सिंगर बन्धुओ के लिये भेज रहा हूँ सम्पूर्ण भजन टेर *रूणिचो है मथुरा काशी रूणिचो हे मथुरा काशी नवखंड रो नाथ विराजे बठै द्वारिका रो वाशी* १ *दुखी होय अजमाल कुदिया समुन्द्र रे मांहि मन रे मांय भरोसो साचो मिलसी अविनाशी* २ *उंडे नीर नाथ जद मिल्या अजमल यूँ भाखी जग में म्हारो नाम बांझीयो खाय मरु फासी* ३ *भादवे री दुज चानणी चंदो प्रकाशि बालकियो बण आऊं आँगणे पगल्या मंड ज्यासी* ४ *बाज्या सोहन थाळ महल में होया घणा राजी हालरियो हुलरावे मैणा मगन भई खासी* ५ *बाळ रूप ने निरखण आया देव भया राजी तंवर वंश में होयो उजालो ख़ुशी नगर वाशी* ६ *डिप्टी गोड़ मगन होय मन में हरदम हरशाषि भाणेरागांव रो दास गोपाळो विरदावली गासी* जय बाबारी सा नये भजन प्राप्त करने व लिखवाने के लिये सम्पर्क करें लेखक (भाणेरागांव रो दास गोपाळो) गोपालसिंह राजपुरोहित भाणेरागांव बीकानेर मोबाईल नंबर 9929038281 🙏🙏
@TonkIndiaMukeshChellaMusic4 ай бұрын
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@GopalRajpurohit86344 ай бұрын
बहन माया गुजरी ने भजम को तोड़ मरोड़ कर अधूरा गाया है कृपया इस तरह से अधूरा नहीं गाना चाहिए में भाणेरागांव रो दास गोपाळो इस भजन का लेखक जय बाबारी सा