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ज्ञान वाणी-रेडियो इग्नू- विद्यार्थी जीवन में योग का महत्व 18 जून 2023, सायं 6:00 बजे
विशेषज्ञ: i).डॉ. भरत राज सिंह, महानिदेशक (तकनीकी), स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज, वैदिक विज्ञान केंद्र, लखनऊ
ii). मुकेश कुमार सिंह, योग प्रशिक्षक
एंकर: ज्योत्सना, रेडियो इग्नू
योग विज्ञान - भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है, जिसकी उत्पत्ति त्रेता युग में वेदव्यास द्वारा लिखित वेदों से हुई है और इसके सनातन धर्म में 4-वेद, 18-पुराण और 108-उपनिषद ग्रंथ हैं। इस वेद में योग की परिभाषा का उल्लेख किया गया है। इसके बाद जीवन को सही ढंग से जीने का विज्ञान महर्षि पतंजलि के योग सूत्र से उद्धृत किया गया। महर्षि पतंजलि के योग सूत्र को राजयोग या अष्टांग योग कहा जाता है। उपरोक्त आठ अंगों में सभी प्रकार के योग का समावेश (i) यम, (ii) नियम, (iii) आसन, (iv) प्राणायाम, (v) प्रत्याहार, (vi) धारणा, (vii) ध्यान और (viii) समाधि घटित होती है। योग विधि से भौतिक शरीर में मुद्राओं, वन्धों और चक्रों को जाग्रत करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है। योग में मुद्रा, वन्ध और क्रिया के माध्यम से प्राण ऊर्जा को मूलाधार चक्र से सहस्रार चक्र तक संचारित करके जीवन को सात्विक कैसे बनाया जाए, यह आसान तरीके से बताया गया है।