क्या बात है सचदेवा जी जवाबी जगत का बड़ा और सबसे जबरदस्त जवाब जो अचानक में सबके बस का नही था बस कोरस वाले हमको लगता है बदल गए है इस कार्यक्रम में आपके
@maheshlodhi81535 ай бұрын
टीकमगढ
@gyanendramishra2941 Жыл бұрын
विष कंठ से उतरने दिया ही नही अमृत कभी भी तूने पिया ही नही प्रभु के हाथो ही था तुझे मरना इसी से तू जिया ही नही
@bhanvarsingh30865 ай бұрын
जिस प्रकार जिह्वा को बाहर निकालने पर उसमें से लार टपकती है, उसी प्रकार योग क्रिया से जिह्वा अन्दर की ओर लटकाने से उसमें से अमृत टपक जाता है | गुरु शुक्राचार्य ने रावण को वही क्रिया बता दी जिससे रावण की नाभि में अमृत टपक गया |