No video

जनकवि गिर्दा || GIRISH TIWARI GIRDA JANKAVI GIRDA BIOGRAPHY || UTTARAKHAND MERI MATRBHUMI

  Рет қаралды 1,569

उत्तर पाठशाला uttar pathshala

उत्तर पाठशाला uttar pathshala

Күн бұрын

जनकवि गिर्दा || GIRISH TIWARI GIRDA JANKAVI GIRDA BIOGRAPHY
जनकवि गिर्दा || GIRISH TIWARI GIRDA JANKAVI GIRDA BIOGRAPHY || UTTARAKHAND MERI MATRBHUMI
गिरीश तिवारी 'गिर्दा' जन्म 9 सितंबर, 1945 को अल्मोड़ा के ज्योली हवालबाग गांव में हुआ। उनके पिता का नाम हंसादत्त तिवाडी और माता का नाम जीवंती तिवाडी था। 'गिर्दा' का परिवार थोड़ा उच्चवर्गीय तो था ही इसलिये गिर्दा' को पढ़ाई के लिये अल्मोड़ा भेज दिया गया । 'गिर्दा' ने कक्षा 5 तक कोई पढ़ाई नहीं की। कक्षा 6 से स्कूल में भरती हुए । ग्रामीण वातावरण में पैदा हुए तो गाने-बजाने की ओर भी रुझान था। गिर्दा मूलतः कुमाउंनी तथा हिन्दी के कवि हैं,लेकिन उन्होंने लोक पंरपराओं के साथ चलते हुए लोक संस्कृति के क्षेत्र में अपनी एक
गिरीश तिवारी गिर्दा का जन्म 10 सिंतबर 1945 को उत्तराखंड ,अल्मोड़ा जिले के हवालबाग ब्लॉक में ज्योली नामक गाँव मे हुवा था। गिरीश तिवारी जी के पिता का नाम हंसादत्त तिवारी था। और माता जी का नाम जीवंती देवी था। गिर्दा की आरंभिक शिक्षा अल्मोड़ा से पूर्ण की। और 12वी की परीक्षा नैनिताल से (व्यक्तिगत) पूर्ण की ।
तत्कालीन संस्कृति कर्मी, रंगकर्मी मोहन उप्रेती और बृजेन्द्र लाल शाह इनके प्रेणा श्रोत बने।
गिरीश तिवारी गिर्दा, घर से निकल कर पीलीभीत, बरेली रहे।फिर लखनऊ और अलीगढ़ में इन्होंने रिक्शा चलाने का कार्य किया।वही इनकी मुलाकात कुछ वामपंथी मजदूर संगठनों से हुई, वही से इनको गरीबो और वंचितों को समझने और जानने का मौका मिला। (Girish tiwari “girda” a scriptwriter biography )
गिरीश तिवारी का सामाजिक एवं साहित्य जीवन -
कुछ समय लखनऊ में अस्थाई नौकरी करने के बाद, गिर्दा ने 1967 में गीत और नाटक प्रभाग में स्थाई नौकरी की। और लखनऊ आकाशवाणी में भी आना जाना चलता रहा। लखनऊ रहने के दौरान ,गिर्दा लिखने के साथ साथ पंत,फैज,निराला,ग़ालिब, आदि कवियों एवं लेखकों पर अध्ययन किया। 1968 में गिर्दा ने कुमाऊनी कविताओं का संग्रह शिखरों के स्वर प्रकाशित किया। इसके बाद गिर्दा ने अनेक कुमाऊनी कविताये लिखी तथा कई कविताओं को स्वरबद्ध किया। इसके साथ साथ, अंधेर नगरी चौपट राजा, अंधायुग, नगाड़े खामोश हैं, धनुष यज्ञ जैसे अनेक नाटकों का निर्देशन किया।
अलग पहचान बनायी। वह आजीवन जन संघर्षों से जुड़े रहे और अपनी कविताओं में जन पीड़ा को सशक्त अभिव्यक्ति दी
गिरीश चंद्र तिवारी “गिर्दा ” जनकवि ,पटकथा लेखक ,गीतकार,गायक, निर्देशक एवं उत्तराखंड संस्कृति की तथा उत्तराखंड राज्य के सच्चे हितेषी थे।
उत्तराखंड आंदोलन में एक जनकवि के रूप में गिर्दा -
1974 से उत्तराखंड में आंदोलन शुरू हो गए थे। चिपको आंदोलन, नीलामी विरोध में आंदोलन । इन आंदोलनों में गिर्दा ने एक जनकवि का रूप धारण कर ,अपनी कविताओं से इन आंदोलनों को एक नई धार दी। नीलामी विरोध आंदोलन में गिर्दा की कविता ,” आज हिमालय तुमन कै धतोंछो , जागो हो जागो मेरा लाल “
1974 में उत्तराखंड आंदोलन और 1984 में नशा नही रोजगार दो आंदोलनों में गिरीश तिवारी गिर्दा के गीतों ने नई,धार और नई शक्ति दी।
1994 में उत्तराखंड राज्य आंदोलन में जनकवि गिरीश तिवारी गिर्दा के गीत “धरती माता तुम्हारा ध्यान जागे ”
से आंदोलन की शुरुआत होती थी और हम लड़ते रया भुला हम लड़ते रूलो गीत तो जैसे उत्तराखंड राज्य आंदोलन की जान बन गया। जैंता एक दिन तो आलो उ दिन यो दूनी में गीत ने आंदोलन को नई धार दे दी।
इस प्रकार गिरीश तिवारी गिर्दा एक जनकवि के रूप में देश मे ही नही विश्व विख्यात हो गए।
गिरीश तिवारी गिर्दा वो फक्कड़ कवि थे, उनके मन में जो भी संवेदना जागती थी,उसे वो लिखडालते थे या गा लेते थे। उत्तराखंड गढ़वाली भाषा के प्रसिद्ध गायक नरेंद्र सिंह नेगी जी के साथ उन्होंने ,कई बार जुगलबंदी से विदेशों तक धूम मचाई। गिर्दा को गीत ,कविता से इतना प्रेम था,कि उस समय जाती पाती से जकड़े उत्तराखंड में हुड़का केवल हरिजन वर्ग के लोग धारण करते थे,उन्होंने जाती पाती के बंधनों को तोड़ कर,हुड़का धारण किया,और ऐसा धारण किया कि विश्व विख्यात हो गए।
गिरीश चंद्र तिवारी गिर्दा की मृत्यु 22 अगस्त 2010 को पेट मे अल्सर की बीमारी के कारण हुई।

Пікірлер: 7
@ayushjugran8539
@ayushjugran8539 6 ай бұрын
@manishmamgai2756
@manishmamgai2756 2 жыл бұрын
❤️❤️🥰🤗🔥👍
@pkjpantofficial7062
@pkjpantofficial7062 Жыл бұрын
Wah guru ji... Thx for this video
@uttarpathshala4106
@uttarpathshala4106 Жыл бұрын
🤗🤗
@uttarpathshala4106
@uttarpathshala4106 2 жыл бұрын
video ग्रुप में भेज दी गई है
@luda6163
@luda6163 Жыл бұрын
Say respectfully Girda ji
@luda6163
@luda6163 Жыл бұрын
Say respectfully Girda ji
Girda K Bad Girda ki Yade... Girda Ki Jubani.
41:08
न्यू UK आन्दलानो की आवाज़े..तभी हिमालय बचेगा..
Рет қаралды 16 М.
Magic trick 🪄😁
00:13
Andrey Grechka
Рет қаралды 48 МЛН
Joker can't swim!#joker #shorts
00:46
Untitled Joker
Рет қаралды 40 МЛН
الذرة أنقذت حياتي🌽😱
00:27
Cool Tool SHORTS Arabic
Рет қаралды 20 МЛН
UTTARAKHAND CURRENT AFFAIRS || 30 OCTOBER CURRENT AFFAIRS || UTTARAKHAND NEWS || UK POLICE PATWARI
23:12
उत्तर पाठशाला uttar pathshala
Рет қаралды 123
The Great Uttaranchali Poet Late shri Girish tiwari ji ( known as Girda )
27:59
Rough Cut Productions
Рет қаралды 74 М.
Magic trick 🪄😁
00:13
Andrey Grechka
Рет қаралды 48 МЛН