। • क्या उत्तराखंड के गाँव... दुख की बात है पलायन के कारण उत्तराखंड के गाँव के गाँव बंजर पडे हैं , कितना दुख होता है अपनी जन्म भूमि को इस तरह बंजर देखकर।
Пікірлер: 364
@kameshlohumi5 ай бұрын
चिंता मत करिए ये सब बंजर घरों में हमारे मुस्लिम भाई रहेंगे कुछ साल रुकिए सब गांव हरे भरे हो जायेंगे । क्योंकि अब मुस्लिम भाई लगे पहाड़ो की ओर पलायन करने लगे है❤
@KuldeepSonu-o4v4 ай бұрын
You are Right Bhai
@mahendrakhatri24792 ай бұрын
बंग्लादेसीयो को ओर क़्या चाहिये वो समय बहुत जल्द आने वाला है
@prithvisinghrawat59906 ай бұрын
रोने से अच्छा यह होता कि आप सब मिलकर इस बनजर भूमि में फलों के वृक्ष लगवा देती,जो आगे वाली पीढ़ियों के लिए पुणय का कार्य होता।
@keshudhami77606 ай бұрын
भाई जी लगता है आपने कभी खुद एक पौधा भी नहीं लगाया है चलो मान लिया इन बहनों ने नारंगी माल्टा के पौधे लगा भी लिया तो उनको उगने तक पानी कौन डालेगा और जानवरों से सुरक्षा कौन करेगा पलायन यूके में घर घर की कहानी है भाई
@prithvisinghrawat59905 ай бұрын
मेरा बात किसी को दुखी करने के लिए नहीं ना ही कोई सवाल जबाव करने के लिए।जब मुझे पेड़ लगाने का अनुभव होगा,तभी मैंने अपना कमेन्ट दिया होगा।@@keshudhami7760
@shrichintamanimaharaj5 ай бұрын
बहन जी भी मात्र वीडियो बनने के लिए आई है
@prithvisinghrawat59905 ай бұрын
कमेन्ट मानना या ना मानना आपकी इच्छा पर निर्भर करता है।@@keshudhami7760
@c.loliya95666 ай бұрын
वैसे आपकी बात सही है। पर जरा दोनों पहलुओं को समझना जरूरी है। पहली बात आपने अपने मायके को देखा रोना आया, दूसरी बात अपने ससुराल के घरों को भी देखो। आपने अपनी सुख सुविधा के लिए ससुराल के घरों को बंजर करवा दिया,इसी प्रकार आपकी भाभियों ने भी बंजर करवा दिया। इसके लिए महिलाएं जिम्मेदार है। पुरूष तो पहले से ही बाहर रहा है। इसलिए सभी महिलाएं इस जिम्मेदारी को निभायें। उत्तराखंड अपने आप सुधर जायेगा।
@avinashikhantwal94046 ай бұрын
Bhai ji Aap ne bahut he sundar baat kahi,Ish palayan ka ek karan Mahila bhi hai.Purush to pahle say bahar jata raha hai kamane k liye.lekin mahilao ki wajah say ki hamko kam nahi karna pare.Ish tarah Hamara Gadwal palayan ka karan hai.Aap ka wakai Parsansniya hai🙏🙏
@sonuranapahadibhaijayuttra1246 ай бұрын
Shi bat brother 👍
@Bhagwati_rawat6 ай бұрын
Shi बात आप सभी भी सहरी हो गये
@harshmahara65506 ай бұрын
महिलाओं ने गददारी की है पुरूषों को तो नौकरी के लिये दूर जाना ही पडता है
@DineshDinesh-vv3wj6 ай бұрын
Bahut bahut sunder aaj apkaa bolg dekhaa.. Sochne wali baat e h ki palayan ku hua h hamare pahadon se....kahin nakahin hamare pahadon aaj bhi moolbhut jaruraten...jaise 1.education 2 medical 3.rojgaar 4.h wo h dekha dekhi aaj ke dour p apke gawn wali kahani hamare poore pahad ki h...ji bura to har kisi ko lagta h .jab apni jnm bhumi ko is haal m dekhega to. Ek majboori h ji .or ek jimmedari.apne bachon ko lekar. Lekin uske sath sath ham apni bahut bdi birast ko khote ja rahe h ...😢😢m khud army se hi or apne gawn ko bahut miss karta hu. Rona ataa h bahut....bt kise kahe. aaj hm hi bahr h bachon ke khatir. JAI Dev bhoomi uttarakhand 🙏
@ManojSingh-lh4jn6 ай бұрын
तभी तो कहता हूं कि आप ऐसे सरकारों को चुनो जो हमारे उत्तराखंड को संवारने में हमारी-आपकी मददगार साबित हो 😢
@ashatomar19036 ай бұрын
देवी जी गढ़वाल छोड़ के शहर में चले गए हो लेकिन उससे भी ज्यादा दुखद बात तो यह है यह है कि आपको गढ़वाली भाषा आते हुए भी जानबूझकर आप गढ़वाली में नहीं बोल रहे हो हिंदी में बोल रहे हो कम से कम अगर मातृभूमि का त्याग कर दिया है आपने तो मातृभाषा का तो त्याग मत करो मातृभाषा को बोलने में शर्माना नहीं चाहिए
@digamberuniyal8106 ай бұрын
आपने बहुत अच्छा जवाब दिया भाई साहब ! मै स्वयं अपने गांव से बाहर रह रहा हूं लेकिन मैने अपना घर बिलकुल सुंदर बनाया है। हर दो तीन महीने में एक चक्कर अवश्य ही अपने घर जाता हूं साफ सफाई तथा रिपेयर का कार्य कराता रहता हूं । मेरी इच्छा है कि मेरा बुढ़ापा भी वहीं बीते जहां मेरा बचपन गुजरा । कम से कम अपने माता पिता की संपत्ति को तब तक तो जरूर जिंदा रखूंगा जब तक मैं जिंदा रहूं। प्रणाम जी !❤❤❤
@AaditiRawatRawat5 ай бұрын
Ye video sirf like or comment karwane ke liye bani hai Didi ji agar rona aa raha hai to garhwal apne ap jese logo ki wajha se aaj shadi hona bhi duswar ho gaya 😖😖😖
@dskairacool2 ай бұрын
क्या करें जी, मुझे भी आपकी आंखों में आंसू देखकर रोना आया,यह सब हमारी बेरोजगारी की स्थिति का हाल है।बंजर को विकास नहीं कहा जायेगा। कहां गया हमारे पहाड़ का विकास, यही बंजर है। मुझे आपकी कहानी सुनकर, अपना गांव का बचपन आ गया।❤❤ डीएस कैड़ा मेरठ।
@ssrana75726 ай бұрын
पलायन भी तो हम ही कर रहे हैं अगर जन्म भूमि से सच्चा लगाव है तो फिर पलायन क्यों कर रहे हैं? पलायन पर सबसा जयादा वही बोल रहा है जो स्वयं पलायन कर रहा है जिन्हें अपनी जन्म भूमि से वास्तविक प्रेम है वह आज भी अपनी जन्म भूमि नहीं छोड रहा है आज भी यहीं रह रहा है।
@sonuranapahadibhaijayuttra1246 ай бұрын
Bilkul shi ji 👍
@vinodpokhriyal37406 ай бұрын
मै पहाड में हूँ, आजकल गाँव मे ज्यादातर बुजुर्ग हैं, 10 किलो प्याज के चक्कर मे पेयजल से सिचाई हो रही है,पीने को पानी नही है।माने यहां कैसे रहे? पलायन तो होना ही है।मै भी यही सोचता हूँ यहाँ से कब निकला जाय।पानी नही,दवाई नही,हर बक्त जंगली जानवर का डर।जो लोग चले गए, ज्यादा सुखी हैं।
@mohanbisht62026 ай бұрын
सारे पहाड़ की यही कहानी है ये सिलसिला रुकने वाला नहीं है शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार के अभाव के कारण ऐसी हालत पहाड़ में रुकने वाली नहीं है। बहुत सुंदर भावनात्मक ब्लॉग।
@khushalsinghkoranga17016 ай бұрын
बहुत दुःखद है यह | स्वर्ग सी जन्म भूमि आज इस हाल में |
@kusumkandari24943 ай бұрын
बिल्कुल सही कहा बहन बहुत बुरा लगता है अपने जन्म भूमि को बंजर देखकर आप सभी बहनों को मेरा प्रणाम 😭🙏
@jptamta1216 ай бұрын
अपनी - जन्म भूमि को कभी भूलना नहीं चाहिए जिसको स्वर्ग से भी बढ़ कर दर्जा दिया है❤ बहुत बढ़िया हृदय को हुने वाला ब्लौग ' अति उनम ।
@DevendraSingh-qq1kc6 ай бұрын
और उत्तराखंड सरकार से मेरा निवेदन है कि जिसकी भी जमीन 12 साल से बंजर पड़ी है और अपने घर नहीं आता है उसकी जमीन को सरकार को अधिकरण कर देना चाहिए और जो आदमी पहाड़ में निवास करते हैं उनको दे देना चाहिए
@devbhumiuatranchal56176 ай бұрын
Teri okat free ki hi khane ki hi lagta hai,
@digamberuniyal8106 ай бұрын
भाई साहब कौन करेगा खेती , सरकारों ने सस्ती और मुफ्त की राशन ने लोगों को पंगु बना दिया है। प्रणाम जी !
@DevendraSingh-qq1kc6 ай бұрын
@@digamberuniyal810 सर जी मैं जिला पिथौरागढ़ बेरीनाग मैं रहता हूं जहां पर ब्राह्मणों का गांव है और वहां से सारे ब्राह्मण पलायन कर गए हैं एक दो परिवार राजपूत भी रहता है राजपूत परिवार के एक नौजवान ने बहुत बड़ी साग सब्जी की बागवानी की है जिससे वह सालाना 500000 की सब्जी बेचता है चांदनी चौक में बर्तन साफ करना यहां के नौजवान को अच्छा लगता है लेकिन करोड़ों की जमीन घर में पड़ी है उसमें खेती करने में आदमी को शर्म आती है
@SATISH_NEGI6 ай бұрын
जिन घरों में जन्मे हम उसके खुले किवाड़ छोड़ आये। महज दो जून रोटी के लिए अपने सुन्दर पहाड़ छोड़ आये। 😢😢😢
बहन आप ने मुझे अपने घर की याद दिलाई है और अपने घर और गांव की ओर आने का संदेश दिया है आप को नमस्कार ओर बहुत बहुत धन्यवाद
@pramilarawat98176 ай бұрын
🙏🙏🙏
@puran72chandratripathi596 ай бұрын
पूरा उत्तराखंड आज ऐसे ही रोज रहा है शहरों में विस्थापित लोगों के वापस आने की कोई सूरत नहीं दिखाई देती 😢😢😢🎉
@NarayanSingh-qi4xs6 ай бұрын
देव भूमि मे अपने पितरों की छाया जन्म भूमि वहां का बचपन आज हमें भी याद आ गया बाबू बूबू ने मेहनत से घर बनाये ये सब देखकर आखों में आंसू आ गये।
@pramilavlogsuttrakhandi6 ай бұрын
🙏🙏🙏😢😢
@nandansingh81145 ай бұрын
अपणी पुश्तैनी कूड़ा पुंगड़ा इनिके बंजर पड़ीगे हमारा पुरांणा पितर लोग बहुत दुखद होवला सभी उत्तराखंड लोगोअं तैं यु बिषय पर सोचंण पलोअ पिछियैडि़ बहुत देर हुये जैलि ।जय देबी भूमि उत्तराखंड ❤❤❤❤❤❤❤
@madansinghpanwar60966 ай бұрын
सही बात है बचपन फिर लौट कर नही आता केवल यादो के सिवाय
@pramilavlogsuttrakhandi6 ай бұрын
🙏🙏
@suvedprakash32775 ай бұрын
बिटिया साल मे एक दो बार.जरूर. गांव आया करो,कमसे कम हमारी मात्रिभूमि आगे आने वाली पीढी को हमारा अतीत बताती रहेगी।
@pramilavlogsuttrakhandi5 ай бұрын
🙏🙏
@totaram.dudpuri6 ай бұрын
दीदी नमस्कार वैसे पलायन का कारण हमारी माता और बहनों का बड़ा हाथ है आपको दोनो पहलो पर समझना चाहिए जहांआपका ससुराल है क्या आप वहां रह रही हो
@pahadijyotish6 ай бұрын
जय श्रीराम 🙏 जय ईष्ट देवता जय कुलदेवी देवता, जय पित्रों की भूमि, जो दिन बीत चुके वो कभी नही आयेंगे 😢😢😢
@ruhiyovlog53676 ай бұрын
मैं भी उत्तराखंड का हु दीदी आज जब में ड्यूटी में था आपकी यह वीडियो देख रहा था आंखो में आसू आ गए आज उत्तराखंड में हर गांव का यही हाल है आई लव उत्तराखंड आई लव पहाड़
@sangeetasundriyal7816 ай бұрын
आप लोगों की बातें सुनकर मुझे लगता है कि आप लोग आज भी अपने ससुराल में अपने गांव के घरों में ही रहते होंगे 🙏🙏
@ChandraMohan-rb6fw6 ай бұрын
काश उत्तराखंड की औरतों को ससुराल के घरों पर भी रोना आता।तो पहाड़ों का ये। हाल नही होता।
@jogasingh23386 ай бұрын
पाहडो से पलायन का मुख्य कारण महिला ही है
@akshmodernschool70096 ай бұрын
@@jogasingh2338 सही कहा ना होगा बांस ना बजेगी बाँसुरी शादी करना बन्द कर दो तब आँखे खुलेंगी अरे सभी मिलकर महिलाओ को दोषी मान लिया बो भी इंसान है उनका मन भी करता है अपने हिसाब से जीने का बदलाब प्राकृति का ही नियम है
@premlalsaklani75916 ай бұрын
कौन जिम्मेदार हैं हम सभी लोगों को सोचना चाहिए। अभी भी समय है अपनी जन्म भूमि को संजोएं नहीं तो बहुत देर हो जायेगी।
@anitadevrani12746 ай бұрын
बहुत सुंदर 🙏🙏❤️❤️रोङ की जगह गाँव तो अच्छा लग रहा फिर भी पलायन ❤
@anitadevrani12746 ай бұрын
हम भी आप के साथ जुङ गए ❤❤
@pramilavlogsuttrakhandi6 ай бұрын
Thankyou 🙏
@guddigusain81666 ай бұрын
साल में एक बार घर जरूर जाना चाहिए❤❤? अपना गांव छोड़ना नहीं चाहिए
@manjeetsolanki48676 ай бұрын
राज्य सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें।इन बेटियों के आंसुओं को समझते हुए पहाड़ के युवाओं के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध करायें जिससे कि पलायन रुके।
@madhukarsrivastava31836 ай бұрын
भाई यह रोजगार की वजह से पलायन का मामला नहीं है क्योंकि इनके सभी भाइयों ने देहरादून में मकान बनवाए हैं!! यह केवल आधुनिक सुख सुविधाओं की ललक का मामला है!! आज गाँव की महिला/ पुरुष दोनों ही आरामदायक सुविधापूर्ण जीवन चाहते हैं, शारीरिक मेहनत कोई नहीं करना चाहता है और यह बात सच है कि पहाड़ के गांवों में जीवन बहुत श्रमसाध्य है !!
@pramilavlogsuttrakhandi6 ай бұрын
जिस घर में हमारा जन्म हुआ पालन-पोषण हुआ वही घर पलायन के कारण इस तरह बंजर पडे हुये हैं 😭😭😭
@kamevet6 ай бұрын
प्रमिला बहुत अच्छी वीडियो बनाई मायके के बंजर खेत वह मकान को देखकर बहुत ही बुरा लग रहा है😭😭😭
@pramilavlogsuttrakhandi6 ай бұрын
😭😭😭
@savitarana11506 ай бұрын
बचपन की यादें रुला दिया आपने
@Shamsher_Chand4 ай бұрын
जिम्मेदार कौन? आँसू बहाने से क्या होगा? ये रोना लोगों को ज्यादा प्रभावित नहीं कर सकता, क्योंकि अपने स्तर पर क्या प्रयास किया ये महत्वपूर्ण है l जय भवानी
@DeepaRawat_mahilashaktimandali5 ай бұрын
हम भी शहर मै रहतेहै पर हमने अपना घर बहुत सुंदर बनाया है मंदिर भी 😊
@DharmsinghNegi6 ай бұрын
🎉😢बहुत ही भाउक चित्रण किया है ।सभी बहनों को धन्यवाद शुभ आशीर्वाद ।धर्म सिंह् नेगी तुनवाला देहरादून ।
@pramilavlogsuttrakhandi6 ай бұрын
🙏🙏🙏
@rameshrawat96396 ай бұрын
🚩जय जय देवभूमि उत्तराखंड 🌹🙏 🚩जय जय बद्री केदार 🌹🌹🙏 धन्य हैं बह देवभूमि की बेटियां बहुएं माताएं जिन्होनें कठीन परिस्थितियों और सिमित संसाधनों से अपनी खेती बाडी़ और आपने पित्रों के मकानों में रोसनी का दीपक जला रखा हे अपनी कठिन मेहनत के दम पर कर रही हैं खेती 💐 धन्यवाद हाथ जोड़कर 🙏
@bhaskarnaithani96706 ай бұрын
अभी आने वाले १० सालों में और भी बुरी स्थिति होने वाली है हमारे उत्तराखंड की ,सबको देहरादून चाहिए।
@babitatyagi34286 ай бұрын
Aap ne mere ko mere bachpan yad diladiya pahad ho ya samtal phle sab ka bachpan ak jesa tha ab sab ko shro ka hi rhna pasnd h
@pramilavlogsuttrakhandi6 ай бұрын
💐💐💐
@ganeshbisht40336 ай бұрын
बहन पूरे उत्तराखंड का यही हाल है दिल से रोना आ रहा है
@ranaji12br5 ай бұрын
Nhi bhaiji kabi hamare pauri rath ana koi palayan nhi
@dineshmaletha60026 ай бұрын
आने वाली पीढ़ी हमको गालियां देंगी ❤
@pramilavlogsuttrakhandi6 ай бұрын
Ji 🙏🙏
@vijayasemwal_6 ай бұрын
ऐसे देखकर बहुत बुरा लगता है भुली ♥️♥️♥️ परमात्मा की कृपा से हम गांव में ही रहते हैं ❤
@pramilavlogsuttrakhandi6 ай бұрын
🙏🙏
@Manojkumar-vh4lj5 ай бұрын
Bahut hi sunder aur Emotional moments... yaad na jaye beete dino ki....
@HarishChand-nv9ts6 ай бұрын
बहन जी इन घरों और खेतों को बंजर करने का श्रेय भी तो आपके भाइयों को ही लेना पड़ेगा ऐसा क्या निराला है देहरादून का किसी अन्य शहर में जो कि अपनी जन्मभूमि का ये हाल बना दिया है चलो ये तो आपका मायका है और यहां आप लोगों का बचपन बीता है पर क्या आज जो आपका अपना घर या ससुराल है वो आबाद है ? क्या कभी उसके लिए भी आंसू निकलते है क्या कभी झूठे ही सही दिल में खयाल आता है कि चलो उसे संवार लें क्योंकि वो तो आपके अपने हाथों में है और इसमें कुछ असंभव भी नहीं । उत्तराखंडियों के ऐसे आंसुओं को देखकर उनके लिए कोई शब्द नहीं निकलते जो अपने पूर्वजों के अथक और अकल्पनीय प्रयासों से संजोए गए और गरीबी और बेबसी के बाबजूद बनाए गए इतने सुंदर और बड़े बड़े मकानों और खेत खलिहानों को सदा के लिए ऐसे छोड़ गए कि साल में एक दो बार दो चार दिन ही सही वहां के रख रखाव और देख भाल के लिए वहां चले जाएं हम पहाड़ियों के पास पहाड़ के मुकाबले कितनी जमीन और मकान शहरों में है। जब आज आप जैसे लोग हार मान बैठे हो तो आपके बच्चे जो इस जगह से अछूते हैं वो वहां क्यों झांकने भी जायेंगे 🙏
@ganeshprasad17226 ай бұрын
उत्तराखंड बनने के बाद ऐसी ही बरबादी होनी थी तो उत्तर प्रदेश ही बढ़िया था राजधानी लखनऊ रहती तो सभी लोग देहरादून तो नहीं जाते भाड़ में जाए ऐसा विकास जो केवल देहरादून तक सीमित है ।
@NeelamRani-y6s5 ай бұрын
Sehi bola betiyan Jahan bhi jayen shadi ke baad maike chahe koi ho ja na ho ghar dekhker hi Rona aa jata hai
@rajeshjayal90026 ай бұрын
Very very sentimental and painful!!!!
@paraj-anilrawat6 ай бұрын
बहनों हम सब ही जिम्मेदार है इस दुर्दशा के, अगर बीच बीच में सब को आते रहना चाहिए और पित्रों के धरोहर को संभालते रहना चाहिए।
@pramilavlogsuttrakhandi6 ай бұрын
🙏🙏🙏
@AshokRaghuwanshi-n2h5 ай бұрын
देखिए जब तक रोजगार और स्कूल, हॉस्पिटल, मार्केट आदि की सुविधाएं नहीं होगी तो कोई केसे रहेगा पुराना समय अलग था
@virranauttarakhandi24336 ай бұрын
लगभग सभी गांवों में विकास के अंधे दौड़ में सभी गांवो में पलायन का ऐसा मंजर देखने को मिल रहा है दीदी क्या vor दिन आएंगे की नहीं समझ नहीं आता है । क्या होगा ये विकास में
@davkirawat1716Ай бұрын
बंजर नही बोलते है आपकै भाई होगे बोलो आओ गाँव
@rajneeshdimridoonvalley3836 ай бұрын
मैं हमेशा हर उत्तराखंड के लोगों के ब्लॉग पर जो गाऊँ का पलायन दिखाते हैं कॉमेंट कर्ता हूं कि गाऊँ को एसा छोडें नहीं साल 6 महीने में जरूर जाएं हमारे बाप दादा की मेहनत को बर्बाद न करें. उनका तबी आशीर्वाद मिलेगा तभी आप falenge fulenge एक हफ्ते ही जाएं पर जाएं
@ushadevi-kf3uj2 ай бұрын
सच्चाई यह है कि हमारा उत्तराखंड कृषि पधान था मगर उत्तराखंड बनने पर सरकार ने किसानो की तरफ कोई ध्यान ही नहीं दिया यहा अस्पताल मेडिकल उपचार की सुबिधाये स्कूलों की सुबिधाये व खेतो मे जो भी आनाज उगता है जगली जानवरो की रोकथाम पर कोई ध्यान नही दिया सरकारो ने रोड बिजली तो गावो मे पहुच गये मगर सरकार को खेतो के पलाटेशन सुबिधाये होनी चाहिये थी सबसे बडी गलती हुई राजधानी देहरादून मे बनाई कुमाऊ व गढ़वाल के बीचोबीच मे बनानी चाहिये थी उत्तराखंड का दुर्भागय है नैकरिया भी बाहर के लोग जाली हरि जनो को मिल रही है जी
@pramilavlogsuttrakhandi2 ай бұрын
Sahi baat 🙏
@surendradhiman54126 ай бұрын
हर हर महादेव ❤ध्याणियो का रोना पित्र पुर्वजों का आशीर्वाद मिलना होता है। सभी बहिनो को सादर प्रणाम 🙏🙏 यादें तो आहीं जाती दीदी जी आज भी हम अपने खेत खलियानों कै खुशहाल बना सकते हैं।
@DevendraSingh-qq1kc6 ай бұрын
कुमाऊं की अपेक्षा गढ़वाल से ज्यादा पलायन हो गया है आप लोगों से निवेदन है कि जरूर इस पहाड़ को बसाने का कोशिश करें इस बंजर भूमि में चाय का बागान भी लगा सकते हैं और kiwi की खेती कर सकते हैं
@jaibirrawat92966 ай бұрын
बहुत ही भाऊक ऐसी चीज देख के बहुत ही रोना आता है
@pramilavlogsuttrakhandi6 ай бұрын
😢😢
@1srajan6 ай бұрын
शिक्षा,रोजगार एव विकास इसका मुख्य कारण है, आपने यहां जन्म लिया आप माइके आ गई, आपके बच्चे खान जाएंगे? उनको आलसी और धन की दौड़ में हम ही धकेलते हैं। बताएं अंतिम बार आप अपने ससुराल वाले गांव कब गए थे, वहां भी किसी के दादाजी मकान बनाया होगा, पुंगडी आबाद की होगी। यह देवभूमि है, जिंदा रहेगी एवं बेर सबेर बुलाएगी ही।
@rajinderjoshi20486 ай бұрын
Apna Ghar ka dhyan rakhna chahiye or sabhi ko saath milkar uttarakhand ka vikas karna chahiye ❤😂😊
@harshmahara65506 ай бұрын
पैसा अधिक हो जाने के कारण ये हाल हुआ लोगों ने मेहनत करना छोड़ दिया
@darshanNegivlogs3 ай бұрын
क्या करें जी कोई भी पहाड़ों में रहना नहीं चाहते हैं आ रहा है समय पहाड़ों का
@VirendraPanwar-tr4th6 ай бұрын
हमारे भी आंसू आ गए इस उत्तराखंड के प्लान की दशा को देखकर के😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
@Negichannel7806 ай бұрын
दीदी आपने मुझे भी रुला दिया 😢😢😢
@manmohanchauhan29856 ай бұрын
मोदी लाओ देश बचाओ, जय मां भारती, जय देव भूमि उत्तराखंड 🔱
@ranjeetnegi72815 ай бұрын
Bahut sundar didi parmila
@MusicLover-r8r5 ай бұрын
सोच बडी रखो हमारे घर खेती बाडी वही है दुनिया मे लोगो के हर अगल देशो मे घर होते है पर वे लोग देखभाल करते रहते है देखभाल करे सब कुछ वापस हो सकता है बाकी as you know जीवन परिवर्तन है
@user-gf6uh9zq8e6 ай бұрын
नेताओं को बोलो की राजनीति न करें रोजगार दे मैं भी पहाड़ी हूं
एक बेटी दर्द । बेटियां अपनी जन्म भूमि को बयां करके भावुक हो रही हैं।
@rameshbisht29216 ай бұрын
वाकई में बहुत दुःख होता है अपनी जन्मभूमि और मातृ भूमि को देख कर, हमारे पौड़ी गढ़वाल में भी येसा ही है, आजीविका चलाने के लिए,, आंखो मे आंसू आ गए आप सभी बहीनो को देख कर, बचपन की यादे,, nice vlog भूलू
@pramilavlogsuttrakhandi6 ай бұрын
🙏🙏🙏
@pratapsinghrawat-Nyangarh5 ай бұрын
रोने से कोई फायदा नही भूली। सभी लोग वापिस गांव जाने की प्लानिंग करो चाहे ससुराल के हों या मैती। रोड़ दुविधा है तो पहले वाली आधी से ज्यादा समस्या का समाधान हो चुका है। इसको हमें मुहिम बनाना होगा।
@manjunayal94215 ай бұрын
बहुत ही दुखद की बातहै बहन 🎉
@जयमातादी-त8च5 ай бұрын
सही कहा, बेटी, बचपना और मायका नही भूलती,,, बेटा क्यो, और किसकि वजह से अपने पूरे परिवार को भूल जाता है, हिन्दू पलायन नही करे, अवैध कब्जे हो जाएगे, सम्पत्ति सभालो, शिक्षित हो।
@anandsharma15955 ай бұрын
जन्म भूमि से लगाव , सब समय का बदलाव। केवल स्मृतियां रह गई हैं।
@harishjoshi67816 ай бұрын
रोने की जरूरत नहीं किसने बंजर किया उसको बताओ
@jaswantsinghbisht93695 ай бұрын
है गांव अभी तक टूटा मकां हमारा है उसमें अभी बाकी नामोंनिशां हमारा।
@KaranBisht-ko7rq6 ай бұрын
Sahi bola aapne bahan ji mujhe bhi Kasam se Rona aa raha h
@aapkesath78826 ай бұрын
"पलायन का रोना।" यह सब माया है और नेता लोग इसी मायाजाल में फंसाकर रखते हैं कबूतरों को। ऐसे सभी के घर गांवों में है कोई विशेष नहीं है कि आपके ही आपके घर में हुआ हो। आप अपने पूर्वजों की यादें लेकर ब्लाग बना रहे हैं यदि आप पलायन न करते तो ऐसी शान नहीं दिखाई देती। अपने गांव की यादों को जीवन्त बनाना हो तो गांव वालों को भी आगे बढ़ाने के सद्प्रयास कीजिए। बचपन के संगी सखाओं को देखिए कि कहां हैं यदि पीछे छूट गए हैं तो आगे बढ़ाने में मदद कीजिए। अपने आप भी आगे बढ़िए। भूतकाल डरावना होता ही है, उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर होने में भलाई है। प्रेम की गंगा प्रवाहित करने की जिम्मेदारी उठाइए।बाप दादाओं के नाम को रोशन करने की प्रेरणा लीजिए दीजिए। आपकी पोस्ट लाइक करने लायक़ ही है शेयर...
@pramilavlogsuttrakhandi6 ай бұрын
🙏🙏🙏
@BhagwatiParsad-zv1sq5 ай бұрын
आप लोगों की वजह से ही देवभूमि आज बंजर पड़ी हुई है
@rameshnegi86565 ай бұрын
जै जै श्री राम भुली कोन सा गाँव है बलौक तहसील जरूर लिखा ।धन्यवाद
@ushadevi-kf3uj2 ай бұрын
जब से उत्तराखंड बना तभी से यह हाल हुये है जी
@afellowtraveller6 ай бұрын
बेहतरीन भावुक वीडियो
@vinoduniyal64106 ай бұрын
मैडम इसकी जिम्मेदार भी हम ही हैं । अब रोनाकिस लिए
@anjalidevi33626 ай бұрын
Ye नाटक देख के अच्छा लगा आपका मगरमच्छ के आंसू ।। जिसको अपने गावो से प्यार है ना वो आज भी गावो में है ।
@Jigyasa-j5j6 ай бұрын
Vo mayka hai unka 😁 Aap sadi ke bad bhi apne mayke Mei rehti ho kya ???😂
@anjalidevi33626 ай бұрын
@@Jigyasa-j5j bewakuf mayka hi ya sasural wo Kon s gawo m rhti h
@jtpsrawat8806 ай бұрын
हे राम हे राम हे राम
@phadichillvloger48436 ай бұрын
सब जगह के यही हाल है बहन❤❤
@ushapokhriyal99776 ай бұрын
बहुत खराब लग रहा है मुझे भी सब के घरों का यही हाल है हमारे भी
Sabse bada karan education h unke liye hi mhilayen bahar ja rhi ghr me kaam bhi to jyada h ati kaam bhi swasthya ke liye hanikarak h jaise hmari mother unhone hmesha kheti ki aur aaj cancer se jujh rhi h shanti to pahadon me hi h lekin wha kaam krna bhut tough hmare ganvo ke bhi yhi haal hn .nai peethi ki karmath h sabke bache pta nhi kya -2 banage suvidhayen to h nhi pahadon me bache bhi buddi ho to khin bhi padh jate hn but obtion h aadami ke pas to kya kr skte hn 2-4 logon ne hi ganv bacha rakhe h school bhi bnd hone ki kagar par hn
@pramilavlogsuttrakhandi6 ай бұрын
Bhagwan aapki mother ko bahut jaldi theek kar dega
@vinodjoshi87936 ай бұрын
Uttrakhand ke logon ke pas dusare shahar ka option nahi hai kya
@KavitaBishtVlogs.6 ай бұрын
बहुत सुंदर ब्लॉग बहना आपने तो रूला दिया 😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭
@praveenthakur49855 ай бұрын
शहरो से सुन्दर गाँव का रेहना होता है आप लोगो ने अपने जन्म स्थान कों क्योँ छोड़ दिया... जन्म स्थान चाहे कैसा भी क्यों न हो पर छोड़ना नी चाहिए...
@aj_butola5 ай бұрын
आपका घर तो सचमुच अच्छी जगह पर है, चारों तरफ से खुला खुला, अगर आप लोग चाहो तो अभी भी वहाँ रह सकते हो..
क्या कहूं बहिनों पूरे गढ़वाल में सभी जगह यही हाल है ❤😂🎉😂❤
@VijaySharma-cr9tv5 ай бұрын
Bhout acha lega iske liye aap khud zimmewar hai
@RanjeetGariya-h4d5 ай бұрын
Nice picture bahin ji
@rajendrapahadiculture89906 ай бұрын
Kitne ache khet ghar ke samne rood aur ghar bhi acha pata ni log kyun chod dety he hanara to itne jameen me 5.she 6 pakh kama dety aram she kya nahi hota uttrakhand ki miti me jaruri nahi ki dhan hi ugana ab new new takniki she khti hoti he rona to muje bhi a gaya vedio dekh ke
@seemabisht17445 ай бұрын
रुला दिया आपने आज दीदी 😢😢
@gardenvlogs15 ай бұрын
आगे आने वाली पीढियां यही रहेंगी समय ऐसा आयेगा।
@mpsnegi93456 ай бұрын
बहन आप लोग हर साल गांव में आया करो। आपका वीडियो बहुत मार्मिक है
@pramilavlogsuttrakhandi6 ай бұрын
🙏🙏🙏
@HiraNegi-p7j6 ай бұрын
Bhut sunder blogging...feel so sad me too parmila
@Vaijantidevirana6 ай бұрын
दीदी मैं ❤दिल से ❤️ 🙏 मैं आपके जो भीतर में मायके का अपनीं जन्मभूमि के प्रति प्यार, प्रेम और स्नेह और सम्मान,,दर्द, पीड़ा, संवेदनाओं और भावनाओं को व्यक्त किया है 🎉❤❤ सम्मान करती हूं 🙏 ❤ बहुत बुरू लगणूं रे दीदी ❤❤😢😢😢😢😢😢😢😢😢