🙏जाके हिरदय सीताराम, फिकर फिर क्या करना? 🙏तेरे बिगड़े बनेगें सब काम, फिकर फिर क्या करना 🙏

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Dr SS Pandey Maharaj Dayashankar

Dr SS Pandey Maharaj Dayashankar

Күн бұрын

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@drsspandeymaharajdayashank951
@drsspandeymaharajdayashank951 Күн бұрын
🙏 हमारे अध्यात्मिक गुरुदेव ब्रह्मलीन संत श्री राजेश्वरानंद जी महाराज जी का यह अद्वितीयपद, अपने भी भावों की श्रद्धांजलि अर्पित कर, सभी प्रभु भक्तों का आशीर्वाद पाने हेतु, सुनने के लिए प्रेषित हैं. मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि हमारे पूज्यनीयब्रह्मब्लीन आध्यात्मिक गुरदेव जी का यह पद आपके ह्रदयों मे अपना स्थान बनाने मे अवश्य ही समर्थ होगा. 🙏
@praveenjaihindsirtiwari2226
@praveenjaihindsirtiwari2226 20 сағат бұрын
बहुत सुंदर ढंग से ईश्वर की महिमा का प्रस्तुतीकरण किया फूफा जी सादर प्रमाण 🙏🙏
@drsspandeymaharajdayashank951
@drsspandeymaharajdayashank951 19 сағат бұрын
🙏 जब कोई भी व्यक्ति, हृदय से ईश्वर की सत्ता को स्वीकार कर लेता है,तो प्रभु स्वयं उसका मार्ग प्रशस्त करते चले जाते हैं. पर यहां पर लोगों को अपने धन ऐश्वर्य जमीन जायदात, घर परिवार , पति पत्नी,पुत्र, पुत्री,पिता भाई,, संबंधियों एवं मित्रों के रुतबे पर आखिर तक भरोसा बना रहता है, और ईश्वर दूसरे नंबर पर रहता है. और भगवान तो असहाय, दीन हीन पिछड़ो, शोषितो और वंचितों तथा निर्बलों के सहायक हैं. अपना सभी बल लगाकर, थक हार कर ही व्यक्ति प्रभु कोमदद के लिए पुकारता है, प्रभु व्यक्ति की किसी भी बात का बुरा न मानकर तत्काल अपने द्वारा पैदा किए हुये जीव की सहायता के लिए दौड़ पड़ता है. सूरदास जी ने अपनी एक पद में यही कटु सत्य बतलाया हैं. ******************* 🙏 सुना री मैंने,निर्बल के बल, राम 🙏 (1) जब तक गज,बल आपनो बर्तयो, नेक सरयो नहि काम. (2) निर्बल ह्वेय बल, राम पुकारयो, आये आधे नाम. (3) द्रुपद सुता निरबल भई वा दिन, तजि पहुचे, निज धाम. (4) दुशासन की भुजा थकितभई भई, वस्त्र रूप भयो श्याम. (5)अप बल, तप बल, और बाहु बल, चौथा बल, हैं दाम. (6)सूर, किशोर कृपा ते, सब बल, हारे को हरि नाम.
Каха и дочка
00:28
К-Media
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Try this prank with your friends 😂 @karina-kola
00:18
Andrey Grechka
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ओशो सत्य वचन 🙏
15:26
life telling something 🌍 [पावर आफ़ ओशो]
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