मात्र इन्द्रियों को जितने से भी भगवान नहीं बनते कर्मो के नाश से और सर्वज्ञता की प्राप्ति और मोक्ष की प्राप्ति जिसने की है ऐसे अरिहंत और सिद्ध परमात्मा कर्म कलंक से रहित हमारे परमात्मा है
@Aasimppp9 ай бұрын
मैं आपका शुक्र अदा नहीं कर सकता। इतना अमूल्य ज्ञान देने के लिए मैंने आपको पिछले कुछ दिनों से ही सुनना शुरूकिया है और मैं तब तक नहीं रुकूंगा जब तक मैं आपके चैनल की हर एक वीडियो नहीं देखा लेता
@vasukinagabhushan4 жыл бұрын
Dr. Himmat Singh is one of most open minded brilliant philosophers in India.
@manojyadav-do1yo3 жыл бұрын
🔆🔆लोक 🔆olo 🔆o 🔆loop 🔆l 🔆🔆lol 🔆ololl
@RaviJain-ec9go3 жыл бұрын
💯 bilkul bhai
@zainashik3 жыл бұрын
Gyani purush sadaa pujyaniya hai
@mukeshtiwari31632 жыл бұрын
Jainism 1) Individual Perspective & Potential 2) Ten men's tale (syadvaad) 3) Ahimsa 4) Aparigraha (Gandhian Philosophy) 5) Namo Arihantaram (Ari.., winning internal enemies..) Ari: internal enemies - kaam, krodh, lobh, maya, matsar. 5 principals (mahavrats) of Jainism: a. Ahimsa b. Aparigraha c. Brahmacharya d. Satya e. Asteya
@sudeepkumarjainvidyaaytan3 жыл бұрын
जीवन के अस्तित्व का अर्थ जानने के लिए, यदि हम इतिहास पर दृष्टि डालें तो हमें दो सबसे प्राचीन धाराएँ मिलती हैं, जो "अहिंसा परमो धर्म" के सिद्धांत को मानती हैं, जिसे हम जैन धर्म (श्रमण परम्परा) और हिंदू धर्म (वैदिक परम्परा) के नाम से जानते हैं। इन दोनों धर्मों की शुरुआत ज्ञात इतिहास से परे है या हम कहें कि ब्रह्माण्ड एवं खगोल संरचना संबंधी आधुनिक विज्ञान मान्यतायें इन धर्मों को पूरी तरह से समझा पाने में सक्षम नहीं हैं या समझने में बाधा उत्पन्न करती है, उदाहरण के लिए ये दोनों धर्म इस बात से सहमत हैं कि श्री राम एक वास्तविक ऐतिहासिक महापुरुष थे, जो लगभग 10 लाख वर्ष पहले हुए थे लेकिन आधुनिक इतिहास का सिद्धांत इस तथ्य को स्वीकार नहीं करता है। "अहिंसा परमो धर्म" ही सनातन या शाश्वत धर्म है एवं जैन धर्म और हिन्दू धर्म एक ही सनातन सच्चाई को देखने के दो नजरिये हैं । जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषवदेव जी का हिन्दू धर्म के वेदों और पुराणों में भी वर्णन हैं और जिन्हें दोनों मान्यताओं ने श्री राम (जो कि जैन धर्मं के अनुसार बीसवें तीर्थंकर मुनिसुव्रत के बाद हुए व उन्ही के शाशन काल में मोक्ष गए) के भी कई वर्षो पहले होना स्वीकार किया हैं |जैन धर्म में प्रथम तीर्थंकर ऋषवदेव जी को आदि या प्रथम क्षत्रिय माना गया हैं इन्ही से ईक्ष्वाकु कुल की स्थापना हुई थी, व इनके ज्येष्ठ पुत्र चक्रवर्ती सम्राट भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा जिसका उल्लेख दोनों धर्मो के ग्रंथो में मिलता हैं । एक ही सनातन सच्चाई "अहिंसा परमो धर्मं" की व्याख्या करने में दोनों धर्मों में भिन्नताएं आने का मुख्य कारण यह हो सकता है कि एक तीर्थंकरों की परम्परा से प्राप्त हुआ है जो कि केवलज्ञानी या सर्वज्ञ थे अतः उन्होंने यथार्थ वर्णन किया होगा, दूसरा ऐसी परम्परा है जिनके गुरु केवलज्ञानी या सर्वज्ञ नहीं थे हालांकि उनके गुरुओं को देवों ने सहायता की लेकिन केवलज्ञान न होने की वजह से अलग अलग समय में हुए महापुरुषों को उन्होंने एक ही महापुरुष का अवतार मान लिया होगा इसीलिए हिन्दू धर्मं में ईश्वर को अवतार लेने वाला व सृष्टि का कर्ता मान लिया जबकि जैन धर्मं में ईश्वर को सर्वज्ञ व सर्व शक्तिमान तो माना है लेकिन सृष्टि का कर्ता नहीं माना एवं कर्म सिद्धांत को मानते हुए ये माना है कि सृष्टि के सभी अन्नत जीव अपने पुरुषार्थ से जन्म मृत्यु के अनादि चक्र से छूटकर परम पद या मोक्ष प्राप्त कर ईश्वर बन सकते हैं। "अहिंसा परमो धर्म" कथन में हम परमो या परम शब्द पर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं, जिसका अर्थ है निरपेक्ष, इस प्रकार यह बताना कि अहिंसा एक परम सनातन नियम है जो तीनों लोकों को संचालित करता है। जैन धर्म में इसे संपूर्ण विज्ञान कहा गया है जो संपूर्ण अस्तित्व के कार्य और नियमों की व्याख्या करता है। जैन धर्मं के अनुसार संपूर्ण सृष्टि या लोक ६ द्रव्यों से मिलकर के बना हैं १) आकाश (Space), २) काल (Time) ३) पुद्गल (Matter and Energy) , ४) जीव (Living beings or souls) ५) धर्मास्तिकाय (Medium of Motion) ६) अधर्मास्तिकाय (Medium of Rest) आधुनिक विज्ञान उपरोक्त ६ द्रव्यों में से प्रारंभ के ३ को ही जनता हैं इसीलिए अपूर्ण हैं| इसीलिए आधुनिक विज्ञान के सिद्धांत जो कि लोक की सनातनता (eternity) पर प्रश्न चिन्ह लगाये, को सत्य मान लेना बहुत बड़ी भूल हैं |
@ashokkumardehariya25702 жыл бұрын
🙏🙏 आपकी दृष्टि में बौद्ध दर्शन बताएं जी
@chetan1008 Жыл бұрын
सुदीप कुमार जैन जी आप के पास जो है, वो बहुत ही कीमती होगा जिसमें से आपने यहां पर थोड़ी सी झलक दिखाई है 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
@SumitSharma-od2yt8 ай бұрын
जैन धर्म 2500 साल से ज्यादा पुराना नही है
@VLal-vs5mt6 ай бұрын
सुदीप जी आप का ज्ञान विसरित है । जल्द ही आप से सम्पर्क करूंगा
@sudeepkumarjainvidyaaytan6 ай бұрын
@@VLal-vs5mt जी धन्यवाद, मेरा एक जैन धर्म से related channel भी है, जिसको आप Samavasharan Knowledge के नाम से KZbin में search कर सकते हैं।
@rajeshwareedeshpande49615 жыл бұрын
जैन तत्व अदभुत है। आपने बढीया विश्लेषण किया है ।
@musicwallah17233 жыл бұрын
Are you Jain???
@SandeepKumar-db2bt3 жыл бұрын
महोदय अपका धन्यवाद करता हूँ. दर्शन शास्त्र की औकात को ठीक ठीक बताने के लिए. कोई भी ज्ञान जिसको तार्किक नीति की खिचड़ी की आवश्यकता होती है वह न तो पूर्ण रूप से वस्तुनिष्ठ है और न ही पूर्ण रूप से आत्मनिष्ठ है. ऐसा ज्ञान इन दोनों के बीच में कहीं अपरिपक्वता की स्थिति में होता है.
@shubhashlingade60182 жыл бұрын
Jain religion is great philashoy jai jinedra
@ayushjain42262 жыл бұрын
स्याद्वाद और अनेकांतवाद जैन दर्शन का प्राण है। किसी भी बात की कई विभक्षाये होती है। बस देखने दृष्टी अलग अलग होती हैं।
@4.7mviews673 жыл бұрын
Sir, आप ने जो हमे बताया है। हमे लगता इस तरह से हम किसी से नहीं समझ पाते। आपका धन्यवाद और प्रणाम करता हूं।
@vmcvijay2 жыл бұрын
नमो अरिहंतानम का प्रचलित अर्थ यह है की जिसने कर्मरूपी शत्रु का नाश कर दिया ऐसे अरिहंत भगवंत को नमस्कार हो।
@mohitjain9997Ай бұрын
Arihant is a letter form of arahamt that means who is eligible to become siddha or to be liberated
@pinkmoon4328 Жыл бұрын
एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्ति 🙏
@sourabhbakliwal76844 жыл бұрын
Guru ji your Philosophy is Great useful for all Human Being
@mlomesh13 жыл бұрын
That's beauty of Indian culture and freedom to explore and express.
@i_for_infinitive7223 Жыл бұрын
तुष्णाम सिन्धी भज क्षमा जहिमदम पापे रति मां कथा। 🙏 संत भर्तूहरी - माननीय डॉक्टर सिन्हा जी ,आपकी बुद्धिमत्ता , ज्ञान को मेरा प्रणाम , आप से निवेदन हे की आप दुनिया की सारी फिलोसोफी मेसे उत्कृष्ट कोनसी है जो इश्तत्व को प्राप्त करवाए , आप के नजरिए से। - मेरे तार्किक और भावनिक अभ्यास से कह सकता हु की वैदिक ज्ञान ही हम परमोच्च अवस्था तक पहुंचाती हे। 🙏🙏🌅
@ravishkumar81883 жыл бұрын
सादर प्रणाम श्री गुरु जी, बेहद की परमशान्ति.
@rohitsuri59823 жыл бұрын
Doctor. HIMMAT SINGH JI. KOTI KOTI NAMAN AAP KE CHARANO. MEI JAI SHRI RAM
@अजयकुमारद्विवेदी-झ6म4 жыл бұрын
जैसी दृष्टी,वैसी सृष्टी। मनुष्य दोमुहे साँप कि भाँति व्यवहार करता है। शुभ कामों के लिये वह स्वयं को व अशुभ कामों के लिये ईश्वर को जिम्मेदार ठहराता है। इंसान पहले इंसान बन जावे फिर किसी परालौकिक सत्ता को समझने का प्रयास करे तो बेहतर है।
@BeHappy_B-D4 жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/nKWnn2d3fbutmJI
@SunilSunil-tz6by2 жыл бұрын
यदि अन्तिम लक्ष्य ना पता हो तो भी सारे प्रयास बेकार है।
@sonamchanjor81312 жыл бұрын
🙏🙏🙏झगड़े की जड़ एक मत। बहुमत झगड़े की नस। छः अंधे और हाथी की कहानी ।🙏🙏🙏🙏🙏🙏 बाबा को भाष्य हेतु साधुवाद
@maanbhaartiji91262 жыл бұрын
Very good sir. You are Great purush very good thinking.God bless you Namo Budhae.
@biswaranjanmishra96892 жыл бұрын
Dhanyabad guru ji
@shreyansjain87623 жыл бұрын
Jai jinendra dev ki
@shaileshjain83613 жыл бұрын
The only true philosophy jain
@rohittiwari-dx5hh2 жыл бұрын
Great explain Sir....dhanyawad
@ajaylokare53842 жыл бұрын
Jainism and Buddhism are most peaceful and scientific religions .
@sushilchandmittal13022 жыл бұрын
सनातन के साथ सुन्दर विश्लेषण
@sandy-oy6rr2 жыл бұрын
Mind blowing
@अधिराज-ब9ज2 жыл бұрын
प्रणाम करता हूं आप श्रीं को।
@brijbalasharma54672 жыл бұрын
हां यह बात है लोग अच्छे कर्मों और बुरे दोनों ही होते हैं
@rameshwarprasadgurjar2378 Жыл бұрын
Thnx, very good
@YOGENDRA19982 жыл бұрын
Awesome Dr Sinha ji👌👌❤️❤️
@vimalenterprises57282 жыл бұрын
Very nicely explained sinha ji.. Aap ke jitne gyani aur samjhane wale bahut kam hai duniya main 🙏
@riturakaul67062 жыл бұрын
extremely helpful video guruji
@shalinidixit81042 жыл бұрын
Sir apka bhut dhunybad
@vikasjaipuria11 ай бұрын
This is logical on so many levels. Seems so scientific.
@shbz47992 жыл бұрын
भगवान को जैनों ने निकाला नहीं है जो भगवन वन चुके हैं उनकी तो हम सभी पूजा करते हो उन्हें मानते है पर परमात्मा को करता नहीं मानते ये परमात्मा मात्रा जानन हारा hai dekgan हारा है सर्वज्ञ है परमात्मा कोई हमारा नौकर नहीं जो हमारा भला बुरा करे जैन दर्शन अनादि से है और हमेशा रहेगा
@ashish18gour2 жыл бұрын
Bilkul sahi kaha apne
@aagamjain13955 ай бұрын
Kis jain aagam me likha hai ki moorti ko poojna chahiye?????
@warriorwithin7673 жыл бұрын
Dr. सिन्हा आप भारत का सही इतिहास बचाने मे प्रकाशस्तंभ का काम कर रहे है जिसे अंग्रेज़ी पढणे मे गवा दिया था l
@shubhashlingade60182 жыл бұрын
Nice told by you sir with confidence thanks sir
@MrShukra20002 жыл бұрын
Simple and beautiful explaination..
@USART-X1233 жыл бұрын
Very enlightened lecture.
@nim5493 жыл бұрын
Am listening since y'day & am wondering why wasn't Dr Sinha famous decades back.
@ramashankardubey5284 жыл бұрын
bahut sundar vyakhya
@bidhansikdar76774 жыл бұрын
You have said right and rightly annalised.
@dheerajanand9062 жыл бұрын
Pranam Gurudev🙏
@adarshpaygan6454 жыл бұрын
Thank you sir..very nice and simple explanation
@ayushkalaayush38863 жыл бұрын
Jay Ho Guruji
@sureshbhatt8896 Жыл бұрын
Aap ka gyan unexplained hai. U are no more but your knowledge and thoughts will always exist.
@sreenivasreddy91002 жыл бұрын
Koti Koti Naman
@Ilakshi6653 жыл бұрын
गीता मे श्रीकृष्णा ने कहा है मैं कुछ भी नहीं करता हूँ, सिर्फ साक्षी भाव से देखता हूँ|
@shridharbhosale52912 жыл бұрын
प्रणाम 🙏🙏🙏
@AshaSharma-m1g2 ай бұрын
Thanks guruji
@rakeshpathak71853 жыл бұрын
धन्यवाद महोदय
@naturelover8204 жыл бұрын
Wow...eia Sach main akk sandar vechar Hain........
@tarlochansingh22273 жыл бұрын
ਸ਼ੁਕਰੀਆ! ਡਾਕਟਰ ਸਾਹਿਬ
@lakhbirsinghdhanjal48773 жыл бұрын
I salute your knowledge by heart
@ShashiTiwari-mw5hn3 ай бұрын
Jain dharam anadi kall se hai 👌... Aor anadi tak rahega 👌👌
@dewsingh79343 жыл бұрын
Guru ji aapna bahut sidha saral bhasa ma Philosophy ko samajhya
@indravadanbhaipatel2434 Жыл бұрын
Jay jinendra Jay Mahavir. Namaste 🙏
@svl-1033 жыл бұрын
बहुत सुंदर,धन्यवाद
@ajaylokare53842 жыл бұрын
🙏🙏🙏
@taswirsingh22093 жыл бұрын
Namaskar Great Teacher.
@prashantpatil74262 жыл бұрын
Very nice explained sir. Jay jinendra.
@rajivranjan60793 жыл бұрын
Guruji Pranam.
@khursheedanwar80212 жыл бұрын
You Are Great VERY GREAT
@prakashrandad20963 жыл бұрын
True divine encyclopaedia
@tilkesh2 жыл бұрын
Pranam !!!!!!!
@billusahu26392 жыл бұрын
Thanku ji
@kantilaltated75032 жыл бұрын
Very great , Sir ji
@dkhan94563 жыл бұрын
हृदय से आभार।
@Bharat-Neo2 жыл бұрын
JAIN PHILOSOPHY IS LESS SUPERSTITIOUS.
@sudhakargosavi75453 жыл бұрын
अच्छा विश्लेषण...
@raushankumar41173 жыл бұрын
Bahut achhi vkhya sir Humney bahut kuch jana
@chetan1008 Жыл бұрын
5:00 अनेकान्तवाद के अनुसार प्रत्येक वस्तु में अनन्त विरोधी युगल एक साथ रहते हैं। एक समय में एक ही धर्म अभिव्यक्ति का विषय बनता है। प्रधान धर्म व्यक्त होता है और शेष गौण होने से अव्यक्त रह जाते हैं। वस्तु के किसी एक धर्म के सापेक्ष ग्रहण व प्रतिपादन की प्रक्रिया है 'नय'।, 6:00 नय वाद 8:35 *स्याद्वाद*, जैन तत्वमीमांसा में, सिद्धांत है कि सभी निर्णय सशर्त हैं, केवल कुछ स्थितियों, परिस्थितियों, या इंद्रियों में अच्छा रखते हैं, जिसे स्यात (संस्कृत: "हो सकता है") शब्द द्वारा व्यक्त किया गया है । किसी वस्तु को देखने के तरीके (नय कहलाते हैं) संख्या में अनंत हैं। स्यादवाद में कितने निर्णय शामिल है? सप्तभंगी नय सापेक्षिक ज्ञान की तार्किकता के आधार पर जैन दर्शन में निर्णय या मत के सात प्रकार माने गये हैं। अनेकांतवाद के कितने भेद हैं? अनेकांतवाद - कथन के दो प्रमुख ढंग अनेकांत शैली को प्रस्तुत करने के लिए जैन आचार्यों ने दो प्रमुख ढंग का उपयोग किया - स्यादवाद (conditioned viewpoint)और नयवाद (partial viewpoint)। स्यादवाद यानि वस्तु के गुण को समझने, समझाने और अभिव्यक्त करने का सापेक्ष ढंग। स्यादवाद के जनक कौन है? महावीर स्वामी ने स्वयं 'भगवतीयसूत्र' में आत्मा की सत्ता के विषय में 'स्याद अस्ति', 'स्याद नास्ति' और 'स्याद अवक्तव्यम' इन तीन भंगों का उल्लेख किया है।
@abhishekgupta21102 жыл бұрын
सादरप्रणाम 🙏🙏🙏🙏🙏
@hemantnaik379 Жыл бұрын
Namaste.thank you for sharing .
@smarak2279 ай бұрын
Conqurer of own 👍 👌
@deepikakumari-vq7zv4 жыл бұрын
Sir, aap Indian philosophy ki epistemology bhi btaaiye
@sudhasingh65473 жыл бұрын
Pranam guruji.....omh arihantaram
@AshishJain-et9be2 жыл бұрын
जैन धर्म अनादि काल से है,,, और अनादि तक रहेगा।।।
@AshishJain-et9be Жыл бұрын
आप के हंसने से कुछ बदलाव नहीं होने वाला
@pavantupkar7660 Жыл бұрын
हर कोई अपने बाप को ही सबसे बड़ा मानता है
@dineshjain9852 Жыл бұрын
जैन होके भी जैन धर्म नहीं समझते तो क्या लाभ . आपका स्टेटमेंट में परफ़ेक्ट सत्य है जबकि अनेकांतवाद कहता कि कोई भी सत्य पूर्ण नहीं है . जैन सिद्धांतों को पढ़े बिना समझे बिना आप एक सनातन हैं । परमान सागर महाराज को सुने और जैन धर्म को पढ़े .
@chiragchavan3776 Жыл бұрын
अगर आपने यह वीडियो सुन लिया होता तो आप यह बात कहते ही नहीं! जैन धर्म के बिलकुल विप्रीत है आपकी बात !
@Ameya_pardeshi Жыл бұрын
Aur Insan?
@anilajain711610 ай бұрын
❤ बहुत अच्छा समझाया
@gianjindal9158 Жыл бұрын
VERY NICE KNOWLEDGE GURU JI
@historybooster7754 жыл бұрын
Jai guru dev
@sandy-oy6rr2 жыл бұрын
Very nice work man keep it up 👍
@swatiyadav76224 ай бұрын
गुरुजी प्रणाम
@roshnisharma70132 жыл бұрын
"AHIMSA PARMO DHARAM" ahinsak dharma hi sarvopari hai.
@ayushjain42262 жыл бұрын
🙏
@SunilSunil-tz6by2 жыл бұрын
Yes
@NikunjSingh-v2eАй бұрын
सिस्टर ये दिव्य ज्ञान मुस्लिम बंधुओं को बताओ एवं धर्म निरपेक्षता की भावना को बढ़ाओ कश्मीर एवं केरल में मुस्लिम बंधुओं अहिंसक बनाओ धर्मनिरपेक्षता सिद्धांत को पुष्ट करो
@shaileshjain83613 жыл бұрын
Agar duniya Jain philosophy apna le to dharti swarg ho jayegi
@kamleshdave38673 жыл бұрын
To bhai jain derasar kyun banate ho agar bhagavan nahi hai to
@musicwallah17233 жыл бұрын
@@kamleshdave3867 are Bhai kon bola bhagwan nahi hai 🤦🏻🤦🏻🤦🏻🤦🏻 Jain mante hai ki bhagwan hai magar wo apki moksh prapti me help nahi kar sakte App bhagwan ka sirf ashirwad lo Magar wo apki help nahi karenge
@musicwallah17233 жыл бұрын
@@kamleshdave3867 to isliye app bhagwan ko kuch karne ki koshish na kare Bhagwan apki koi help nahi karenge Bhagwan ke liye bali na de , bhagwan ke liye home hawan na kare Bhagwan ke liye koi karm kand na kare Aisi jain philosophy hai Jain bhagwan ko nahi nakarte 🤦🏻
@esotericwanderer64732 жыл бұрын
@@kamleshdave3867 jihadi hai tu, dusre dharma ke baare me kuch pata nahi hota lekin aajate hai bakchodi karne. Jainism me bhagwan hai lekin woh creater preserver and destroyer nahi hote. Jain dharm me bhramand shuru se tha aur anant kaal tak rahega, koi bhi vishnu, etc, universe ko nahi bana sakta. Tapobal se mamuli admi bhi bhagwan ban sakta hai, ye cheez jain dharm sikhata hai. JAI JINENDRA.
@akshaykulkarni5691 Жыл бұрын
Bilkul theek. Aur agar duniya bhakt ban jaye to dharti vaikunth ban jayegi..
Pahle mai kattar muslim tha jab se baudh dharam or jain dharam ko jana samajh gaya hu ku asli dharam to yahi hai ham log to galat dharam pe the itne sal se ab islam se bahar nikal gaya hu insaniyat Zindabad ✊😇❤️
@ashitmukherjee59343 жыл бұрын
Jai gurudev ji.Hinduism,Buddhism,Sikkhism and Jainism ,they all believe in karma Siddhantha i .e. cause & effect(karya karan siddhanta ) theory.Their methods depend on the principle propounded by their founders.However,they all including Hinduism stated the same truth i .e. eko satya vipra vahudha vadanti.In Hinduism,Patanjal's yam stipulates satya ahimsa asteya brahmacharya and aparigraha which were similarly stated by the tirthankars of Jainism.
@chinmaysanghavi3421 Жыл бұрын
Correction Aparigraha- minimalism Achaurya- don't take things which you don't own.
@TheQuestURL Жыл бұрын
Thanks for correction please
@hanumanji205611 ай бұрын
Very nice teaching sir
@Himanshuyadav-fi8qw3 жыл бұрын
Sir pls sinha sir se western philosophers ke aise hi videos banwaye aap...Upsc philosophy optional wale students ke lie kaafi helpful rahega please sir
@lalitpathak29463 жыл бұрын
Nice sir
@SandeepKumar-mi5od11 ай бұрын
Sir a sequence m sbhi darshan ki video ko upload kr do please....guru ji ki vani se sb ka bhla hi ske
@seemagupta46874 жыл бұрын
baht Sunder :-)
@asimanayak9711 Жыл бұрын
Awesome ❤
@kuldeepdak81932 жыл бұрын
कृपया आपकी दैनिक दिनचर्या के बारे में कुछ बताए
@amareshnayak66622 жыл бұрын
Guruji pranam Potential power ko kaise badhana he ..Jain darshan me