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अगर आपको बार बार गर्भपात हो जाता है भ्रूण में किसी तरह का विकार तो नहीं ये जानना चाहते हैं तो इसके समाधान के लिए आपको डॉ. दीपिका का ये विडियो जरूर देखना चाहिए और अधिक जानकारी के लिए कॉल करें -
जो Couples संतान सुख चाहते हैं लेकिन पूर्व में विभिन्न उपचारों में असफल रहे हैं या बार-बार गर्भपात हो जाता है उनके लिए IVF में PGT फायदेमंद साबित हो सकती है।
आईए समझते हैं क्या होती है प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग
PGT एक अत्याधुनिक तकनीक है, जो IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) प्रक्रिया में उपयोग की जाती है। यह तकनीक भ्रूण के genetic स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए की जाती है, ताकि भ्रूण में किसी भी आनुवंशिक विकार या असामान्यता का पता लगाया जा सके। यह कार्य भ्रूण के गर्भाशय में प्रत्यारोपण से पहले की जाती है।
IVF प्रक्रिया के तहत बने भ्रूण को PGD में कोशिकाओं की जांच की जाती है। इस जांच के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि भ्रूण स्वस्थ और Genetic रूप से सामान्य है। इसके बाद केवल स्वस्थ भ्रूण को गर्भाशय में transfer किया जाता है, जिससे सफल गर्भधारण की संभावना बढ़ती है।
’PGD कौन अपना सकता है?’’
PGD उन दंपतियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी हैः
1. जिनमें आनुवंशिक विकारों का इतिहास हो।
2. जिनके पिछले गर्भधारण में बार-बार असफलता हुई हो।
3. जो उम्रदराज महिलाएं हैं (35 वर्ष से अधिक)।
4. जिन्हें बार-बार गर्भपात का सामना करना पड़ा हो।
5. जिनके परिवार में Genetic बीमारी (जैसे थैलेसीमिया या सिकल सेल एनीमिया) का इतिहास हो।
PGD तकनीक IVF प्रक्रिया को अधिक सफल और सुरक्षित बनाती है और स्वस्थ गर्भधारण की संभावना को बढ़ाती है।