Рет қаралды 12,049
ॐ भूर्भुवः स्वः। तत्सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात्।
वेदों का ये एक महत्वपूर्ण मंत्र जिसकी महत्ता ॐ के जितनी है, इसका अर्थ है -
उस प्राणस्वरूप,
दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ,
तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा
को हम अपनी अन्तरात्मा में धारण करें।
वह परमात्मा हमारी बुद्धि को
सन्मार्ग में प्रेरित करे।
गायत्री मंत्र का पहला छंद - "ॐ भूर्भुवः स्वः" यजुर्वेद से लिया गया है और बाकी के तीन छंद - "तत्सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात्।" ऋग्वेद के छन्द 3.62.१ से लिया गया है।
इस मंत्र को सावित्री मंत्र भी कहा जाता है क्यूंकि इस मंत्र में सवितृ देवी (जिन्हें ईश्वरीय प्रकाश माना जाता है), की उपासना की गई है जिन्हें वेदों की माता के रूप में जाना जाता है तथा सूर्य का स्वरुप भी माना जाता है। असल में सूर्य और सवितृ के सम्बन्ध को हम शरीर और आत्मा के सम्बन्ध-सा मान सकते हैं।
इस मंत्र का उल्लेख चारों वेदों में है। जिससे पता चलता है कि ये सिर्फ एक "मंत्र" नहीं बल्कि एक "महामंत्र" है। मंत्र विज्ञान के अनुसार जितने भी मंत्र होते हैं उनके एक देवता होते हैं जिनको मंत्र जाप के दौरान मन में स्थापित करने से मंत्र सिद्ध होता है और हमें उसका फल मिलता है। गायत्री मंत्र के जाप करने के दौरान सूर्य का ध्यान करने से ही गायत्री मंत्र की सिद्धी होती है।
सूर्य से निकलने वाले प्रकाश के तेज से ये संपूर्ण solar system में energy स्थापित है। और यह पूरा ब्रह्माण्ड जिस energy से चलता है वो सूर्य की energy नहीं बल्कि परम ज्योति है जो कण कण में बसी है। गायत्री मंत्र के जाप के समय सूर्य का ध्यान करने से हमारे अंदर के 24 तत्वों में वही परम ज्योति प्रवाहित होने लगती है जिससे हमारे अंदर का हर cell उस दिव्य तेज से आलोकित होने लगता है।
सूर्य हमारे शरीर के साथ साथ हमारे मन तथा हमारी बुद्धि पर भी प्रभावपूर्ण असर डालती है इसीलिए हम गायत्री मंत्र की सहायता से सूर्य की उपासना करते हुए अपने मन को अच्छी दिशा दिखाते हैं।
गायत्री मंत्र के निरंतर जाप से जो साधक है, उसका और मंत्रों के सबसे बड़े देवता, सूर्य के बीच एक invisible bridge का काम करता है। गायत्री मंत्र के निरंतर और लयबद्ध तरीके से अगर हम जाप करते हैं तो हमारे अंदर से दिव्य तरंगें निकलने लगती हैं जो धीरे-धीरे सूर्य की ओर एक spiral पथ पर बढ़ने लगती हैं और उसकी ध्वनि, सूर्य से उसका दिव्य प्रकाश, तेज और उसके अलौकिक गुण, प्रतिध्वनि के रूप में हम तक पहुँचाती हैं जो हमारे शरीर, मन, सोच तथा बुद्धि को हर तरह से लाभ पहुँचाती हैं ।
इसलिए आज के युग में हर काम करने के पहले हम उसका scientific reason जानना चाहता हैं। ये सही भी है क्यूंकि हम जिस काम के बारे में जितना अच्छी तरह से जानते हैं उसको उतने ही लगन से करते हैं। आज इन्हीं scientific reasons को जानने की वजह से गायत्री मंत्र को एक महामंत्र के रूप में जाना जाने लगा है और लोग इसका जाप हर संभव तरीके से करते हैं। यहाँ तक कि कई घरों में गायत्री मंत्र door bell में भी use होने लगा है ताकि उनके मन में ये मंत्र हर समय गूंजता रहे। आशा है आज गायत्री मंत्र के बारे में इतनी जानकारी प्राप्त करने के बाद आप भी इस महामंत्र को अपने जीवन का हिस्सा बनाएँगे और इस ब्रह्माण्ड की अद्भुत शक्तियों का आनंद लेंगे।
धन्यवाद !
#GayatriMantra, #VedicChanting, #MantraMeditation, #SpiritualChants, #HinduMantra, #DivineMantra, #SacredChants, #MeditationMusic, #DevotionalMusic, #ChantingPractices, #गायत्रीमंत्र, #वैदिकमंत्र, #मंत्रधारा, #ध्यानमंत्र, #हिन्दूमंत्र, #आध्यात्मिकचन्ट, #भक्तिसंगीत, #पूजापाठ, #ध्यानसंगीत, #दिव्यमंत्र, #गायत्रीमंत्र_असर, #मंत्रचिकित्सा, #शारीरिकस्वास्थ्य, #गायत्री_ध्यान, #मंत्रशक्ति, #आत्मशक्ति, #ध्यानऔरस्वास्थ्य, #गायत्री_मंत्र_फायदे, #मानसिकस्वास्थ्य, #गायत्रीयोग, #GayatriMantraEffects, #MantraHealing, #MindBodySpirit, #WellnessWithMantras, #EnergyHealing, #SpiritualWellness, #ChantingBenefits, #MantraTherapy, #HolisticHealth, #VibrationalHealing