** सत् साहेब और डण्डवत प्रणाम गुरूदेवजी रामपालजी महाराजजी को पहुचे, जयहो बन्दी छोड़ की । गुरूदेवजी::-- चूक हमारी बकसहु स्वामी। विनती मानहु अन्तर यामी।। हौं प्रभु मैं तुव दास अधीना। तुव आज्ञा ते हौंऊँ न भीना।। सतगुरू मैं आधीन तुम्हारा। तुम भवसागर तारन हारा।। चौरासी सों कीन्ह उबारा। बहुरि जन्म नहीं होय हमारा।। करूणामय गुरू अन्तर यामी। करहु दया अब मोपर स्वामी। ।
@kusherchaudhary25473 жыл бұрын
Bandi chhod satguru Rampal ji maharaj ki jai ho🌷🌷🌷🌷
@aleenmoriya92632 жыл бұрын
puran parmeswar Sant ram pal ji maharaj ki jai ho sat sahib ji
@upasnakumari95883 жыл бұрын
Sat saheb
@ravikoli78473 жыл бұрын
Sat saheb ji Daya Karo 🙏🙏🙏
@diwakarkumar26792 жыл бұрын
Sat shaheb mlick
@gajendratanti58133 жыл бұрын
जय बंदीछोड़कबीर इज गौड
@rajanprajapti40352 жыл бұрын
परब्रह्म के सात शंख ब्रह्माण्डों की स्थापना Parbrahm Creation of Universe कबीर परमेश्वर (कविर्देव) ने आगे बताया है कि परब्रह्म (अक्षर पुरुष) ने अपने कार्य में गफलत की क्योंकि यह मानसरोवर में सो गया तथा जब परमेश्वर (मैंनें अर्थात् कबीर साहेब ने) उस सरोवर में अण्डा छोड़ा तो अक्षर पुरुष (परब्रह्म) ने उसे क्रोध से देखा। इन दोनों अपराधों के कारण इसे भी सात संख ब्रह्माण्ड़ों सहित सतलोक से बाहर कर दिया। अन्य कारण अक्षर पुरुष (परब्रह्म) अपने साथी ब्रह्म (क्षर पुरुष) की विदाई में व्याकुल होकर परमपिता कविर्देव (कबीर परमेश्वर) की याद भूलकर उसी को याद करने लगा तथा सोचा कि क्षर पुरुष (ब्रह्म) तो बहुत आनन्द मना रहा होगा, वह स्वतंत्र राज्य करेगा, मैं पीछे रह गया तथा अन्य कुछ आत्माऐं जो परब्रह्म