भंडारी लाल ने मरते दम तक, मरने वाली अंतिम रात तक अपनी कला का प्रदर्शन किया। यदि उस रात बुकिंग न करते और इलाज कर ध्यान दिया होता तो शायद बच जाते। लेकिन इस धटना से यह सिद्ध होता है कि एक कलाकार अंतिम दम तक जनता के मनोरंजन का ध्यान दिया। और अपने प्राणों को त्याग दिया। धन्यवाद
@MukeshYadav-ch4go24 күн бұрын
Vah Bhandari Lal ji jaate jaate achcha apni yaden chhod kar Gaye Bhagwan aapko Apne charanon mein Param sthan de