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🙏 जय जगन्नाथ! जय बलभद्र! जय माता सुभद्रा! 🙏
📌 श्री जगन्नाथ महाप्रभु की संध्या आरती दिव्य और अलौकिक अनुभव प्रदान करती है। जब सूरज अस्त होता है, तब श्रीमंदिर के गर्भगृह में विशेष मंत्रों और शंख ध्वनि के साथ संध्या आरती की जाती है। यह आरती भव्यता और भक्ति का प्रतीक है, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और माता सुभद्रा की महिमा गाई जाती है।
🌟 संध्या आरती का महत्व 🌟
🔹 जगन्नाथ महाप्रभु की आरती देखने मात्र से पुण्य की प्राप्ति होती है।
🔹 शंख और घंटियों की मधुर ध्वनि से वातावरण भक्तिमय हो जाता है।
🔹 महाप्रभु की आरती में भाग लेने से आत्मा को शांति और आनंद की अनुभूति होती है।
🔹 भक्तों का यह विश्वास है कि आरती के समय महाप्रभु स्वयं अपने भक्तों को दर्शन देते हैं।
📜 संध्या आरती मंत्र:
"जय जगन्नाथ स्वामी, नयन पथगामी भवतु मे।
जय बलभद्र, जय माता सुभद्रा, जय महाप्रभु जगन्नाथ।"
🔔 विशेष अनुरोध:
📌 इस दिव्य आरती दर्शन का लाभ लें और महाप्रभु की कृपा प्राप्त करें।
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📌 कमेंट में "जय जगन्नाथ" लिखकर अपनी भक्ति प्रकट करें।
🙏 "जो भी प्रेम और श्रद्धा से महाप्रभु की आरती में भाग लेता है, वह उनके अनंत आशीर्वाद का अधिकारी बनता है।" 🙏
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