Matla ghalt kar diya jagjit sahib ne. Aaye kuch abr kuch sharab aaye Iss ke ba'd aaye jo azaab aaye
@anonymousforever136211 ай бұрын
Yahan the maestro has erred as the matla is “aye kuchh abr kucch sharab aye uske baad aaye jo azaab aye”
@shishirranjan11 ай бұрын
He has sung that as well in other version.
@ManojSharma-hi8jp11 ай бұрын
जगजीत जी ने इस ग़ज़ल को सही मतले के साथ बहुत बार गाया है सही मतले के साथ उन versions को सुन लो मियाँ ये version प्राइवेट महफ़िल में live गाया है Singers को हज़ारों ग़ज़ल मुँह ज़बानी याद नहीं होती.. कई बार असावधानी से कुछ इधर उधर हो जाता है इसलिए गायकी को enjoy कीजिए जनाब -ए -मोहतरम
@kirtirajsingh94895 ай бұрын
Yeh composition is one of the hardest in ghazal segment and I swear to god I have listen to this ghazal in many voice but only two legends ustaad mehdi hassan and jagjit ji are the ones who did justice to this ghazal ❤
@csmann1006 ай бұрын
Original Ghazal आए कुछ अब्र कुछ शराब आए इस के बा'द आए जो अज़ाब आए बाम-ए-मीना से माहताब उतरे दस्त-ए-साक़ी में आफ़्ताब आए हर रग-ए-ख़ूँ में फिर चराग़ाँ हो सामने फिर वो बे-नक़ाब आए उम्र के हर वरक़ पे दिल की नज़र तेरी मेहर-ओ-वफ़ा के बाब आए कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब आज तुम याद बे-हिसाब आए न गई तेरे ग़म की सरदारी दिल में यूँ रोज़ इंक़लाब आए जल उठे बज़्म-ए-ग़ैर के दर-ओ-बाम जब भी हम ख़ानुमाँ-ख़राब आए इस तरह अपनी ख़ामुशी गूँजी गोया हर सम्त से जवाब आए 'फ़ैज़' थी राह सर-ब-सर मंज़िल हम जहाँ पहुँचे कामयाब आए Nuskha Hai Wafa (Pg. 173)
@csmann1006 ай бұрын
tar-ba-tar???!! it is sar-ba-sar
@shyamapurva932110 ай бұрын
Subhanallah❤
@achalanuaak268211 ай бұрын
Wonderful 👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽👏🏽
@Riddhi-m2f11 ай бұрын
Umdaa 👌🏼
@niravrajani091111 ай бұрын
Thank you so much Raja ji for this gem
@dewdropps11 ай бұрын
Thank you
@vivekonutube111 ай бұрын
Thanks Raja Bhai ye recording bahut bhahut buri conditions me thi . 🤝❤