संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा प्राप्त करने के लिए या अपने नजदीकी नामदीक्षा केंद्र का पता करने के लिए हमे +91 82228 80541 नंबर पर कॉल करें |
@ManishKumar-qn4xz8 ай бұрын
कबीर सतगुरु आए दया करी ऐसे दीन दयाल बंदी छोर बीरद तास का जट अग्नि प्रीत पाल
@chandramkumar14548 ай бұрын
एक घडी आधी घडी, आधी में पुनि आध। कबीर संगत साधु की, कटै कोटि अपराध।। ~ जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी
@DipaliMukade8 ай бұрын
❤ super Gyan ❤ for Saint Rampal Ji Maharaj ❤
@harshamehta69658 ай бұрын
True spritual knowledge of satguru Rampal ji maharaj with original proof of vadas puraan and Granth
@basantigavel94228 ай бұрын
Very nice satsang and nice video from god of sant Rampal Ji Maharaj ji hai
@GITESH__GAVEL8 ай бұрын
Very nice satsang
@WayOfLivingSpiritualVideo8 ай бұрын
Very nice 👍🏻
@surjeetsinghrana82798 ай бұрын
कबीर अंनत कोठी ब्रह्माण्ड में एक रती नही भार सतगुरु पुरूष कबीर है कुल के सिरजनहार
@kaushalyadav-dr7ty8 ай бұрын
है बंदी छोड़ परमात्मा मुझ तुच्छ पर दयाकरना मलिक
@kiran-gx9nv8 ай бұрын
Malik ke charno me koti koti dandvat naman koti koti dandvat pranam koti koti dhanyawad anant bar sat saheb ji
@kiran-gx9nv8 ай бұрын
Outstanding suprb satsang moksh ki dhara koi samjhe ram ka pyara satsang
@kiran-gx9nv8 ай бұрын
Golden satsang, golden chance
@Change_89518 ай бұрын
रामपाल जी महाराज हे एकमेव संत आहेत जे शास्त्रातील पुरावे दाखवून भक्ती करून घेतात. लोकांनी अवश्य त्यांचे सत्संग पहावे.
@satsa648 ай бұрын
Bandi Chhod Satguru Rampal Ji Bhagwan ki Jay Ho
@ashokdas86188 ай бұрын
बहुत ही अच्छा सतसंग
@raghudas93238 ай бұрын
अद्वितीय ज्ञान सत्संग
@puranlalsahu81618 ай бұрын
अनमोल सत्संग
@BinodKumar-qx2hg8 ай бұрын
Amazing spritual knowledge
@tulsiramgayri3718 ай бұрын
अनमोल सत्संग प्रवचन
@ramkesh-d6j8 ай бұрын
आध्यात्मिक रहस्यमय ज्ञान की अद्वितीय जानकारी
@SoniDevi-o5t8 ай бұрын
Stsahebji
@reenudasi24658 ай бұрын
Nice
@akshayraj21138 ай бұрын
नकली संत सब हम लोग का जीवन बर्बाद कर दिया आज यह ज्ञान नहीं मिलता अद्वितीय ज्ञान तो हम लोग का क्या होता है मानव जीवन तो बर्बाद हो जाता विश्व विख्यात जगतगुरु तत्वदर्शी बाखबर संत रामपाल जी महाराज के चरणों में अनंत कोटि बार दंडवत प्रणाम👏🏻
@kiran-gx9nv8 ай бұрын
Pure amrit gyan h ji
@reenudasi24658 ай бұрын
अनमोल ज्ञान
@chainamdass56328 ай бұрын
सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेने से सर्व पाप कर्मों के कष्ट दूर हो जाते हैं। फिर न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते हैं। सत्यलोक की प्राप्ति होती है जहां केवल सुख है, दुःख नहीं है
@raghudas93238 ай бұрын
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
@khushboosaxena23798 ай бұрын
Anmol gyaan
@rakeshkumarsingh98308 ай бұрын
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब की जय हो बंदी छोड़ परमात्मा सतगुरु रामपाल जी भगवान् जी की जय हो 🙏❤️🙏
@pappudas48918 ай бұрын
अद्भुत व अद्वितीय ज्ञान
@aloksahu56458 ай бұрын
पूरे विश्व में एक ही संत है, जिनके पास परमात्मा का दिया हुआ तत्वज्ञान है, जिनके ज्ञान शास्त्र अनुकूल है, वो परम संत रामपाल जी महाराज है।
@SAHimachal8 ай бұрын
वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज जी ही तत्वदर्शी पूर्ण सतगुरू है इनसे नाम दीक्षा लेकर साधक को मोक्ष प्राप्त हो सकता
@leenakumbhkar8 ай бұрын
मांसा घटे ना तिल बढ़े, विधना लिखे जो लेख। साचा सद्गुरु मेट कर, ऊपर मारे मेख।।
@rajendrajoshi40858 ай бұрын
🎈जैन धर्म में व्रत, उपवास रखना मुख्य क्रियाओं में से एक है। लेकिन विचार करें क्या भूखा रहने से भगवान पाया जा सकता है। जानने के लिए पढ़िये हिन्दू साहेबान नहीं समझे गीता वेद पुराण
@sanjaydas00008 ай бұрын
शीश दिया गुरुदेव को, सफल हुआ ये शीश।। नित्यानंद इस शीश पर आप बसे जगदीश।।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
@mkd17138 ай бұрын
हर समाज में हर साधक का यही लक्ष्य होता है कि भक्ति करके सुख पूर्वक भगवान के घर जाए और यही लक्ष्य हर जैन समाज के साधक का है। जैन समाज के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव जी और अंतिम तीर्थंकर महावीर स्वामी जी के जीवन को देखने पर पता चलता है कि वे अपनी पूरी उम्र दुखी रहे और अंत समय भी दोनों ही महापुरुषों का अच्छा नहीं रहा। इसलिए सभी जैन धर्म के साधकों से करबद्ध निवेदन है कि संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग को सुने और वास्तविक भक्ति साधना विधि पहचाने।
@PRODHAT8 ай бұрын
❤❤❤❤ sat Sahib Ji
@ArvindnayikNayka8 ай бұрын
संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से समाज में सुधार आएगा। देश के लड़के-लड़की अपनी संस्कृति पर लौटेंगे। भारत देश में अमन होगा।
@SunilkumarKushwaha-d6x8 ай бұрын
हम सुल्तानी नानक तारे दादू को उपदेश दिया, जाति जुलाहा भेद नहीं पाया काशी में कबीर हुआ
@MadanLal-ef9sj8 ай бұрын
मैं अपराधी जन्म का, नख-सिख भरा विकार । तुम दाता दु:ख भंजना, मेरी करो सम्हार ॥❤❤
@vishabkumar65637 ай бұрын
Aisa gyan visab mai kisi ke pass nahi hai jai ho bandi chhore santguru rampalji maharaj ji ki
क्या जैन भगवान में विश्वास करते हैं? अनेक देवताओं में विश्वास होने के कारण जैन एक ईश्वर में विश्वास नहीं करते। जैनियों का मानना है कि कर्म ही किसी प्राणी के गुण निर्धारित करते हैं और ब्रह्मांड को चलाने के लिए किसी सर्वोच्च शक्ति की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा उनका मानना है कि ऐसी कोई रचनात्मक सर्वोच्च शक्ति नहीं है, जिसने ब्रह्मांड का निर्माण किया हो अर्थात ब्रह्मांड का कोई निर्माता नहीं है। वह यह भी मानते हैं कि शुरू से ही ऐसा रहा है कि एक नर का एक मादा से मिलन होता है और बाद में सभी की मृत्यु हो जाती है। जबकि गीता अध्याय 16 श्लोक 8, 9 में कहा गया है कि जो यह मानते हैं कि संसार ईश्वर रहित है वे राक्षसी स्वभाव वाले मनुष्य संसार के नाश के लिए समर्थ हैं।
@NarendraS.choudhary8 ай бұрын
Great knowledge
@rajeshwarpratapsingh30438 ай бұрын
Sat sahebji
@jaintilalmeena18148 ай бұрын
अनमोल वचन है
@SumanDasi-x3s8 ай бұрын
Picture lag Gaya Jaan tha lok ved ke sath raste mein satguru mile Deepak de diya hath❤❤❤❤❤❤❤
@channisekhon26148 ай бұрын
Lord Kabir is Present Even Today! Kabir Sahib remains present as a metaphysical (Tatvadarshi) saint. Today, he has come in the personification of Jagatguru Tatvadarshi Sant Rampal Ji Maharaj. This is the advice to all that Identify God and get your welfare done by taking His refuge.
@khwaishmeghwal85188 ай бұрын
God Knowledge
@gulabimandal87856 ай бұрын
🙏🙏🙏💐🙏💐🙏
@nationfirst86468 ай бұрын
Sat saheb
@anitapahadiya34178 ай бұрын
🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏
@anushekhawat52818 ай бұрын
सत् गुरु जो चाहे सो करेही चौदह कोटि यम दूत सब डरही ऊत भूत सब त्रास निवारे चित्रगुप्त के कागज फारे
@mahendrapatel73468 ай бұрын
ऋषभ देव जी ने जो भक्ति की उनके द्वारा भक्ति से मोक्ष संभव नहीं बल्कि ऋषभ देव जी की दर्दनाक मौत हुई और उनकी जीव की बहुत दुर्गति हुई ?
@jagdishchaliya49898 ай бұрын
कबीर, पीछे लाग्या जाऊ था, मै लोक वेद के साथ। रास्ते में सतगुरू मिले, दीपक दे दिया हाथ।।
@TikaDashi2 ай бұрын
Anmol gyan sunera gatgat vaya
@Nishu_jaat1148 ай бұрын
🙏🙏🙏
@SunilKumar-pn9qz8 ай бұрын
jain dhram ka saccha or purn prmanit gyan
@studentstudent81518 ай бұрын
The worship that the Jain community is doing at present is one of the 363 hypocritical beliefs started by Mahavira Jain. This is written in the Jain religion book "Aao Jain Dharm Ko Jaane"
@akhileshbadola24888 ай бұрын
Dada bhagwan ke Aseem jai jai kar
@Nishu_jaat1148 ай бұрын
❤
@dharampalsinghmehra31018 ай бұрын
ऋषभ देव के आइया, कबी नामे करतार। नौ योगेश्वर को समझाइया, जनक विदेह उद्धार।।
@reshamrokaya35268 ай бұрын
Kabir is supreme god
@RSDAS1128 ай бұрын
📓⛈️
@gopallalatal8 ай бұрын
महावीर स्वामी जी ने अपने प्रथम उपदेश में अहिंसा, करुणा और सत्य की शिक्षा दी। महावीर जी का जीवन भगवान की भक्ति में ही बीता परंतु उन्होंने कोई गुरु नहीं बनाया और बिना गुरु के जीवन सफल नहीं माना जाता । गुरु नहीं बनाए जाने और मनमुखी साधना करने के कारण ही उनका मोक्ष नहीं हुआ ऐसा कबीर भगवान ने सूक्ष्मवेद में बताया है । सभी महावीर स्वामी जी के वचनों पर चलने वाले साधकों से निवेदन कि सत्य भक्ति और मोक्ष मार्ग वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज के पास है उनकी शरण में आए और अपने जीवन का कल्याण करवाएं ।
@KirshnaLahari8 ай бұрын
सत साहेब परमात्मा मलिक ने सत्संग में बताया कि जैन धर्म अनुयाई शास्त्र विरुद्ध साधना करते हैं जिसके कारण उनका मोक्ष असंभव है परमात्मा स्वयं धरती पर आकर अपने पुण्य आत्माओं को सद्भक्ति मार्ग बताते है जिससे संपूर्ण प्राणी का मोक्ष होता है और सतलोक में चले जाते हैं या प्रमाण के लिए ज्ञान गंगा पुस्तक पड़े
@SanjayRajput-yv3zk8 ай бұрын
जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव (आदिनाथ) को भक्ति की प्रेरणा करने वाले ऋषि कौन थे? जानने के लिए पढ़िये 'हिन्दू साहेबान नहीं समझे गीता वेद पुराण'
@rameshbanjarerameshbanjare47118 ай бұрын
Manusy janm durlabh hai ye mile na baarambaar taruwar se patta Tut gire bahur na lagta daar
@RBDas-mr4fs8 ай бұрын
🎈क्या आप जानते हैं महावीर जैन जी की साधना शास्त्र विरुद्ध थी। भगवत गीता में लिखा है कि जो शास्त्रविधि को त्यागकर मनमाना आचरण करते हैं उनकी न कोई गति होती,न मोक्ष।
@PnDass8 ай бұрын
जैन धर्म की स्थापना किसने की? जैन धर्म के संस्थापक और प्रथम तीर्थंकर ऋषभ देव जी को माना जाता है। जिनके विषम में पवित्र कबीर सागर के 31वें अध्याय 'जैन धर्म बोध' के पृष्ठ नं. 45 (1389) पर प्रमाण है कि सर्वशक्तिमान कविर्देव ने ऋषभ देव जी से मुलाकात की और आत्म कल्याण का रास्ता बताया लेकिन उसे स्वीकार न कर ऋषभ देव ने धार्मिक गुरुओं से ईश्वर प्राप्ति का मार्ग समझने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने ऋषभदेव को 'ॐ' नाम का जाप और हठ योग करने को कहा। उसके बाद उन्होंने भगवान को प्राप्त करने तथा जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति पाने के लिए तपस्या का फैसला किया।
@SanjayRajput-yv3zk8 ай бұрын
क्या आप जानते हैं महावीर जैन जी की साधना शास्त्र विरुद्ध थी। भगवत गीता में लिखा है कि जो शास्त्रविधि को त्यागकर मनमाना आचरण करते हैं उनकी न कोई गति होती,न मोक्ष।
@ramkaranrawat55178 ай бұрын
,, सनातन धर्म महान है पवित्र गीता जी अध्याय 16 श्लोक 23 व 24 में कहां है कि जो पुरुष शास्त्र विधि को त्याग कर मनमाना आचरण करते हैं उनको सुख,शांति ,सिद्धि ,परम गति कुछ भी प्राप्त नहीं होता अर्थात व्यर्थ है l पवित्र गीता जी के अनुसार भक्ति करने वाले ही आदि सनातन धर्म को मानने वाले हैं l
@khwaishmeghwal85188 ай бұрын
Kabir is god
@MadanLal-ef9sj8 ай бұрын
जैन धर्म के संस्थापक और प्रथम तीर्थंकर ऋषभ देव जी को माना जाता है। जिनके विषय में पवित्र कबीर सागर के 31वें अध्याय 'जैन धर्म बोध' के पृष्ठ नं. 45 (1389) पर प्रमाण है कि सर्वशक्तिमान कविर्देव ने ऋषभ देव जी से मुलाकात की और आत्म कल्याण का रास्ता बताया लेकिनकबीर, अक्षर पुरुष एक पेड़ हैं निरंजन वा की डार। तीनो देवा शाखा हैं पात रूप संसार।। गरीब जल थल पृथ्वी गगन में बाहर भीतर एक। पूर्ण ब्रह्म कबीर है, अविगत पुरुष आलेख।।
@himanigoswami79708 ай бұрын
जैन धर्म में कितने देवता हैं? वैसे तो जैन धर्म में 24 तीर्थंकर हैं जिन्हें उनके आध्यात्मिक गुरु और रक्षक माना जाता है। ऐसा भी माना जाता है कि सभी चौबीस तीर्थंकर समय चक्र के अनुसार ब्रह्मांड के आधे भाग पर कृपा करते हैं। लेकिन ऋषभ देव जी पहले तीर्थंकर थे, जिन्होंने केवलज्ञान प्राप्त किया था और महावीर जैन अंतिम यानि चौबीसवें तीर्थंकर थे। जैन धर्म कि वास्तविक जानकारी प्राप्त करने के लिए संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन जरूर सुनें
@ushadasi94498 ай бұрын
महावीर जैन के गुरु कौन थे? सच तो यह है कि महावीर जैन जी ने कोई गुरु नहीं बनाया। उन्होंने किसी से दीक्षा नहीं ली तथा मनमानी पूजा करते थे। यह पूजा पवित्र श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 16 श्लोक 23-24 में मना की गई है। इसी कारण से महावीर जी को मोक्ष की प्राप्ति नहीं हुई और अपने आध्यात्मिक अनुभवों के आधार पर महावीर जी ने 363 पाखंड मत अर्थात शास्त्रविरुद्ध धार्मिक प्रथाओं की शुरुआत की, जो वर्तमान जैन धर्म में भी प्रचलित हैं।