प्रभु दंडवत प्रणाम, एक बात कहना चाहता हूं आपके प्रवचन में अगल ही शांति मिलती है और शिक्षा भी मिलती है। पर आप ये राजनीतिक लोगो को उद्धरण के रूप में अपने वाचन में समलित न करे। साथ ही हिंदी के शब्दों का भरपूर करे, आतंकियों की भाषा को अपने वाचन में जगह कम से कम de।