दिपकजी यह रन बसेरे में सो तो जाऐ लेकिन बेचारे सामान कहा पर रखे यह कबाड़ रन बसेरा में तो लेजा नहीं सकते यह फोजी भाई बिलकुल सही कह रहे हैं कुछ लोगों को रन बसेरा के बारे में पता नहीं है कुछ लोगो को समज में नहीं आता है रन बसेरा होता कया है बेचारे इस सरदी में कया करे मजबूर है सड़क पर बहुत ही गलत है कोई गाड़ी वाला भी ऊपर चढा सकता है शुभ रात्रि
@mahipalsingh8732Ай бұрын
जीना पड़ियां स्वभाव जासी जीव सु।ए भोला बने ए सब जानते। फुट पाट पर लोभ में सोते हैं कारण आयो गियो कोई ओढ़ने दे दे, रोटी देद, इन वास्ते फूट पाठ पर पड़िया रेवे। थे पत्रकार जी आप रो धर्म निभा वो।आप जीता आने भोला समझो ए है कोणी। जोधपुर जेसा शहर धरती माते कोणी। जोधपुर जेड़ा दानदाता कठी कोणी। ए केव की करे की।