दिग्विजय सिंह के पूर्वज का इतिहास। राम सिंह नाम का एक द्वारपाल जो अकबर का एक सैनिक था। उसे राजपूतो से गद्दारी करने के एवज मे अकबर ने आज के मध्यप्रदेश मे 6 गाव की जागीर दी थी जो राघवगढ़ के नाम से जाना जाता था, जो आज राघोगढ़ है। राम सिंह जो की दिग्विजय सिंह के पूर्वज थे और राघोगढ़ के पहले जमींदार थे वो मेवाड के खिलाफ अकबर की सेना मे थे। समय के साथ 6 गांव का जमींदार राम सिंह के वंसजो ने आसपास की जगह को कब्ज़ा करके अपना रियासत का विस्तार किया। बाद मे महाराजा सिंधिया से युद्ध मे हारने के बाद वो सिंधिया ग्वालियर के दरबार मे शामिल होगया, तब महाराजा सिंधिया ने उनकी स्वामी भक्ति से खुश होकर उन्हे 13 गांव की जागीर दी और क्लास 2 रैंक का सामंत बनाया।
@manoranjandubey7605Ай бұрын
भारतीय जनता पार्टी का बहुत बड़ा भार बन गया है जी
@ShekhShahrukh-n4wАй бұрын
Shindiya ji ache neta hai congres ne inki kadar ni ke
@RajKapoor_1924Ай бұрын
@@ShekhShahrukh-n4w दिग्विजय सिंह के पूर्वज का इतिहास। राम सिंह नाम का एक द्वारपाल जो अकबर का एक सैनिक था। उसे राजपूतो से गद्दारी करने के एवज मे अकबर ने आज के मध्यप्रदेश मे 6 गाव की जागीर दी थी जो राघवगढ़ के नाम से जाना जाता था, जो आज राघोगढ़ है। राम सिंह जो की दिग्विजय सिंह के पूर्वज थे और राघोगढ़ के पहले जमींदार थे वो मेवाड के खिलाफ अकबर की सेना मे थे। समय के साथ 6 गांव का जमींदार राम सिंह के वंसजो ने आसपास की जगह को कब्ज़ा करके अपना रियासत का विस्तार किया। बाद मे महाराजा सिंधिया से युद्ध मे हारने के बाद वो सिंधिया ग्वालियर के दरबार मे शामिल होगया, तब महाराजा सिंधिया ने उनकी स्वामी भक्ति से खुश होकर उन्हे 13 गांव की जागीर दी और क्लास 2 रैंक का सामंत बनाया।
@sandipsharma6296Ай бұрын
Mharaj Ki Sarkar Sda Onke Sath Rahegi Jiban Jab Tak Rahega Jab Tak
@BauSingh-v6kАй бұрын
घर,आइए,राजा
@RajKapoor_1924Ай бұрын
@@BauSingh-v6k दिग्विजय सिंह के पूर्वज का इतिहास। राम सिंह नाम का एक द्वारपाल जो अकबर का एक सैनिक था। उसे राजपूतो से गद्दारी करने के एवज मे अकबर ने आज के मध्यप्रदेश मे 6 गाव की जागीर दी थी जो राघवगढ़ के नाम से जाना जाता था, जो आज राघोगढ़ है। राम सिंह जो की दिग्विजय सिंह के पूर्वज थे और राघोगढ़ के पहले जमींदार थे वो मेवाड के खिलाफ अकबर की सेना मे थे। समय के साथ 6 गांव का जमींदार राम सिंह के वंसजो ने आसपास की जगह को कब्ज़ा करके अपना रियासत का विस्तार किया। बाद मे महाराजा सिंधिया से युद्ध मे हारने के बाद वो सिंधिया ग्वालियर के दरबार मे शामिल होगया, तब महाराजा सिंधिया ने उनकी स्वामी भक्ति से खुश होकर उन्हे 13 गांव की जागीर दी और क्लास 2 रैंक का सामंत बनाया।
@PradeepBhamdhuАй бұрын
🙏🙏
@RajKapoor_1924Ай бұрын
दिग्विजय सिंह के पूर्वज का इतिहास। राम सिंह नाम का एक द्वारपाल जो अकबर का एक सैनिक था। उसे राजपूतो से गद्दारी करने के एवज मे अकबर ने आज के मध्यप्रदेश मे 6 गाव की जागीर दी थी जो राघवगढ़ के नाम से जाना जाता था, जो आज राघोगढ़ है। राम सिंह जो की दिग्विजय सिंह के पूर्वज थे और राघोगढ़ के पहले जमींदार थे वो मेवाड के खिलाफ अकबर की सेना मे थे। समय के साथ 6 गांव का जमींदार राम सिंह के वंसजो ने आसपास की जगह को कब्ज़ा करके अपना रियासत का विस्तार किया। बाद मे महाराजा सिंधिया से युद्ध मे हारने के बाद वो सिंधिया ग्वालियर के दरबार मे शामिल होगया, तब महाराजा सिंधिया ने उनकी स्वामी भक्ति से खुश होकर उन्हे 13 गांव की जागीर दी और क्लास 2 रैंक का सामंत बनाया।
@RajKapoor_1924Ай бұрын
दिग्विजय सिंह के पूर्वज का इतिहास। राम सिंह नाम का एक द्वारपाल जो अकबर का एक सैनिक था। उसे राजपूतो से गद्दारी करने के एवज मे अकबर ने आज के मध्यप्रदेश मे 6 गाव की जागीर दी थी जो राघवगढ़ के नाम से जाना जाता था, जो आज राघोगढ़ है। राम सिंह जो की दिग्विजय सिंह के पूर्वज थे और राघोगढ़ के पहले जमींदार थे वो मेवाड के खिलाफ अकबर की सेना मे थे। समय के साथ 6 गांव का जमींदार राम सिंह के वंसजो ने आसपास की जगह को कब्ज़ा करके अपना रियासत का विस्तार किया। बाद मे महाराजा सिंधिया से युद्ध मे हारने के बाद वो सिंधिया ग्वालियर के दरबार मे शामिल होगया, तब महाराजा सिंधिया ने उनकी स्वामी भक्ति से खुश होकर उन्हे 13 गांव की जागीर दी और क्लास 2 रैंक का सामंत बनाया।
@amarsingh-iu6fpАй бұрын
Kya bakwas hai
@RajKapoor_1924Ай бұрын
@amarsingh-iu6fp रेफरेंस के लिए हिस्ट्री ऑफ मुगल बुक। मध्यप्रदेश हिस्ट्री बुक। सिंधिया दा सगा ऑफ पॉवर एंड पॉलिटिक्स बुक।
@chhatersingh670816 күн бұрын
और फिर सिधिया ने देशभक्ति का परिचय देते हुये अंग्रेजो का साथ दिया और 1857 मे रानी लक्ष्मीबाई के साथ गद्दारी की थी....
@RajKapoor_192415 күн бұрын
@chhatersingh6708 यही तो अगयांत है। देखो यहाँ मै सिंधिया का समर्थन नही कररही। पर सच्चाई ये है की उस समय एक नियम चलता था जो ब्रिटिश ने बनाया था की, अगर किसी राज्य का उत्तरअधिकारी नही होता था तो वो राज्य ब्रिटिशप्रबीनेंस घोसित होजाता था बृटिशरस के द्वारा, और झांसी मे रानी लक्ष्मीबाई की कोई संतान ना होने के करन बृटिशरस उनके राज्य झांसी को ब्रिटिश प्रोबीनेंस के अंडर लेना चाहते थे, जिसके चलते रानी ने बाद मे एक लड़के को गोद भी लिया था। पर ब्रिटिश झांसी को किसी भी हाल मे लेना चाहते थे, इसके कारण रानी लक्ष्मीबाई ने उस समय ग्वालियर महाराजा जयाजी राव सिंधिया से मदद मांगी थी। पर जयाजी राव उनकी सीधी मदद करने से बचना चाहरहे थे, फिर जयाजी राव की माँ ने एक फैसला किया की रानी लक्ष्मीबाई को लड़ने केलिऐ ग्वालियर किला दिया जायगा, और ग्वालियर की सेना ऐसे देखेगी की जैसे उसे कब्जे मे लिया गया हो। ताकि ब्रिटिश ग्वालियर पर कब्जा ना करले। अधिकतर लोग ये नही जानते की ग्वालियर ने भी ब्रिटिश के खिलाफ एक लंबा संगर्ष किया है और उस समय किसी ने उनका साथ नही दिया। और जयाजी राव सिंधिया के दीवान के सर्डियंत्र के कारण ग्वालियर और ब्रिटिश का कंप्रोमेइज हुआ। पर असल बात यह थी की लोग अपना अपना राज्य बचाने के लिए लड़ाकरते थे। पर एक कवि की कल्पना मे किसी का जोर नही होता। इसका फायदा उठा कर दिग्विजय सिंह जैसे नेता पूरी बात जनता के सामने कभी नही आने देते, और अपना ब्रिटिश के साथ मिले होने का कला इतिहास छुपा कर रखते है। आप मेरा रिफ्रेंसस बुक मे चेक करसकते है। @ हिस्ट्री ऑफ मुगल्स। @ हिस्ट्री मध्यप्रदेश। @ सिंधिया स्टोरी ऑफ पॉवर एंड पॉलिटिक्स।
@bansimangwani4050Ай бұрын
विनाश काले विपरीत बुद्धि, या तो सिंधिया के साथ ही पार्टी छोड़ देते या अब कांग्रेस मैं रह कर लड़ते चुनाव
@anoopjadon448429 күн бұрын
❤
@RakibKhan-fw9rwАй бұрын
Booster Doze
@HariparsadParihar28 күн бұрын
Jyoti Jyoti sindhiya ki imandar aur Mari Hui neta hai Madhya Pradesh ki Janata ki tarkki aur kisanon ki chhutti jyotiraj sindhiya ji Madhya Pradesh ki sabhi Janata ki bhalai ke liye kam karti hai jyotiraj sindhiya ki Madhya Pradesh ki sabhi varg ki Janata ki bhalai ke liye kam karte Hain jativad se uthkar kam karti hai jyotiraj sindhiya ji jativad se uthkar kam karte Hain Nikki MP ke kuchh neta Apne niji Labh ke liye kam karte Hain Gujarati singer jindabad jindabad jindabad Jyotiraditya sindhiya Mari hui hai aur imandar neta hai New Zealand India jindabad jindabad jindabad jindabad
@HariparsadParihar28 күн бұрын
Jyotiraj sindhiya ki Mari Hui aur imandar hota hai Pradesh ki jankari ke liye desh ki Janata ki bhalai ke liye karya karte Hain sindhiya ki rajniti se baat kar sindhiya ji imandar Mari Hui neta hai imandar Ho Mari Hui neta hai
@sandipsharma6296Ай бұрын
Mharaj Parebar Sirf Emandar Bhai Ka Parebar Hai Sirf
@HariparsadParihar28 күн бұрын
Sindhiya ki chhavi sindhiya ji ki chhavi ek chamkati Hui Surya ke saman hai sindhiya ji ki chhavi sindhiya ji Janata ki Pragati aur Pradesh aur desh ki Pragati ke liye Matra kam karte Hain sindhiya ji Jan Kalyan ke liye kam karti hai
@MdKhan-eb7lmАй бұрын
रोता ही रहेगा तू। दिल्ली में।
@RajKapoor_1924Ай бұрын
@@MdKhan-eb7lm दिग्विजय सिंह के पूर्वज का इतिहास। राम सिंह नाम का एक द्वारपाल जो अकबर का एक सैनिक था। उसे राजपूतो से गद्दारी करने के एवज मे अकबर ने आज के मध्यप्रदेश मे 6 गाव की जागीर दी थी जो राघवगढ़ के नाम से जाना जाता था, जो आज राघोगढ़ है। राम सिंह जो की दिग्विजय सिंह के पूर्वज थे और राघोगढ़ के पहले जमींदार थे वो मेवाड के खिलाफ अकबर की सेना मे थे। समय के साथ 6 गांव का जमींदार राम सिंह के वंसजो ने आसपास की जगह को कब्ज़ा करके अपना रियासत का विस्तार किया। बाद मे महाराजा सिंधिया से युद्ध मे हारने के बाद वो सिंधिया ग्वालियर के दरबार मे शामिल होगया, तब महाराजा सिंधिया ने उनकी स्वामी भक्ति से खुश होकर उन्हे 13 गांव की जागीर दी और क्लास 2 रैंक का सामंत बनाया।
@RajKapoor_1924Ай бұрын
@@MdKhan-eb7lm भाई वो बहुत अच्छा काम कररहे है। आप प्लिज़ किसी पार्टी के कार्यकर्ता जैसा बात मत करो, फैक्ट पर चलो।
@RajKapoor_1924Ай бұрын
@@MdKhan-eb7lm दिग्विजय सिंह के पूर्वज का इतिहास। राम सिंह नाम का एक द्वारपाल जो अकबर का एक सैनिक था। उसे राजपूतो से गद्दारी करने के एवज मे अकबर ने आज के मध्यप्रदेश मे 6 गाव की जागीर दी थी जो राघवगढ़ के नाम से जाना जाता था, जो आज राघोगढ़ है। राम सिंह जो की दिग्विजय सिंह के पूर्वज थे और राघोगढ़ के पहले जमींदार थे वो मेवाड के खिलाफ अकबर की सेना मे थे। समय के साथ 6 गांव का जमींदार राम सिंह के वंसजो ने आसपास की जगह को कब्ज़ा करके अपना रियासत का विस्तार किया। बाद मे महाराजा सिंधिया से युद्ध मे हारने के बाद वो सिंधिया ग्वालियर के दरबार मे शामिल होगया, तब महाराजा सिंधिया ने उनकी स्वामी भक्ति से खुश होकर उन्हे 13 गांव की जागीर दी और क्लास 2 रैंक का सामंत बनाया।
@sandipsharma6296Ай бұрын
Manniy Ram Nibash Rabat Ji Ne Bich Sadak Dibaydar Ki Jagah Apni Dukane Bnali Our Janta Ki Khandani Ghar Todbadiye Ese Neta Ko Ban Mantari Jo Janta ke Gharo Mai Ghush kar Gunda Garadhi Gharo mai Aag B j.p Emandari Ki Sarkar Ramnibash Rabat Ji Abidh Dukane Bana Li Bich Sadak Par Kanooni karbai Kyo nahi Ki Esa Hi Chalta Gya Ek Din Kanoon Name Khatam Ho jayega Our Sab khatam Ho Jayega Niyay karo Sabka Sath Jab Mai lega savi Galat Kam Karne Bale Ek Ek Bhai Bhan Sab Par Lagu Hoge Emandari Se Kam kare Sda Khush Rahe
@HariparsadParihar28 күн бұрын
Madhya Pradesh mein jo bhajpa mein neta baithe hue hain ji apni roti sekana chahti hai Pradesh ki Janata ke liye kuchh nahin Lena dena Pradesh ki prajati se UN netaon ko kuchh Lena Dena nahin hai apni roti dekhna chahte Hain Jo Madhya Pradesh mein jo kuchh Bhala Pakhi Netaji beti Hui hai Pradesh mein jo Vijay Shri prapt Hui hai vah Modi ji ki vajah se Hui hai Pradesh mein Hindi gaon ki vajah se nahin Hui hai Madhya Pradesh ki kuchh neta hai jo bhajpa mein jo apni niji Labh ke liye karya karti hai
@suneetanatural891Ай бұрын
Kaha ka yeh MAHARAJ hai. He is a great opportunist