और उसका खामियाजा भी इन्दिराजी को हार और सत्य बाहर आते ही पुनश्च जित एवं सत्ता प्राप्त हुवी।
@avnishkumaragrawal54116 ай бұрын
मैंने सभी Comments पढ़ें लगभग सभी Comments सत्य हैं और आपके विचार भी न्यायसंगत हैं
@ShukhramVishnoiАй бұрын
पांडे जी आप जो कह रहे हो बिल्कुल 100% सच कह रहे
@satisfactioncomputer96126 ай бұрын
अभी तो अघोषित आपातकाल चल रहा है कि नहीं अंधभक्तों, मित्रों, बहनों और भाइयों?😂😂😂
@SJain-gj8xk6 ай бұрын
100%
@graceraopedakolimi33436 ай бұрын
Pachas saal ke baad kyun Yaad aaya, emerging 1975 ka. BJP ko..? etna saal sorahe te..? Janata ka provoke karke, Congress ke against Hatred paida karvane kaliye...aur kuch nahi...1975 emerging was past....past ko Yaad karvake kya fayada..? aaga badna chahiye for the sake of youth & country's future & betterment...
@NiranjanTyagi-y3h6 ай бұрын
Ye past mein hi jeete hai aur bhavishya ke sapne dikhate hai aur vartmaan se bhagte hai.bhagodo ke vansaj jo thahre.@@graceraopedakolimi3343
@AshokKumar-ry8bh6 ай бұрын
एकदम सटीक और तथ्यपूर्ण विश्लेषण व प्रामाणिक है॥ उपलब्धियां भी गिनाइये। एक तो यह है- 1- 2 अक्तूबर,1975 को ग्रामीण बैंको की स्थापना 2- अमेरिका, विश्व बैंक व मुद्रा कोष को करारा तमाचा।
@sunilpashte39326 ай бұрын
बहोत खूब.बहोत सही व्हिडिओ है. आप को बार बार धन्यवाद सर .आपने बहोत बडा काम किया है.
@pardeepbhambhurmg136 ай бұрын
सच्ची सही इमानदार निष्पक्ष बेबाक निडर साहसी बैखोफ बहादुर धारदार और तथ्यपरक पत्रकारिता को बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई 🙏❤️🙏
@anissandalwala4866 ай бұрын
शत शत नमन आप को अशोक जी ।
@AlokSharma-vf3id6 ай бұрын
अशोक पाण्डे जी, मैंने इमरजेंसी का दौर देखा है मुझे लगता है उस समय इमरजेंसी लगाना जरूरी था,उस समय आम जनता को कोई परेशानी नही थी ।
@mahabirsarraf35036 ай бұрын
इंद्रा जी की देश भक्ति पर जो सवाल उठाते हैं वे सभी देश द्रोही है। मैंने १९६५ मे कानपुर में इंद्रा जी को सुना था, उनकी बराबरी कोई नहीं कर सकता।
@rambhajan10556 ай бұрын
इमरजेंसी उसे समय बहुत जरूरी था और बहुत अच्छा था उसे समयलगाना इंदिरा जी ने उसे समय जो इमरजेंसी का फैसला लिया था वह देश के लिए बहुत बड़ाहितकारी था
@gssharmahal6 ай бұрын
दुर्भाग्य है कि हमारे देश के तमाम दलों के नेताओं को देश और देश के लोगों कि चिंता नहीं है केवल और केवल अपने बच्चों, अपनी पार्टी के हितों की चिंता रहती है। लोकसभा अध्यक्ष पूरी तरह से भाजपा के सांसद के तौर पर कार्य करते हैं। फिर भी स्वार्थी नेता भाजपा के पक्ष में खड़े हो जाते हैं। और यह एक डर कहें या स्वार्थ तमाम दलों के मुखिया कांग्रेस को बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते। उनकी मानसिकता यह है कि पड़ोसी की बकरी मरना चाहिए चाहे उनकी दिवाल क्यों न गिर जाए। इसलिए यह लोग भाजपा का साथ देते हैं। आपको बहुत बहुत धन्यवाद आप सच्चाई ढ़ूढ़ कर देश के लोगों के सामने रख रहे हैं।
@imamudeenbhatti96836 ай бұрын
❤❤❤❤❤❤❤
@tikaramy6 ай бұрын
बहुत बढ़िया और महत्वपूर्ण जानकारी इस एपिसोड से मिली,इमारजानसी की सच्चाई समझ में आई।धन्यवाद।
@elizabethmicheal39686 ай бұрын
Thanks Ashokji for nice and true information 🎉🎉
@savitadas7446 ай бұрын
आज इमरजेंसी की सच्चाई सामने आई है। बहुत बहुत धन्यवाद!👌👍👍🇮🇳🇮🇳
@bibhishansarangkar79396 ай бұрын
अप्रतिम ..... इन्फॉर्मेटीव....सही है...... 🎉🎉😂😂❤❤
@shaadhaider39996 ай бұрын
अभी आघोषित आपातकाल के साथ आघोषित राजतंत्र चल रहा है
@RAJKUMAR-cz6oj6 ай бұрын
बहुत अच्छी जानकारी दी सर
@pushparamchandani1888Ай бұрын
Excellent article thanx
@kauranikjeet94336 ай бұрын
आज तो students सड़को पर है,,,, आम इंसान का जीना मुहाल है
@omprakashkaushik76196 ай бұрын
18:55 सही जानकारी देने के लिए मैं पांडे साहब को बार बार सैल्यूट करता हूं ।
@RamuKumar-hf7qj6 ай бұрын
Good job💯👍 sir ये खुलासा करने के लिए धन्यवाद कल ओम बिरला जी ने कहा और आज राष्ट्रपति ने भी दुख जताई है धन्यवाद🙏💕
@kfr78676 ай бұрын
She just read out what was written for her !!!😢
@symphonyred6 ай бұрын
@@kfr7867pehle aapke grammar theek kariye. then comment.😂😂😂
@kfr78676 ай бұрын
@@symphonyred Really?! Read written in the past tense is Read only !! It is just pronounced differently!!! 🙄
@kfr78676 ай бұрын
@@symphonyred I think you need to take a grammar lesson ...not me !! 😃 😀 😄
@abuafraan6 ай бұрын
एमरजेन्सि के बारेमे बताया आपने. धन्यवाद. बहुत से लोग समजगये होंगे. बहुत लोगोंको तकलीफ हुआ होग, आम आदमी को कोई दिक्कत नही था सब खुश लगरहेथे. इस दौरान मै बंबई गया मुझे दादा नझर नही आया.
@SARFARAJKHAN3316 ай бұрын
आपका कंटेंट बहुत सही मुद्दे पर है
@bmangal60936 ай бұрын
यदि इमरजेंसी इंदिरा गांधी नहीं लगाई होती तो मेरी नौकरी नहीं लगती। इंदिरा गांधी को लाखों सलाम।
@portgasDace-b4j6 ай бұрын
49 साल पुराना इमरजेंसी पर आसूं बहाने वाले खुद के10 साल से लगाई हुई अघोषित इमरजेंसी पर नही बोलता
@hamidalikhankhan99176 ай бұрын
विपक्ष को इसका ज़बरदस्त विरोध करना चाहिए।
@MaheshKumar-hh1ti6 ай бұрын
Bilkul sahi kaha sir aapne
@ajaynaithani20036 ай бұрын
आपातकाल के बारे में सुना था लेकिन आपने कुछ नए तथ्य पेश किए है, जिन पर विचार-विमर्श पहले कभी सुना नहीं....
@MUKESHKUMAR-wg2br6 ай бұрын
एक शेरनी सौ लंगूर चिकमंगलूर चिकमंगलूर
@kamleshkumardiwan6 ай бұрын
आपातकाल का बहुत अच्छा विश्लेषण किया है आपातकाल को आचार्य विनोबा भावे जी ने अनुशासन पर्व क्यों कहा था? हमारे विचार से लोकतंत्र में प्रशासनिक अधिकारियों की गलतियों का भी मूल्यांकन करना चाहिए उचित होगा क्योंकि इसका दोष राजनीतिक तंत्र को भुगतना पड़ता है 🎉
@vasudhapathak14736 ай бұрын
Bahut knowledge mila thanks
@anilmohanty17306 ай бұрын
THANKS FOR CITING THE CONSPICUOUS PROVISION OF THE CONSTITUTION OF INDIA FOR CLAMPING EMERGENCY.
@somnathsen42116 ай бұрын
Thank you sir ,👍👍👍🙏🙏🙏
@Santoshsk6016 ай бұрын
इस विषय पर पुस्तक प्रकाशित होना चाहिए एक फिल्म भी बनना चाहिए
@sauravsaran32176 ай бұрын
*जुबान सबके पास होती है* *मगर बात और बकवास* *में फर्क होता है ...* 🌹🌹
@KrishnaKumar-so6gr6 ай бұрын
100% 👌
@dindayalbandooni24406 ай бұрын
बीजेपी के अघोषित इमरजेंसी से इंदिरा गाँधी जी की इमरजेंसी ठीक थी
@JITENDRAKUMAR-ok1vo6 ай бұрын
पूरा आंदोलन सी आई ए द्वारा प्रायोजित था।
@danbahaduryadav4236 ай бұрын
Ashok Kumar Pandey ji aap ko thanks 🎉 sachi and Satya bat Kah Rahe Hai 🎉 Jai hind sir 🙏
@sureshrawat40216 ай бұрын
मोदी जी आपतकाल लगाने के लिए हिम्मत चाहिए
@gautamsunder97256 ай бұрын
आपातकाल के समय मै सरकारी नौकरी में था और मुझे आपातकाल से कोई तकलीफ़ नहीं पड़ी थी। उल्टा आपातकाल में सरकारी सेवाएँ बढ़िया मिल रही थी, कोई भ्रष्टाचार नहीं था, कोई जंगल राज नहीं था, सामान्य इंसान आराम से अपनी ज़िंदगी जी रहे थे।
@anshsunil13806 ай бұрын
ओम बिड़ला के मन, मस्तिष्क से आरएसएस का विचार खत्म नहीं होगा, तब तक वह अच्छा नहीं सोचेंगे!
@harishchandra76406 ай бұрын
ओम बिरला सही सोच ही नहीं सकते, निष्पक्ष हो ही नहीं सकते .
@jogindersingh43666 ай бұрын
एमर्जेंसी के दौरान जिन लोगों ने अराजकता इलायची आजकल उन लोगों के हाथ में सता है एमरजेंसी से ज्यादा देश में अराजकता चला रहे हैं
@JITENDRAKUMAR-ok1vo6 ай бұрын
सही है जज साहब रिश्तेदार थे।
@GopalTayade-e2e6 ай бұрын
Emergency मे बहुत नोकरी या पद भरे गये थे l आम लोगो को हुआ तो फायदाही हुआ हैं l मै उसि time' नोकरी मे लगा था l आरएसएस के लोगोको आपत्ती थी, लेकीन काँग्रेस मे ज्यादा लोग आरएसएस के थे इसिलिये emergency के फायदे नाही गिना रहे हैं l You are absolutely right SIR.
@tribhuwansingh61096 ай бұрын
धन्यवाद ।
@anandkanskar75606 ай бұрын
Bhut,bhut dhyanvad इमरजेंसी की वास्तविकता की जानकारी के लिए,।माननीय मोदीजी,ombirla जी कुछ तो शर्म कीजिए,धर्मराज shnimhraj किसी को नहीं bkshte। Sudher जाइए।
@janardansingh81652 ай бұрын
बहुत सुंदर जानकारी पंडित साहब अपने जी बहुत बहुत धन्यवादजिस वक्त इमरजेंसी लगी थी उसे वक्त मेरी सर्विस मात्र 2 साल कीमैं मैं भी 1973 को ज्वाइन हुआऔर मुझे सारी घटनाएं याद हैअभी हम स्वर्गीय इंदिरा जी को बहुत बहुत दिल से सामान करते हैं और करते भी रहेंगेगलती हुई तो उन्होंने माफी भी तो मांगाविशेष आपको भगवान स्वस्थ रखेंविनोद रखें
@c31212q6 ай бұрын
Iron Lady 💪
@AMehra-im1gr6 ай бұрын
❤
@doreenfernandes24316 ай бұрын
❤ Very true
@anamolsher91365 ай бұрын
Super News....Nice Akalan.....
@sureshjavhare40746 ай бұрын
मुरारजी देसाई भी गुजरती था.
@sureshbhaidave51456 ай бұрын
बहुत मेहनत बदल मेहनत की आभार सुरेशभाई दवे
@mank16516 ай бұрын
This video should reach all corner of the country. In all regional languages. Ready to support .
@nepalkoli39036 ай бұрын
इस विषय में देवरस जी द्वारा इंदिरा जी को लिखे सभी पत्रों को जारी करना देशहित में अनिवार्य।
@mfsiddiqui35956 ай бұрын
कौन कौन मानता है कि पाकिस्तान के दो टुकड़े कराकर एक नए देश बांग्लादेश का निर्माण करना, बैंकों का राष्ट्रीयकरण करना, प्रिवी पर्स को समाप्त करनाऔर देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाली इंदिरा गांधी भारत की साहसी और सफलतम प्रधानमंत्री थीं जिन्हें उस समय के विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेई ने दुर्गा का अवतार कहा था
@KrishnaKumar-so6gr6 ай бұрын
इसमें मानने वाली क्या बात है. वह आज विश्व का इतिहास है.
@raviinder64066 ай бұрын
Modi Indira Gandhi ke raaste par hi tu chal raha hai ... tu fark kya hai ....🤔🤔
@indarsinghtomar26266 ай бұрын
Good👍
@ganeshkamde3596 ай бұрын
कोयला खदानों का भी राष्ट्रीयकरण किया, जिससे पूंजीपति भी लामबध्द होने लगे थे।
@harishchandrasingh53556 ай бұрын
लोकसभा अध्यक्ष द्वारा आपातकाल पर अपनी तरफ से भाषण देना इनके पूर्व नियोजित कार्यक्रम का हिस्सा था जो सर्वथा अधयक्ष को कटघरे में खड़ा करता है।
@Anilpant19646 ай бұрын
अपनी संविधान की गरिमा भुल गए।
@omprakashchaube676 ай бұрын
मोदी के साथ साथ बिड़ला जी भी ! मोदी जी के अमृतकाल का प्रभाव !
@manoramasengar66376 ай бұрын
यह सब पुरुष प्रधान समाज के अधिनायक वाद के कारण हुआ। एक महिला को कैसे कुशल नेतृत्व,शेरनी को प्रधान मंत्री के पद पर सहन कर पाते।
@mujaffarkotwal42624 ай бұрын
*🌹🇮🇳जय हिन्द🇮🇳जय भारत🇮🇳जय महाराष्ट्र🇮🇳बहुत ही आच्छी और सच्छी मालुमात देते है!👍अशोक कुमार पांडे सर♥️👌🌹*
@WowPlacesSagar6 ай бұрын
सब के सब झूठे और मक्कार है। और जनता बेवकूफ है जो इन नेताओं के पीछे भागती रहती है।......
@Laxmikhankriyal-nz2he6 ай бұрын
धन्यवाद इमरजेंसी के तथ्यों से अवगत करवाने के लिए 🙏
@gyrao88546 ай бұрын
सर,इमर्जन्सी हमने देखी है. और जो फॅक्ट हमने सुने और देखे थे, पिछले पचास साल होनेके बाद सीर्फ आज आपसे वही सुननेको मिले है.निडरतासे इतिहास सामने रखनेकी आपकी शैली को हमारा सलाम.
@KrishnaKumar-so6gr6 ай бұрын
🙏
@shantayadav80086 ай бұрын
आज के हालात तो इमर्जेन्सी से ज्यादा बुरे बुरे है इमर्जेन्सी ऊस समय के राष्ट्रपति जी ने लगाई थी इन्दिरा जी ने घोषणा की थी
@kamalahmad72106 ай бұрын
वो घोषित इमरजेंसी थी और फिल्हाल देश 10 साल से अघोषित इमरजेंसी झेल रहा है l और ऐसे हालात को पैदा करने वालों को शिकायत है l कि इन्दिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाई थी l
Morar ji Desai, V. P. Singh Ne Desh ko Pichhe Dhakela Bilkul Madari ki Tarah.
@jaswinderbrar89543 ай бұрын
Very good Ashok Kumar Panday ji
@RavanjeeLankawale6 ай бұрын
इंदिरा गांधी की इमरजेंसी में राजनेताओ, पत्रकारों, सरकारीअधिकारियों और धनाढ्यों पर गाज गिरी थी आम जनता पर नहीं वर्तमान समय में तो आम जनता ही सबसे ज्यादा दंश झेल रही है
@harikishan19946 ай бұрын
सच है
@DilipJhariya-x8b5 ай бұрын
नमस्कारबहुत ही अच्छी जानकारी अपने दी और यह बहुत सारी चीज हमें क्या बहुत सारे लोगों को मालूम ही नहीं है इससे जनता को पता चलेगाऔर उनमें समझदारी आएगी आपका हृदय सेधन्यवाद
@madhubhushansharma30156 ай бұрын
जय प्रकाश नारायण ने 25 जून 1975 को दिल्ली के रामलीला मैदान में भारत की सशस्त्र सेनाओं और पुलिस बलों को सरकार के आदेश ना मानने का आवाहन किया था। इस आवाहन के लिए बीजू पटनायक और मोरारजी देसाई ने जय प्रकाश नारायण को कोसा और कहा कि इस गलती का परिणाम उन्हें भुगतना पड़ेगा।