आम जनता को संवैधानिक प्रावधानों और कानूनी प्रक्रिया को पढ़ना और समझना होगा । संवैधानिक प्रावधान और कानूनी धारा के बीच अंतर को भी समझना होगा । कोई भी सरकार कोई भी कानून संविधानिक प्रावधानों के विरूद्ध नही बना सकती है और शासन प्रशासन नही चला सकती है । न्यायपालिका (कोर्ट) ही संविधान की संरक्षक संस्था है । संविधान में कोई भी संशोधन बिना बहस के और 2/3 संसद सदस्यों यानी 362 के हस्ताक्षर के बिना नही हो सकता है जबकि 272 संसद सदस्यों की सहमति से सरकार बन जाती है । इसलिये जब भी संविधान में संशोधन होता है, तो सत्ता पक्ष और विपक्ष(बीजेपी और कांग्रेस) के सहयोग से ही होता है । यदि किसी लोकसभा चुनाव में कोई एक पार्टी (बीजेपी) के 362 उम्मीदवार चुनाव जीतकर संसद में पहुँच जाय तो उसके पास असीमित शक्ति उपलब्ध हो जाती है, वो sc,st,obc और minorty के सारे हक अधिकार को खत्म कर सकती है। इसलिये जनता को चुनाव पर ध्यान देना चाहिये और किसी लालच या भय से वोट न दे । यह भी देखे कि चुनाव आयोग चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिये चुनावी प्रक्रिया का उपयोग कर रहा है, वह सही है या नहीं । वर्तमान में EVM संदेह के घेरे में है । EVM ban आंदोलन पर सहयोग करे ।
@prahaladdhurve463911 ай бұрын
Is par koi कार्यवाही होगी या हमको bs gyapan dene ki aadat pad chuki hai