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अंग्रेजों के जमाने का राजसी होटल, जहां नहीं थी भारतीयों को प्रवेश की अनुमति. Indians and Dogs are NOT Allowed ! Raja Gokuldas Jabalpur. Central India Jubbulpore Division. Jabalpur Before 1947. jabalpur in 1900. Royal Hotel, Jabalpur | MP Tourism. British Period Royal Hotel in Jabalpur.
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जबलपुर का इतिहास: राजकुमारी बाई की कोठी | रॉयल होटल | The Royal Hotel Jabalpur | British Era
देश अपना 75 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. आजादी का क्या महत्व है यह जानने के लिए आजादी का महत्व समझना बेहद जरूरी है. गुलामी की जंजीरों ने किस हद तक देश को जकड़ा हुआ था, उसका उदाहरण था जबलपुर का एक होटल जिसका नाम था रॉयल होटल. ब्रिटिश हुकुमत के समय इस होटल के बाहर एक बोर्ड लगा होता था, जिसकर लिखा होता था (Indian and dogs are not allowed) यानी भारतीय और कुत्तों का यहां आना मना है.
जबलपुर के सिविल लाइन इलाके में है रॉयल होटलजबलपुर के सिविल लाइन इलाके में खंडहर में तब्दील हो चुकी एक इमारत अंग्रेजी हुकुमत के समय एक बहुत बड़ा होटल होता था. जिसका नाम था रॉयल होटल. देश में एकमात्र होटल थी जिसमें खाना बनाने वाले से लेकर गार्ड तक की नौकरी करने वाला अंग्रेज ही था. इसी इमारत के बाहर भारतीयों को अपमानित करने वाला वह बोर्ड लगा रहता था.राजा गोकुलदास ने बनावाई थी बिल्डिंगजबलपुर की यह इमारत काफी ऐतिहासिक है. बताया जाता है कि जबलपुर के राजा गोकुलदास ने अपनी नातिन राजकुमारी बाई को इस महल को तोहफे में दिया था. जब अंग्रेज आए तो उन्होंने गोकुलदास से इस इमारत को ले लिया और यहां रॉयल होटल बना दिया. बताया जाता है कि यह इमारत अंग्रेजों के ऐशो-आराम की जगह हुआ करती थी. रोज रात इस इमारत में पार्टियां हुआ करती थी.
विवाद के बाद होटल के बाहरहोटल के बाहर लगे बोर्ड को लेकर भी दिलचस्प कहानी इतिहासकार बताते हैं. बताया जाता है कि एक रात पार्टी में एक भारतीय रईस भी शरीक हुआ था. भारतीय रईस इस पार्टी में अपने देशी कुत्ते को लेकर पहुंता था. इस दौरान देसी कुत्ते और अंग्रेजी कुत्ते के बीच जमकर लड़ाई हुई और अंग्रेसी अफसर ने भारतीय रईस के कुत्ते को गोली मार दी. इस दौरान जमकर विवाद हुआ और होटल के बाहर एक बोर्ड लगा दिया गया जिसपर लिखा था यहां भारतीय और कुत्तों का आना मना है.
रॉयल होटल को राज्य संरक्षित स्मारकों की सूची से अलग कर दिया गया है। भोपाल मुख्यालय की अनुमति प्राप्त होने के बाद होटल को मप्र पर्यटन विकास निगम को सौंप दिया जाएगा।
-पीसी महोबिया, प्रभारी डिप्टी डायरेक्टर, राज्य पुरातत्व विभाग
शहर में रॉयल होटल एक धरोहर है। इसकी विशेष पहचान है। भवन हैंडओवर होने के बाद पुराने स्वरूप में ही होटल शुरू किया जाएगा। देश-विदेश के पर्यटक ब्रिटिश हुकूमत के भवन में ठहरना पसंद करेंगे।
-मोंसी जोसफ, आरएम मप्र पर्यटन विकास निगम