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क्षमा प्रार्थना kshma prathna शंभू स्तुति पूजा के बाद इन श्लोकों से करें भगवानशिव की क्षमा प्रार्थना
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।। शंभू स्तुति ।।
जयशंभुनाथ,दिगंबरम् ।करुणाकरं जगदीश्वरम् ।।
भवतारणम् भयहारणम्।
करुकरंजगदीश्वरं ।।
मृगछाल अंग शुशोभितम्।करमाल दंड बिराजितं ।।
यमकाल पासबिमोचकम्।
करुणाकरं जगदीश्वरम् ।।
जय शंभुनाथ दिगंबरम् ।
करुणाकरम् जगदीश्वम्।।
भवतारणम् भयहारणम् ।करुणाकरं जगदीश्वरं ।।
गलरुण्डमाल कपालब्याल।
तनभस्म शोभित सुंदरम् ।।
तवशक्ति अंग शुशोभितम् ।करुणा करम् जगदीश्वम् ।।
जय शंभुनाथ दिगंबरम् ।करुणाकरं जगदीश्वम् ।।
भवतारणं भयहारणम्।
करूणा करम् जगदीश्वम् ।।
हे दक्क्षयग्य बिनाशकम् ।
हे कामदाहन कारणम्।।
श्री गणेशस्कं द नमस्कृतम् ।
करुणाकरम् जगदीश्वम्।।
जय शंभुनाथ दिगंबरम् ।करुणाकरम् जगदीश्वम् ।।
भवतारणम् भयहारणम् ।
करूणाकरम् जगदीश्वम् ।।
हे आशुतोष शशांकशेखर।चंद्रमौलिमृतुंज्जयम्।।
तवपादकमल नमाम्हम्।2
करूणाकरम् जगदीश्वम् ।।
जय शंभुनाथ दिगंबरम् ।
करूणा करम् जगदीश्वम् ।।
भवतारणम् भयहारणम्।
करूणाकरम् जगदीश्वम् ।।3
कृतेना अनीनां अद्यदिने शिवअस्तु कृपाधाखेना कर्मणा कर्मणा धीश्त्वद भवानी शंकर महारुद्र
महामृतुंजय श्रीभगवत्तीदारी ईश्वर चरणा रबिदंमम्
प्रीयताम नममः
श्री शाष्टांग शिवार्पणमस्तु शिवागईदम् नममः
श्री शाष्टांग जगदंम्बाअर्पण मस्तु।
अंम्बाप्रियताम् नममः
हे नाथ जानि अजान बालक विश्वनाथ महेश्वरम |
करिके कृपा दीजो दरस अविनाशी शंकर सुन्दरम ||
आया शरण हूँ आपकी इतनी अनुग्रह किजीये |
जय चंद्र मौली कृपालु अब तुम दरश मोको दीजिये ||
ले राम नाम निशंक कीन्हों है गरल आहार तुम |
भव सिंधु से नैया कर देना भोला पार तुम ||
मनसा वाचा कर्मणो से पाप-अति हमने कियो |
आयो शरण शरणागति की सुध नहीं अब तक लियो ||
अब तो तुम्हारे हाथ है, गिरिजापति मेरी गति|
जय पशुपति, जय पशुपति, जय पशुपति, जय पशुपति ||
जय जयति योगेश्वर तुम्ही बल , बुद्धि के प्रकाश तुम |
मन-मंदिर बीज निवास करिये जानि जन सुख राशि तुम ||
लज्जा हमारी रखना शिव आपके ही हाथ है |
तुमसा ना कोई भक्त वत्सल कृपालु दीनानाथ है ||
त्रय ताप मोचन जय त्रिलोचन पूर्ण पारावार जय |
कैलाशवासी सिद्ध कशी दया के अधर जय ||
शिव दया के सिंधु हो जन है शरण जन फेरिए |
करिके कृपा की कोर शंकर दीन जन दिशि हेरिये ||
शुभ बेल के कुछ पत्र हैं, कुछ पुष्प हैं मंदार के |
फल है धतूरे के धरे, कुछ संग अछत धारि के ||
सेवा हमारी तुच्छ है , फल कामना मन मे बड़ी |
पर आशा भोले नाथ से , रहती ह्रदय मे बड़ी ||
हे विश्वनाथ महेश अपनी, भक्ति कृपया दीजिये |
निर्भय निडर निशंक करिये , शक्ति अपनी दीजिये ||
हो सत्य व्रतधारी ह्रदय मे, भावना ऐसी भरें |
बम बम हरे, बम बम हरे, बम बम हरे, बम बम हरे ||
मण्डित जटा मे गंग धारा, ताप लोको के हरे |
शशिभाल तब यश चाद्रिका , सबके ह्रदय शीतल करें ||
वरदे वरद वरदानियों धन धान्य से धरती भरें |
जय शिव हरे, जय शिव हरे, जय शिव हरे, जय शिव हरे||