इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी क्यों लगाई थी? Why Indira Gandhi imposed EMERGENCY?

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The Credible History

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Күн бұрын

Пікірлер: 1 500
@TheCredibleHistory
@TheCredibleHistory 6 ай бұрын
इन दिनों आपातकाल को लेकर बहुत बात हो रही है। मोदी ने राग छेड़ा तो स्पीकर बनते ही ओम बिड़ला को भी आपातकाल की याद आई। लेकिन कितनों को याद है कि उस दौरान इंदिरा जी ने संघ प्रमुख ने माफ़ी मांगी थी? क्यों लगी थी इमरजेन्सी और क्या थी उसमें संघ की भूमिका? देखिए विस्तार से हमारा सहयोग कीजिए 1- UPI ID: ashokk34-1@okhdfcbank 2- Financial assistance : www.instamojo.com/@AshokKPandey 3- Membership: kzbin.info/door/ydRy30N7Bg0iCwW8_ZQiiwjoin For #SPONSHORSHIP queries mail @👉 deals.crediblehistory@gmail.com My Books @ Amazon: amzn.to/429ZMdR #facebook Page 👉 facebook.com/authorashokpandey #twitter 👉 twitter.com/Ashok_Kashmir #instagram 👉 instagram.com/ashok_kashmir/ सच की लड़ाई में साथ आयें, Subscribe करें और दोस्तों तक भी पहुँचाएं।
@kaushalkishoresingh9745
@kaushalkishoresingh9745 6 ай бұрын
जभी कोई सरकार कुछ ऐसा करती है जब गरीवो का कल्याण होने लगता है तब rss wale koi n koi andolan khara karte jo भावनात्मक होता है और जनता को गुमराह करते है jp ka andolan शुरू हुआ था मंहगाई पर ठीक इसी तपर्रा जब v p Singh pm obc ko रिजर्वेशन दिया तब जनसंघ बीजेपी ने सरकार से समर्थन वापस लिए उसके पापले राम रथ लेकर निकल गए हुआ ये की जिसके hak me me रिजर्वेशन मिला वही राम राम करने लगे और आज राम के आधार पर नहीं विकास पर फिर वोट दिए है
@VijaiMathur
@VijaiMathur 6 ай бұрын
जी हाँ जगमोहन लाल सिन्हा साहब बेहद ईमानदार और किसी के दबाव में न आने वाले थे। मुख्यमंत्री रहते ही चरण सिंह जी एक बार मेरठ के तत्कालीन जज जगमोहन लाल सिन्हा साहब के पास घर पर किसी केस के सिलसिले में पहुंचे थे। सिन्हा साहब ने अर्दली से पुछवाया था कि, पूछो चौधरी चरण सिंह मिलना चाहते हैं या मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह। चौधरी साहब ने जवाब भिजवाया था कि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह जज साहब से मिलना चाहते हैं। सिन्हा साहब ने बगैर मिले ही उनको लौटा दिया था यह कह कर कि, उनको मुख्यमंत्री से नहीं मिलना है। केस का निर्णय चौधरी साहब के चहेते के विरुद्ध आया था । सिन्हा साहब को एहसास था कि उसी की सिफ़ारिश मुख्यमंत्री करना चाहते थे जिस कारण वह उनसे नहीं मिले थे। 1975 में इन सिन्हा साहब ने ही इलाहाबाद हाई कोर्ट में इन्दिरा गांधी के निर्वाचन के विरुद्ध निर्णय दिया था।
@gparya1798
@gparya1798 6 ай бұрын
😊😊😊😊😊😊😊
@kauranikjeet9433
@kauranikjeet9433 6 ай бұрын
बहुत बढ़िया पांडे Sir
@surendrasinghgusain874
@surendrasinghgusain874 6 ай бұрын
बी जे पी लोक सभा स्पीकर व राष्ट्रपति को पचास साल बाद ही कैसे याद आयी इमरजेन्सी की उससे पहले तो नही याद आयी
@GM-lo4xy
@GM-lo4xy 6 ай бұрын
मैं आज ७२ वर्षिय महिला हूं, इंदिरा गांधी ने बहुत सही आपातकाल लगाया था । सभी सरकारी कर्मचारियों को हमने सुचारू रूप से कार्य करते, समय पर कार्यालयों में उपस्थित होते देखा है।
@kfr7867
@kfr7867 6 ай бұрын
I am in my mid sixtees !!! So much corruption, lies, and distortion of history!!! I feel sorry for our youth and coming generations!!!😢
@alokpandey9910
@alokpandey9910 6 ай бұрын
मैं आपके सत्य पूर्ण और तथ्य पूर्ण comment की सराहना करता हूं।
@TrikamlalParmar-qg8xp
@TrikamlalParmar-qg8xp 6 ай бұрын
धन्यवाद
@sureshuprit6790
@sureshuprit6790 6 ай бұрын
आप बिलकुल सही कह रही हैं। आपातकाल मे आम जनता को कोई तकलीफ नही थी। रिश्वत और भ्रष्टाचार के नाम से लोग डरते थे।
@dang909
@dang909 6 ай бұрын
जी, आपने बिल्कुल सही कहा। मैं भी तकरीबन आप के ही उम्र का हूं और आप की बात से सहमत हूं। गरीब और आम जनता को आपातकाल से कोई परेशानी नही हुई।
@kkmalhotra6730
@kkmalhotra6730 6 ай бұрын
ऐसी चर्चाएँ अति आवश्यक हैं क्योंकि आज के बच्चे अपना इतिहास नही जानते उनको आसानी से बहकाया जा सकता है आपका बहुत बहुत धन्यवाद आप बहुत महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं 🙏🏽
@ashapathak1029
@ashapathak1029 6 ай бұрын
राजनीतिक विरोध तो अपनी जगह है। लेकिन इमरजेंसी के दौरान आम जनता को मंहगाई से बड़ी राहत थी। खाने पीने का सामान यहां तक कि सोना भी बहुत सस्ता था। मैने अपनी मां को कहते सुना था।
@manakchandsoni18
@manakchandsoni18 6 ай бұрын
मेरी उम्र 70 साल है और आप जो कुछ भी बता रहे हैं बिलकुल सही बता रहे हैं हमने वो जमाना देखा है धन्यवाद्
@shreeshrakesh
@shreeshrakesh 6 ай бұрын
आपातकाल में नेता भले परेशान रहे हों लेकिन आम जनता सुखी और संतुष्ट थी। मैं इसका साक्षी रहा हूं।
@parmeshwardeenyadav3195
@parmeshwardeenyadav3195 Ай бұрын
बिल्कुल सही है,मैं भी साक्षी हूं उस वक्त मैं कालेज पढ़ रहा था।अदानी जैसे तस्करों का सामान जब्त कर सस्ते कीमतों में जनता को दिया जाता था।
@vijaykhobragade769
@vijaykhobragade769 6 ай бұрын
अशोक जी इसी तरह सच्चाई सामने लाते रहिए ताकि हम जैसे लोगों को सच पता लग सके
@laxmikantdwivedi9873
@laxmikantdwivedi9873 6 ай бұрын
आपातकाल के वक्त मैं 14- 15 वर्ष का था इस दौरान आम जनता को कोई तकलीफ नहीं थी सब रेल गाड़ियां समय से चलती थी, गुंडे लफंगे सब जेल में थे, बहुत अच्छा रहा था समय आम जनता के लिए।
@moinakhtar2383
@moinakhtar2383 6 ай бұрын
इंदिरा गांधी जी के लिए सही शब्द चुना गया है आयरन लेडी ❤
@madhusudanagrawal763
@madhusudanagrawal763 6 ай бұрын
फरक - इंदिराजी ने लगाई घोषीत और मोदीजीने लगाई अघोषीत इमरजंसी.
@rajt.460
@rajt.460 6 ай бұрын
@@madhusudanagrawal763 magar Ghoshit Emergency jayada Achchi Thi.....
@deshbandhusingh4265
@deshbandhusingh4265 6 ай бұрын
Modi ko samvidhaan ka gyaa n hi nahi hai, anpad jo hai,
@राजनीति_की_खबर
@राजनीति_की_खबर 6 ай бұрын
❤❤❤ इंदिरा गांधी के खिलाफ साजिश रची गई थी इसीलिए आपातकाल लगाने पर मजबूर हुई थी। राहुल गांधी केस में हमने ऐसा ही प्रकरण देखा था
@nusratali5673
@nusratali5673 6 ай бұрын
ओम बिड़ला स्पीकर है। 50 साल बीती बाते अर्थहीन है। वर्तमान की समस्याओ की बात हो। समाधान हो।
@KrishnaKumar-so6gr
@KrishnaKumar-so6gr 6 ай бұрын
👌
@kfr7867
@kfr7867 6 ай бұрын
Exactly 💯....There are enough problems to solve !!!
@elizabethmicheal3968
@elizabethmicheal3968 6 ай бұрын
सत्ता पक्ष कुछ भी कहता है मोदी जी न हर गाली दी संसद में और उनके एमपी तालियां बजाते रहे सिद्ध कर दिया हम आह भी भरतें हैं तो हो जातें हैं बदनाम वो कत्ल भी करतें हैं तो चरचा नहीं होता
@GopalTayade-e2e
@GopalTayade-e2e 6 ай бұрын
मोदी का नहीं,आरएसएस का राज हैं? ये आरएसएस बदमाश हैं l
@muhammadsalimshaikh8241
@muhammadsalimshaikh8241 6 ай бұрын
Aisa pratit hota hai jaise, His Master Voice ho, scripted Bhashan(Malik ka tai kiya hua.)
@raosahebpatil6687
@raosahebpatil6687 6 ай бұрын
अशोक पांडेजी सर, मैं तहेदिलसे आपका शुक्रिया अदा करता हॅूं। बांगला देश स्वतंत्रता संग्रामके समय मेरी उम्र २३ बरस थी और इमर्जन्सी और इंदिराजीका फिरसे सत्तामे आनेका ये गौरवशाली इतिहासका मैं चष्मदिद नागरीक हॅूं और गवाहभी हॅूं। 🌹🙏🌹
@RameshBadrelShimla
@RameshBadrelShimla 6 ай бұрын
हमने बुजुर्गों को कहते सुना था कि आपातकाल का दौर बहुत बढ़िया था
@rainiersingh7209
@rainiersingh7209 6 ай бұрын
आज इमरजेंसी से भी बद्तर हालत है
@KrishnaKumar-so6gr
@KrishnaKumar-so6gr 6 ай бұрын
👍👍👍👍
@daulatramanhiwal7107
@daulatramanhiwal7107 5 ай бұрын
@@rainiersingh7209 rights
@hemantmaheta2836
@hemantmaheta2836 6 ай бұрын
इमर्जेंसी हटानी ही नहीं चाहिए थी देश के अंदरूनी हालत जब बिना कारण बिगाड़े जाय तब तब यह होना जरूरी है ।
@mahabirsarraf3503
@mahabirsarraf3503 6 ай бұрын
अगर Emergency नहीं लगता तो हम सब गुलाम हो गए होते। आपको thanks for presenting true facts and information.
@shamsuddinansari9255
@shamsuddinansari9255 6 ай бұрын
अशोक जी आप ने बहुत ही अच्छी तरह से एक्सप्लेन किया है। इन्हीं सब बातों को मैं भी जनता के सामने रखना चाहता था। मगर मेरे पास कोई प्लेटफॉर्म तो है नहीं, पर मैं अपने दोस्तों और अंधभक्तों को बताता रहता हूं। मैं इमरजेंसी के समय 20 साल का था और सब-कुछ देखा और समझा था। आम जनता को कोई भी परेशानी नहीं थी।
@brijbeharilal2155
@brijbeharilal2155 6 ай бұрын
बहुत ही शानदार एपिसोड, इमरजेंसी की हकीकत बतला कर अंध भक्तों की आखं खोल दिया | बहुत ही शिक्षाप्रद एपिसोड है। आपको बहुत बहुत धन्यवाद अशोक साहब
@kauranikjeet9433
@kauranikjeet9433 6 ай бұрын
Sir अंध भक्तों की आंखें कभी नहीं खुलेगी वो अंधे बहरे ही रहेंगे
@brijbeharilal2155
@brijbeharilal2155 6 ай бұрын
@@kauranikjeet9433 नही खुलेंगी तो अंधे ही हो जायेंगे।
@kauranikjeet9433
@kauranikjeet9433 6 ай бұрын
@@brijbeharilal2155 Yes Sir.....andhey toh ho hi gaye hain.......
@islammanzar1005
@islammanzar1005 6 ай бұрын
इतनी रोचक और ज्ञानवर्धक तथ्य परख जानकारी देने के लिए अशोक जी को कोटि कोटि धन्यवाद ।
@निहारिका-घ6प
@निहारिका-घ6प 6 ай бұрын
इस iron lady ko salute करना चाहिए in नीच निकम्मे भाजपाइयों को l आपने बहुत अच्छा video बनाया है I इसे बार बार दिखाया जाना चाहिए l
@DEVENDRAKUMAR-yh2xt
@DEVENDRAKUMAR-yh2xt 6 ай бұрын
इंदिरा गांधी ने देश को आगे बड़ाने मै बहुत कड़े कदम उठाए जो बहुत निर्भीक और जरूरी थे
@shreeshrakesh
@shreeshrakesh 6 ай бұрын
मोदी राज में लागू अघोषित आपातकाल बिड़ला जी को दिखाई नहीं दे रहा है। लोकसभा स्पीकर सत्ता पक्ष के एजेंडे को ही आगे बढ़ा रहे हैं।यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
@abdulmateenkhan5488
@abdulmateenkhan5488 6 ай бұрын
मैंने देखी आपातकालीन बहुत ज़रूरी थी पूरा देश के गुंडे गुंडागर्दी पर उतर आये देश को लूटना था सो लूट लिया अब शायद कुछ उमीद जागी
@prabhurajgadkar1453
@prabhurajgadkar1453 6 ай бұрын
अघोषित इमर्जन्सी तो पिछले दस साल से है
@jaiprakash-qp2wv
@jaiprakash-qp2wv 6 ай бұрын
Aghosit amargancey se pura Desh pareshan hai
@arvindgour649
@arvindgour649 6 ай бұрын
@@prabhurajgadkar1453 अघोषित इमरजेंसी हट जाती अगर दो स्वार्थी और बदमाश पलटूराम और गलटूराम गठबंधन का साथ देते। पर दुष्टों का साथ दुष्ट ही देता है। now established in toto
@AshokKumar-ry8kr
@AshokKumar-ry8kr 6 ай бұрын
अगर अघोषित आपातकाल होता तो आप यह कमेंट नहीं लिख सकते थे।आप जेल में होते
@rajt.460
@rajt.460 6 ай бұрын
अघोषित आपातकाल तो जरूर था ही मगर अब थोड़ा सा उसमें से बाहर आए हैं चुनाव के नतीजे के बाद । इंदिरा जी की इमरजेंसी हकीकत में तो काफी हद तक सही थी, बल्कि इमरजेंसी लगाने का कारण भी यही था कि लोकतंत्र जिंदा था और जज इंदिरा जी के खिलाफ ऐसा फैसला ले पाए थे वह भी सत्ता में आने के 4 साल बाद । देश तरक्की की राह पर चले कुछ गड़बड़ ना हो जाए इसीलिए तो इमरजेंसी लगाई गई थी । हां कुछ अतिरिक्त जरूर हुआ था जो गलतियां नहीं होनी चाहिए थी बस इसी के लिए बदनाम हो गई इमरजेंसी और मजबूत नेता इंदिरा गांधी जी...! हालांकि इंदिरा गांधी जी ने वह गलतियों के लिए माफी भी मांग ली थी और जनता का कितना प्यार बाद में पाया वह उसके बाद हुए लोकसभा चुनाव के रिजल्ट से तो पता चलता ही है ... अगर जनता की तरफ से उन्हें माफ़ी ना मिली होती तो 1980 के चुनाव में इस तरह नतीजा ना आते ,जनता का इतना प्यार ना मिलता....! उसकी जिंदगी तो पूरी हुई जो कि एक दिन तो होता ही है सबका...! मगर बहुत इज्जत के साथ और शहीदी के साथ । देश का असली विकास तो तभी हुआ था जो आजादी के बाद जातिवाद जैसी बुराइयों से मुक्त होकर और देश की सभी नागरिक एक है ऐसे नारे के साथ जिस देश में सूई तक नहीं बनती थी वह देश को इतना मजबूत बना दिया और हमारे भारत का बना हुआ बहुत सारा माल एक्सपोर्ट तक होने लगा। मेरे ख्याल से तो आज तक की सबसे उचित प्रधानमंत्री वही थी । ❤
@niranjanacharya1204
@niranjanacharya1204 6 ай бұрын
Right.
@manohardaskatariya3337
@manohardaskatariya3337 6 ай бұрын
स्वरों के लिए इमरजेंसी लगाई थी गरीबों के लिए तो बहुत बढ़िया इमरजेंसी थी
@sushilmanrai3000
@sushilmanrai3000 6 ай бұрын
एतिहासिक रूप से सबसे घटिया स्पीकर हैं।
@rspathwar3974
@rspathwar3974 6 ай бұрын
Like pm like speaker, no change
@rspathwar3974
@rspathwar3974 6 ай бұрын
I always wanted to know the reason of imposing emergency and role of RSS
@Dadasahab1234
@Dadasahab1234 6 ай бұрын
​@@rspathwar3974Her election was set aside by Allahabad H.C.,She imposed Emergency to stay in power instead of resigning.
@arvindgour649
@arvindgour649 6 ай бұрын
@@sushilmanrai3000 और दुष्ट भी
@mbb1805
@mbb1805 6 ай бұрын
सिर्फ़ स्पीकर ही नहीं हर चीज़ घटिया है इस सरकार की।
@mate9175
@mate9175 3 күн бұрын
Aap ki himmat ko salam he.
@ashapatil3789
@ashapatil3789 6 ай бұрын
बिलकुल सही जानकारी दे दि हैं आपने सर....😊
@ShahidAli-fh2kw
@ShahidAli-fh2kw 6 ай бұрын
सर मैं 64 में पैदा हुआ मुझे आज भी कुछ कुछ याद है कि आपातकाल के समय समस्त विभागों के अधिकारी कुर्सी पर बैठ जाया करते थे घूस खोरी बंद हो गई थी पब्लिक का कार्य होता था राशन की सरकारी दुकान रोज खुलती थीं सब कार्य सुचारू रूप से हुआ करते थे आज तो हर कुर्सी पर चोर ही चोर बैठे हैं
@nalinititus7894
@nalinititus7894 6 ай бұрын
I joined SBI in Feb 76 and was very much impressed by the strict discipline in all departments.
@labhchandjain4438
@labhchandjain4438 6 ай бұрын
सही है उस समय में स्नातक प्रथम वर्ष में था सब जगह सनुशाश्श आप गया था केवल नसबंदी जी ज्यादातई क़े कारण इंदिराजी हरी thee
@gautamsadawarte2703
@gautamsadawarte2703 6 ай бұрын
A bat bilkul sahi hai mai 15 sal ka tha kisiki dadagiri nahi chalti thi yahatak ki pulis bhi garibose darti thi
@buddha2845
@buddha2845 6 ай бұрын
भाई,मैं भी 64 की पैदाइश हूं और आपने जो जो कहा बिल्कुल वही बात मेरे दादाजी मुझे बताते थे,,आम जनता बिल्कुल खुश थी,,तकलीफ सिर्फ निकम्मे नाकारा सरकारी अधिकारियों को थी,,शायद इसी वजह से इंदिरा जी महज ढाई साल के बाद दुबारा चुनाव जीत गई और दुबारा कभी भी कोई चुनाव नही हारी,,जबकि ये भांड पार्टी एक बार सत्ता से बाहर आई तो अगले तीस साल तक दुबारा सत्ता नही मिलेगी
@MUKESHKUMAR-wg2br
@MUKESHKUMAR-wg2br 6 ай бұрын
❤❤
@ArvindKumar-dp5cv
@ArvindKumar-dp5cv 6 ай бұрын
अशोक जी बहुत बहुत आभार आपने नई पिढी़ को इतिहास के बारे में जानकारी दी है। मैंने भी आपके इस विडियो से बहुत सी नई जानकारी हासिल कि है।
@Pkt193
@Pkt193 6 ай бұрын
आपातकाल लगा था और उसे समय के अनुसार इंदिरा गांधी मजबूर थी इमरजेंसी लगाने के लिए और इमरजेंसी हमारे समय ही हुआ था
@pravinchotai3988
@pravinchotai3988 6 ай бұрын
सही विश्लेषण अतः सलाम- आपतकाल अराजकता से देश को बचाने के लिये लगाया गया था । और उसका खामियाजा भी इन्दिराजी को हार और सत्य बाहर आते ही पुनश्च जित एवं सत्ता प्राप्त हुवी।
@avnishkumaragrawal5411
@avnishkumaragrawal5411 6 ай бұрын
मैंने सभी Comments पढ़ें लगभग सभी Comments सत्य हैं और आपके विचार भी न्यायसंगत हैं
@ShukhramVishnoi
@ShukhramVishnoi Ай бұрын
पांडे जी आप जो कह रहे हो बिल्कुल 100% सच कह रहे
@satisfactioncomputer9612
@satisfactioncomputer9612 6 ай бұрын
अभी तो अघोषित आपातकाल चल रहा है कि नहीं अंधभक्तों, मित्रों, बहनों और भाइयों?😂😂😂
@SJain-gj8xk
@SJain-gj8xk 6 ай бұрын
100%
@graceraopedakolimi3343
@graceraopedakolimi3343 6 ай бұрын
Pachas saal ke baad kyun Yaad aaya, emerging 1975 ka. BJP ko..? etna saal sorahe te..? Janata ka provoke karke, Congress ke against Hatred paida karvane kaliye...aur kuch nahi...1975 emerging was past....past ko Yaad karvake kya fayada..? aaga badna chahiye for the sake of youth & country's future & betterment...
@NiranjanTyagi-y3h
@NiranjanTyagi-y3h 6 ай бұрын
Ye past mein hi jeete hai aur bhavishya ke sapne dikhate hai aur vartmaan se bhagte hai.bhagodo ke vansaj jo thahre.​@@graceraopedakolimi3343
@AshokKumar-ry8bh
@AshokKumar-ry8bh 6 ай бұрын
एकदम सटीक और तथ्यपूर्ण विश्लेषण व प्रामाणिक है॥ उपलब्धियां भी गिनाइये। एक तो यह है- 1- 2 अक्तूबर,1975 को ग्रामीण बैंको की स्थापना 2- अमेरिका, विश्व बैंक व मुद्रा कोष को करारा तमाचा।
@sunilpashte3932
@sunilpashte3932 6 ай бұрын
बहोत खूब.बहोत सही व्हिडिओ है. आप को बार बार धन्यवाद सर .आपने बहोत बडा काम किया है.
@pardeepbhambhurmg13
@pardeepbhambhurmg13 6 ай бұрын
सच्ची सही इमानदार निष्पक्ष बेबाक निडर साहसी बैखोफ बहादुर धारदार और तथ्यपरक पत्रकारिता को बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई 🙏❤️🙏
@anissandalwala486
@anissandalwala486 6 ай бұрын
शत शत नमन आप को अशोक जी ।
@AlokSharma-vf3id
@AlokSharma-vf3id 6 ай бұрын
अशोक पाण्डे जी, मैंने इमरजेंसी का दौर देखा है मुझे लगता है उस समय इमरजेंसी लगाना जरूरी था,उस समय आम जनता को कोई परेशानी नही थी ।
@mahabirsarraf3503
@mahabirsarraf3503 6 ай бұрын
इंद्रा जी की देश भक्ति पर जो सवाल उठाते हैं वे सभी देश द्रोही है। मैंने १९६५ मे कानपुर में इंद्रा जी को सुना था, उनकी बराबरी कोई नहीं कर सकता।
@rambhajan1055
@rambhajan1055 6 ай бұрын
इमरजेंसी उसे समय बहुत जरूरी था और बहुत अच्छा था उसे समयलगाना इंदिरा जी ने उसे समय जो इमरजेंसी का फैसला लिया था वह देश के लिए बहुत बड़ाहितकारी था
@gssharmahal
@gssharmahal 6 ай бұрын
दुर्भाग्य है कि हमारे देश के तमाम दलों के नेताओं को देश और देश के लोगों कि चिंता नहीं है केवल और केवल अपने बच्चों, अपनी पार्टी के हितों की चिंता रहती है। लोकसभा अध्यक्ष पूरी तरह से भाजपा के सांसद के तौर पर कार्य करते हैं। फिर भी स्वार्थी नेता भाजपा के पक्ष में खड़े हो जाते हैं। और यह एक डर कहें या स्वार्थ तमाम दलों के मुखिया कांग्रेस को बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते। उनकी मानसिकता यह है कि पड़ोसी की बकरी मरना चाहिए चाहे उनकी दिवाल क्यों न गिर जाए। इसलिए यह लोग भाजपा का साथ देते हैं। आपको बहुत बहुत धन्यवाद आप सच्चाई ढ़ूढ़ कर देश के लोगों के सामने रख रहे हैं।
@imamudeenbhatti9683
@imamudeenbhatti9683 6 ай бұрын
❤❤❤❤❤❤❤
@tikaramy
@tikaramy 6 ай бұрын
बहुत बढ़िया और महत्वपूर्ण जानकारी इस एपिसोड से मिली,इमारजानसी की सच्चाई समझ में आई।धन्यवाद।
@elizabethmicheal3968
@elizabethmicheal3968 6 ай бұрын
Thanks Ashokji for nice and true information 🎉🎉
@savitadas744
@savitadas744 6 ай бұрын
आज इमरजेंसी की सच्चाई सामने आई है। बहुत बहुत धन्यवाद!👌👍👍🇮🇳🇮🇳
@bibhishansarangkar7939
@bibhishansarangkar7939 6 ай бұрын
अप्रतिम ..... इन्फॉर्मेटीव....सही है...... 🎉🎉😂😂❤❤
@shaadhaider3999
@shaadhaider3999 6 ай бұрын
अभी आघोषित आपातकाल के साथ आघोषित राजतंत्र चल रहा है
@RAJKUMAR-cz6oj
@RAJKUMAR-cz6oj 6 ай бұрын
बहुत अच्छी जानकारी दी सर
@pushparamchandani1888
@pushparamchandani1888 Ай бұрын
Excellent article thanx
@kauranikjeet9433
@kauranikjeet9433 6 ай бұрын
आज तो students सड़को पर है,,,, आम इंसान का जीना मुहाल है
@omprakashkaushik7619
@omprakashkaushik7619 6 ай бұрын
18:55 सही जानकारी देने के लिए मैं पांडे साहब को बार बार सैल्यूट करता हूं ।
@RamuKumar-hf7qj
@RamuKumar-hf7qj 6 ай бұрын
Good job💯👍 sir ये खुलासा करने के लिए धन्यवाद कल ओम बिरला जी ने कहा और आज राष्ट्रपति ने भी दुख जताई है धन्यवाद🙏💕
@kfr7867
@kfr7867 6 ай бұрын
She just read out what was written for her !!!😢
@symphonyred
@symphonyred 6 ай бұрын
@@kfr7867pehle aapke grammar theek kariye. then comment.😂😂😂
@kfr7867
@kfr7867 6 ай бұрын
@@symphonyred Really?! Read written in the past tense is Read only !! It is just pronounced differently!!! 🙄
@kfr7867
@kfr7867 6 ай бұрын
@@symphonyred I think you need to take a grammar lesson ...not me !! 😃 😀 😄
@abuafraan
@abuafraan 6 ай бұрын
एमरजेन्सि के बारेमे बताया आपने. धन्यवाद. बहुत से लोग समजगये होंगे. बहुत लोगोंको तकलीफ हुआ होग, आम आदमी को कोई दिक्कत नही था सब खुश लगरहेथे. इस दौरान मै बंबई गया मुझे दादा नझर नही आया.
@SARFARAJKHAN331
@SARFARAJKHAN331 6 ай бұрын
आपका कंटेंट बहुत सही मुद्दे पर है
@bmangal6093
@bmangal6093 6 ай бұрын
यदि इमरजेंसी इंदिरा गांधी नहीं लगाई होती तो मेरी नौकरी नहीं लगती। इंदिरा गांधी को लाखों सलाम।
@portgasDace-b4j
@portgasDace-b4j 6 ай бұрын
49 साल पुराना इमरजेंसी पर आसूं बहाने वाले खुद के10 साल से लगाई हुई अघोषित इमरजेंसी पर नही बोलता
@hamidalikhankhan9917
@hamidalikhankhan9917 6 ай бұрын
विपक्ष को इसका ज़बरदस्त विरोध करना चाहिए।
@MaheshKumar-hh1ti
@MaheshKumar-hh1ti 6 ай бұрын
Bilkul sahi kaha sir aapne
@ajaynaithani2003
@ajaynaithani2003 6 ай бұрын
आपातकाल के बारे में सुना था लेकिन आपने कुछ नए तथ्य पेश किए है, जिन पर विचार-विमर्श पहले कभी सुना नहीं....
@MUKESHKUMAR-wg2br
@MUKESHKUMAR-wg2br 6 ай бұрын
एक शेरनी सौ लंगूर चिकमंगलूर चिकमंगलूर
@kamleshkumardiwan
@kamleshkumardiwan 6 ай бұрын
आपातकाल का बहुत अच्छा विश्लेषण किया है आपातकाल को आचार्य विनोबा भावे जी ने अनुशासन पर्व क्यों कहा था? हमारे विचार से लोकतंत्र में प्रशासनिक अधिकारियों की गलतियों का भी मूल्यांकन करना चाहिए उचित होगा क्योंकि इसका दोष राजनीतिक तंत्र को भुगतना पड़ता है 🎉
@vasudhapathak1473
@vasudhapathak1473 6 ай бұрын
Bahut knowledge mila thanks
@anilmohanty1730
@anilmohanty1730 6 ай бұрын
THANKS FOR CITING THE CONSPICUOUS PROVISION OF THE CONSTITUTION OF INDIA FOR CLAMPING EMERGENCY.
@somnathsen4211
@somnathsen4211 6 ай бұрын
Thank you sir ,👍👍👍🙏🙏🙏
@Santoshsk601
@Santoshsk601 6 ай бұрын
इस विषय पर पुस्तक प्रकाशित होना चाहिए एक फिल्म भी बनना चाहिए
@sauravsaran3217
@sauravsaran3217 6 ай бұрын
*जुबान सबके पास होती है* *मगर बात और बकवास* *में फर्क होता है ...* 🌹🌹
@KrishnaKumar-so6gr
@KrishnaKumar-so6gr 6 ай бұрын
100% 👌
@dindayalbandooni2440
@dindayalbandooni2440 6 ай бұрын
बीजेपी के अघोषित इमरजेंसी से इंदिरा गाँधी जी की इमरजेंसी ठीक थी
@JITENDRAKUMAR-ok1vo
@JITENDRAKUMAR-ok1vo 6 ай бұрын
पूरा आंदोलन सी आई ए द्वारा प्रायोजित था।
@danbahaduryadav423
@danbahaduryadav423 6 ай бұрын
Ashok Kumar Pandey ji aap ko thanks 🎉 sachi and Satya bat Kah Rahe Hai 🎉 Jai hind sir 🙏
@sureshrawat4021
@sureshrawat4021 6 ай бұрын
मोदी जी आपतकाल लगाने के लिए हिम्मत चाहिए
@gautamsunder9725
@gautamsunder9725 6 ай бұрын
आपातकाल के समय मै सरकारी नौकरी में था और मुझे आपातकाल से कोई तकलीफ़ नहीं पड़ी थी। उल्टा आपातकाल में सरकारी सेवाएँ बढ़िया मिल रही थी, कोई भ्रष्टाचार नहीं था, कोई जंगल राज नहीं था, सामान्य इंसान आराम से अपनी ज़िंदगी जी रहे थे।
@anshsunil1380
@anshsunil1380 6 ай бұрын
ओम बिड़ला के मन, मस्तिष्क से आरएसएस का विचार खत्म नहीं होगा, तब तक वह अच्छा नहीं सोचेंगे!
@harishchandra7640
@harishchandra7640 6 ай бұрын
ओम बिरला सही सोच ही नहीं सकते, निष्पक्ष हो ही नहीं सकते .
@jogindersingh4366
@jogindersingh4366 6 ай бұрын
एमर्जेंसी के दौरान जिन लोगों ने अराजकता इलायची आजकल उन लोगों के हाथ में सता है एमरजेंसी से ज्यादा देश में अराजकता चला रहे हैं
@JITENDRAKUMAR-ok1vo
@JITENDRAKUMAR-ok1vo 6 ай бұрын
सही है जज साहब रिश्तेदार थे।
@GopalTayade-e2e
@GopalTayade-e2e 6 ай бұрын
Emergency मे बहुत नोकरी या पद भरे गये थे l आम लोगो को हुआ तो फायदाही हुआ हैं l मै उसि time' नोकरी मे लगा था l आरएसएस के लोगोको आपत्ती थी, लेकीन काँग्रेस मे ज्यादा लोग आरएसएस के थे इसिलिये emergency के फायदे नाही गिना रहे हैं l You are absolutely right SIR.
@tribhuwansingh6109
@tribhuwansingh6109 6 ай бұрын
धन्यवाद ।
@anandkanskar7560
@anandkanskar7560 6 ай бұрын
Bhut,bhut dhyanvad इमरजेंसी की वास्तविकता की जानकारी के लिए,।माननीय मोदीजी,ombirla जी कुछ तो शर्म कीजिए,धर्मराज shnimhraj किसी को नहीं bkshte। Sudher जाइए।
@janardansingh8165
@janardansingh8165 2 ай бұрын
बहुत सुंदर जानकारी पंडित साहब अपने जी बहुत बहुत धन्यवादजिस वक्त इमरजेंसी लगी थी उसे वक्त मेरी सर्विस मात्र 2 साल कीमैं मैं भी 1973 को ज्वाइन हुआऔर मुझे सारी घटनाएं याद हैअभी हम स्वर्गीय इंदिरा जी को बहुत बहुत दिल से सामान करते हैं और करते भी रहेंगेगलती हुई तो उन्होंने माफी भी तो मांगाविशेष आपको भगवान स्वस्थ रखेंविनोद रखें
@c31212q
@c31212q 6 ай бұрын
Iron Lady 💪
@AMehra-im1gr
@AMehra-im1gr 6 ай бұрын
@doreenfernandes2431
@doreenfernandes2431 6 ай бұрын
❤ Very true
@anamolsher9136
@anamolsher9136 5 ай бұрын
Super News....Nice Akalan.....
@sureshjavhare4074
@sureshjavhare4074 6 ай бұрын
मुरारजी देसाई भी गुजरती था.
@sureshbhaidave5145
@sureshbhaidave5145 6 ай бұрын
बहुत मेहनत बदल मेहनत की आभार सुरेशभाई दवे
@mank1651
@mank1651 6 ай бұрын
This video should reach all corner of the country. In all regional languages. Ready to support .
@nepalkoli3903
@nepalkoli3903 6 ай бұрын
इस विषय में देवरस जी द्वारा इंदिरा जी को लिखे सभी पत्रों को जारी करना देशहित में अनिवार्य।
@mfsiddiqui3595
@mfsiddiqui3595 6 ай бұрын
कौन कौन मानता है कि पाकिस्तान के दो टुकड़े कराकर एक नए देश बांग्लादेश का निर्माण करना, बैंकों का राष्ट्रीयकरण करना, प्रिवी पर्स को समाप्त करनाऔर देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाली इंदिरा गांधी भारत की साहसी और सफलतम प्रधानमंत्री थीं जिन्हें उस समय के विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेई ने दुर्गा का अवतार कहा था
@KrishnaKumar-so6gr
@KrishnaKumar-so6gr 6 ай бұрын
इसमें मानने वाली क्या बात है. वह आज विश्व का इतिहास है.
@raviinder6406
@raviinder6406 6 ай бұрын
Modi Indira Gandhi ke raaste par hi tu chal raha hai ... tu fark kya hai ....🤔🤔
@indarsinghtomar2626
@indarsinghtomar2626 6 ай бұрын
Good👍
@ganeshkamde359
@ganeshkamde359 6 ай бұрын
कोयला खदानों का भी राष्ट्रीयकरण किया, जिससे पूंजीपति भी लामबध्द होने लगे थे।
@harishchandrasingh5355
@harishchandrasingh5355 6 ай бұрын
लोकसभा अध्यक्ष द्वारा आपातकाल पर अपनी तरफ से भाषण देना इनके पूर्व नियोजित कार्यक्रम का हिस्सा था जो सर्वथा अधयक्ष को कटघरे में खड़ा करता है।
@Anilpant1964
@Anilpant1964 6 ай бұрын
अपनी संविधान की गरिमा भुल गए।
@omprakashchaube67
@omprakashchaube67 6 ай бұрын
मोदी के साथ साथ बिड़ला जी भी ! मोदी जी के अमृतकाल का प्रभाव !
@manoramasengar6637
@manoramasengar6637 6 ай бұрын
यह सब पुरुष प्रधान समाज के अधिनायक वाद के कारण हुआ। एक महिला को कैसे कुशल नेतृत्व,शेरनी को प्रधान मंत्री के पद पर सहन कर पाते।
@mujaffarkotwal4262
@mujaffarkotwal4262 4 ай бұрын
*🌹🇮🇳जय हिन्द🇮🇳जय भारत🇮🇳जय महाराष्ट्र🇮🇳बहुत ही आच्छी और सच्छी मालुमात देते है!👍अशोक कुमार पांडे सर♥️👌🌹*
@WowPlacesSagar
@WowPlacesSagar 6 ай бұрын
सब के सब झूठे और मक्कार है। और जनता बेवकूफ है जो इन नेताओं के पीछे भागती रहती है।......
@Laxmikhankriyal-nz2he
@Laxmikhankriyal-nz2he 6 ай бұрын
धन्यवाद इमरजेंसी के तथ्यों से अवगत करवाने के लिए 🙏
@gyrao8854
@gyrao8854 6 ай бұрын
सर,इमर्जन्सी हमने देखी है. और जो फॅक्ट हमने सुने और देखे थे, पिछले पचास साल होनेके बाद सीर्फ आज आपसे वही सुननेको मिले है.निडरतासे इतिहास सामने रखनेकी आपकी शैली को हमारा सलाम.
@KrishnaKumar-so6gr
@KrishnaKumar-so6gr 6 ай бұрын
🙏
@shantayadav8008
@shantayadav8008 6 ай бұрын
आज के हालात तो इमर्जेन्सी से ज्यादा बुरे बुरे है इमर्जेन्सी ऊस समय के राष्ट्रपति जी ने लगाई थी इन्दिरा जी ने घोषणा की थी
@kamalahmad7210
@kamalahmad7210 6 ай бұрын
वो घोषित इमरजेंसी थी और फिल्हाल देश 10 साल से अघोषित इमरजेंसी झेल रहा है l और ऐसे हालात को पैदा करने वालों को शिकायत है l कि इन्दिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाई थी l
@kfr7867
@kfr7867 6 ай бұрын
Offence is the best defense bhai !!!😢
@rameshchona
@rameshchona 6 ай бұрын
Desh drohi kya Jane Desh ko Majbut karna tha .
@rameshchona
@rameshchona 6 ай бұрын
Abhi Aghosit Emergency. Manipur Bana shikar.
@rameshchona
@rameshchona 6 ай бұрын
Sanskari Log 15 Saal Soye soye marna Pasand karte hain. Dharm ke Pracharak
@rameshchona
@rameshchona 6 ай бұрын
Morar ji Desai, V. P. Singh Ne Desh ko Pichhe Dhakela Bilkul Madari ki Tarah.
@jaswinderbrar8954
@jaswinderbrar8954 3 ай бұрын
Very good Ashok Kumar Panday ji
@RavanjeeLankawale
@RavanjeeLankawale 6 ай бұрын
इंदिरा गांधी की इमरजेंसी में राजनेताओ, पत्रकारों, सरकारीअधिकारियों और धनाढ्यों पर गाज गिरी थी आम जनता पर नहीं वर्तमान समय में तो आम जनता ही सबसे ज्यादा दंश झेल रही है
@harikishan1994
@harikishan1994 6 ай бұрын
सच है
@DilipJhariya-x8b
@DilipJhariya-x8b 5 ай бұрын
नमस्कारबहुत ही अच्छी जानकारी अपने दी और यह बहुत सारी चीज हमें क्या बहुत सारे लोगों को मालूम ही नहीं है इससे जनता को पता चलेगाऔर उनमें समझदारी आएगी आपका हृदय सेधन्यवाद
@madhubhushansharma3015
@madhubhushansharma3015 6 ай бұрын
जय प्रकाश नारायण ने 25 जून 1975 को दिल्ली के रामलीला मैदान में भारत की सशस्त्र सेनाओं और पुलिस बलों को सरकार के आदेश ना मानने का आवाहन किया था। इस आवाहन के लिए बीजू पटनायक और मोरारजी देसाई ने जय प्रकाश नारायण को कोसा और कहा कि इस गलती का परिणाम उन्हें भुगतना पड़ेगा।
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