Lyrics ग़ज़ब का है इस नौहे का रोंगटे खड़े गए सुन कर
@zainplays10925 жыл бұрын
Haye shirr khar Shehzade ALI Asgar a.s
@shahzadsyed9026 жыл бұрын
Masha Allah maula salaamat rakhey
@eramfatma18165 жыл бұрын
Mashallah maoula salamat rakhe aap sabko
@azharaliali18474 жыл бұрын
Mashallah ya Ali madad
@shamsheerehaidri16362 жыл бұрын
Lyrics upload kriye
@mehreenzahra53203 жыл бұрын
Is nohay ke lyrics hain kesi pas please share kr den
@sabeelzaidi17 ай бұрын
Ji shayar jo hn unki kitab me hn iske lyrics
@sabeelzaidi17 ай бұрын
जलते हुए ख़ेमे में जलता हुआ गहवारा याद आता है ज़िंदाँ में असग़र तेरी मादर को उस शामें ग़रीबा के हंगामा-ए-मैंह्शर को अब तक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को असग़र तेरी यादों में खोई हुई रहती हूँ चैन आता नहीं मुझको बेचैन सी रहती हूँ बस बाली सकीना को मैं देखती रहती हूँ जब रोके बुलाती है बच्ची अली असग़र को अबतक नहीं भूली है बर्बादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में……. हमराह मदीने से जिस वक़्त चले थे तुम सुग़रा के कलेजे से तब लिपटे हुए थे तुम आग़ोश में सुग़रा की नाज़ों से पले थे तुम किस मू से बताऊँगी तुम मर गये ख़्वाहार को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में……. अय लाल सकीना के ख़्वाबो में चले आओ वो चाँद सी सूरत फिर एक बार दिखा जाओ तुम बाली सकीना को अब और ना तड़पाओ उल्फ़त है बहुत तुझसे बेटा तेरी मदर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में……. हलमिन की सदा सुनकर बाबा की मदद करते तुम प्यास की शिद्दत में गहवारे से निकले थे मैं आस में बैठी हूँ इन हाथों को फैलाए हसरत से मैं तकती हूँ ख़ैमे के हर एक दर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में…….. देखो तो ज़रा आकर क्या गुज़री है मादर पर है हाथ रसन पस्ता और सर पर नहीं चादर हर गाम सताते है उस पर हमें अहलेशर काँटो पे चलाया है बेटा तेरी मादर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में…… असग़र तेरे भाई को ज़ंजीरों में जकड़ा है बीमार है लाग़र है कमज़ोर वो दुखिया है दुर्ररों की अज़ियत से हर गाम तड़पता है मुश्किल से सँभाले है वो तौकगलंदर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में….. दरबार ए यज़ीदी है और बाली सकीना है बच्ची को कनीज़ी में ज़ालिम दिए देता है लिपटी हुई फुपिओ से बेटा तेरी बहना है हसरत से वो तकती है मजबूर बरादर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में…… क़िस्मत मुझे ये मंज़र अय काश ना दिखलाती फट जाती जमीं बेटा मैं इसमें समा जाती अय लाल मेरे मुझको क्यूँ मौत नहीं आती मरजाती तो बतलाती सब जाके पयोम्बर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में…… जंगल से चले आओ लोरी मैं सुनाऊँगी प्यासे हो बहुत बेटा पानी मैं पिलाऊँगी रस्सी बंधे हाथों से झूला मैं झुलाऊँगी पेशानी पे सर रखकर चूमूँगी तेरे सर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में….. तुरबत में तुझे जिस दम बाबा ने लिटाया था अय लाल तेरी बहना सुग़रा का ख़त आया था तलकीन के बदले ख़त रो-रोके सुनाया था मिलने की तमन्ना है तुझसे तेरी ख़्वाहर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में…. ज़िंदाँ से अगर छूटी मैं कब्र पे आऊँगी गर सर पे हुई चादर तुरबत पे चढ़ाऊँगी मैं छोड़ के जंगल में तुझको नहीं जाऊँगी “शाहीन” ये हसरत है बेशीर की मादर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में……..
@Target_Academy_prayagraj6 жыл бұрын
Mashallah very nice nauha
@syedgazanfar34502 жыл бұрын
Best. Noha
@kgn786soiab4 жыл бұрын
Masha allah ameen
@kgn786soiab4 жыл бұрын
Very nice
@naqvinehanaqvi19326 жыл бұрын
Mashallah
@masoomapyarali33144 жыл бұрын
Bahot rulaya hai
@shakirali58305 жыл бұрын
Mashallah jazakallh
@zainplays10925 жыл бұрын
Pur dard noha .bhot achha padha aur likah hai Noaha
@sabeelzaidi1 Жыл бұрын
Ye Noha rishte me mere nana janab shaheen raza zaidi shaheen senthali sahab ne likha hai
@asgarabbas18176 жыл бұрын
Mashaallah Allah salamat rakhe
@zainplays10925 жыл бұрын
Khuda paak sab ko salamt farama Ameen
@MohdZaid-bf5kl5 жыл бұрын
Super
@syedzadafazar53332 жыл бұрын
😭😭😭😭😭😭
@ALIHussain-wn2wo2 жыл бұрын
Mashallah jio Azadar o
@sabeelzaidi17 ай бұрын
जलते हुए ख़ेमे में जलता हुआ गहवारा याद आता है ज़िंदाँ में असग़र तेरी मादर को उस शामें ग़रीबा के हंगामा-ए-मैंह्शर को अब तक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को असग़र तेरी यादों में खोई हुई रहती हूँ चैन आता नहीं मुझको बेचैन सी रहती हूँ बस बाली सकीना को मैं देखती रहती हूँ जब रोके बुलाती है बच्ची अली असग़र को अबतक नहीं भूली है बर्बादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में……. हमराह मदीने से जिस वक़्त चले थे तुम सुग़रा के कलेजे से तब लिपटे हुए थे तुम आग़ोश में सुग़रा की नाज़ों से पले थे तुम किस मू से बताऊँगी तुम मर गये ख़्वाहार को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में……. अय लाल सकीना के ख़्वाबो में चले आओ वो चाँद सी सूरत फिर एक बार दिखा जाओ तुम बाली सकीना को अब और ना तड़पाओ उल्फ़त है बहुत तुझसे बेटा तेरी मदर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में……. हलमिन की सदा सुनकर बाबा की मदद करते तुम प्यास की शिद्दत में गहवारे से निकले थे मैं आस में बैठी हूँ इन हाथों को फैलाए हसरत से मैं तकती हूँ ख़ैमे के हर एक दर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में…….. देखो तो ज़रा आकर क्या गुज़री है मादर पर है हाथ रसन पस्ता और सर पर नहीं चादर हर गाम सताते है उस पर हमें अहलेशर काँटो पे चलाया है बेटा तेरी मादर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में…… असग़र तेरे भाई को ज़ंजीरों में जकड़ा है बीमार है लाग़र है कमज़ोर वो दुखिया है दुर्ररों की अज़ियत से हर गाम तड़पता है मुश्किल से सँभाले है वो तौकगलंदर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में….. दरबार ए यज़ीदी है और बाली सकीना है बच्ची को कनीज़ी में ज़ालिम दिए देता है लिपटी हुई फुपिओ से बेटा तेरी बहना है हसरत से वो तकती है मजबूर बरादर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में…… क़िस्मत मुझे ये मंज़र अय काश ना दिखलाती फट जाती जमीं बेटा मैं इसमें समा जाती अय लाल मेरे मुझको क्यूँ मौत नहीं आती मरजाती तो बतलाती सब जाके पयोम्बर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में…… जंगल से चले आओ लोरी मैं सुनाऊँगी प्यासे हो बहुत बेटा पानी मैं पिलाऊँगी रस्सी बंधे हाथों से झूला मैं झुलाऊँगी पेशानी पे सर रखकर चूमूँगी तेरे सर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में….. तुरबत में तुझे जिस दम बाबा ने लिटाया था अय लाल तेरी बहना सुग़रा का ख़त आया था तलकीन के बदले ख़त रो-रोके सुनाया था मिलने की तमन्ना है तुझसे तेरी ख़्वाहर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में…. ज़िंदाँ से अगर छूटी मैं कब्र पे आऊँगी गर सर पे हुई चादर तुरबत पे चढ़ाऊँगी मैं छोड़ के जंगल में तुझको नहीं जाऊँगी “शाहीन” ये हसरत है बेशीर की मादर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में…….. कलाम :- जनाब शाहीन रज़ा ज़ैदी “शाहीन सेंथली” साहब
@MohdZaid-bf5kl5 жыл бұрын
Mashalla
@mohdmeraj20055 жыл бұрын
🌹🌹🌹🌹
@chamanmehdi22326 жыл бұрын
Masha Allah
@mohdzaid39005 жыл бұрын
Ni
@syednaqvi20365 жыл бұрын
Purdard noha mola.azadaro ko salamat rakhey kiya zaroorat hai shirt utarne ki koi jawab de sakta hai ye anjuman kyu shirt utarti hai ye sahi nahi hai
@mujahidnaqvikarbalaioffici9033 Жыл бұрын
Mashaallah 😊
@alisanavarsanavar80442 жыл бұрын
Mashaallah
@ishrathusain80195 жыл бұрын
Lyric plz send Karo
@sabeelzaidi17 ай бұрын
जलते हुए ख़ेमे में जलता हुआ गहवारा याद आता है ज़िंदाँ में असग़र तेरी मादर को इस शामें ग़रीबा के हंगामा-ए-मैंह्शर को अब तक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को असग़र तेरी यादों में खोई हुई रहती हूँ चैन आता नहीं मुझको बेचैन सी रहती हूँ बस बाली सकीना को मैं देखती रहती हूँ जब रोके बुलाती है बच्ची अली असग़र को अबतक नहीं भूली है बर्बादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में……. हमराह मदीने से जिस वक़्त चले थे तुम सुग़रा के कलेजे से तब लिपटे हुए थे तुम आग़ोश में सुग़रा की नाज़ों से पले थे तुम किस मू से बताऊँगी तुम मर गये ख़्वाहार को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में……. अय लाल सकीना के ख़्वाबो में चले आओ वो चाँद सी सूरत फिर एक बार दिखा जाओ तुम बाली सकीना को अब और ना तड़पाओ उल्फ़त है बहुत तुझसे बेटा तेरी मदर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में……. हलमिन की सदा सुनकर बाबा की मदद करते तुम प्यास की शिद्दत में गहवारे से निकले थे मैं आस में बैठी हूँ इन हाथों को फैलाए हसरत से मैं तकती हूँ ख़ैमे के हर एक दर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में…….. देखो तो ज़रा आकर क्या गुज़री है मादर पर है हाथ रसन पस्ता और सर पर नहीं चादर हर गाम सताते है उस पर हमें अहलेशर काँटो पे चलाया है बेटा तेरी मादर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में…… असग़र तेरे भाई को ज़ंजीरों में जकड़ा है बीमार है लाग़र है कमज़ोर वो दुखिया है दुर्ररों की अज़ियत से हर गाम तड़पता है मुश्किल से सँभाले है वो तौकगलंदर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में….. दरबार ए यज़ीदी है और बाली सकीना है बच्ची को कनीज़ी में ज़ालिम दिए देता है लिपटी हुई फुपिओ से बेटा तेरी बहना है हसरत से वो तकती है मजबूर बरादर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में…… क़िस्मत मुझे ये मंज़र अय काश ना दिखलाती फट जाती जमीं बेटा मैं इसमें समा जाती अय लाल मेरे मुझको क्यूँ मौत नहीं आती मरजाती तो बतलाती सब जाके पयोम्बर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में…… जंगल से चले आओ लोरी मैं सुनाऊँगी प्यासे हो बहुत बेटा पानी मैं पिलाऊँगी रस्सी बंधे हाथों से झूला मैं झुलाऊँगी पेशानी पे सर रखकर चूमूँगी तेरे सर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में….. तुरबत में तुझे जिस दम बाबा ने लिटाया था अय लाल तेरी बहना सुग़रा का ख़त आया था तलकीन के बदले ख़त रो-रोके सुनाया था मिलने की तमन्ना है तुझसे तेरी ख़्वाहर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में…. ज़िंदाँ से अगर छूटी मैं कब्र पे आऊँगी गर सर पे हुई चादर तुरबत पे चढ़ाऊँगी मैं छोड़ के जंगल में तुझको नहीं जाऊँगी “शाहीन” ये हसरत है बेशीर की मादर को अबतक नहीं भूली है बरबादी के मंज़र को जलते हुए ख़ैमे में……..
@sabeelzaidi17 ай бұрын
Ye rahi lyrics sahab
@syedwasimhaider34994 жыл бұрын
Jaltay huee
@zainplays10925 жыл бұрын
As Salam ya Ahle bait a.s
@ayyubmalik75955 жыл бұрын
Sakina Jafar
@Target_Academy_prayagraj6 жыл бұрын
😭😭😭😭😭😭😭😭😭
@szabbas2567 Жыл бұрын
MashaAllha.
@kgn786soiab4 жыл бұрын
Yahusain Ali
@ikbalhusenikbalhusen76184 жыл бұрын
Her
@alizaidi10135 жыл бұрын
😭😭😭
@muhammadabbas8255 жыл бұрын
Faizi. Abdi.caura.
@zainplays10925 жыл бұрын
Al ajal al ajal al ajal al ajal al ajal al ajal al ajal al ajal al ajal al ajal al ajal al ajal al ajal al ajal al ajal al ajal...Ya Saheb Uz Zaman Sultan Amir Molaa Syedi Imam Mahdi a.s