अति सुन्दर मैने आनंद की अनुभूति कर ली है वैसे तो सत्य के बारे में न कुछ बोला जा सकता है और नहीं लिखी जा सकती है सत्य स्वयं के अन्दर मौन में घटने वाली रहस्मय घटना है फिर भी अति सुन्दर प्रस्तुति है
@manjugupta933417 күн бұрын
Thank you for Atmic gyan atam anybhuti & Atam darshan🙏
@OmPrakashYadav-me4em18 күн бұрын
Bahut sunder Adivtiya
@kamendrabahadursingh319518 күн бұрын
Bahut hi sundar marm Bahut hi sundar Explain koti koti naman hai prabhuji ko Jai shree krishna
@prithvirajmudappu371717 күн бұрын
Aapki satki baatein aur vishlation Ashtavakra Gita ka sadaiva pranam🙏🙏🙏🙏🙏
@KishanSingh-zm5kt17 күн бұрын
बहुत ही सुंदर व्याख्या मन की सारी गांठें खुल गई ❤
@sanjaynarayanwagh44017 күн бұрын
Pujyaniya Shri gurudev ji ke Charno me koti koti pranam 🙏🌹
@KalpanaSharma-w2b18 күн бұрын
🙏🙏
@ramnareshbhateley49627 күн бұрын
शक्ति एवं गति योग स्वरूप में स्थित होने से क्रिया कर्म की शून्यता में उपस्थित मात्र से गतिमान रहते हैं। गति से ऊर्जा का उदय क्रिया को उत्पन्न करता है, क्रिया से बल का उदय कर्म को उत्पन्न करता है। क्रिया प्रकृति का धर्म है, प्रकृति में उदय हुई इसी क्रिया को मानव मन कर्म का कर्ता भोक्ता मानता है। योग शक्ति मयी मां के सानिध्य में प्रकृति छाया रूप से गतिमान तथा परछाईं रूप से क्रिया कर्म में दृष्टि गोचर हो रही है। 🕉️👍🙏🏼🙏🏼🙏🏼🌹🌹🌹 !🙏🏻!श्रीहरिशरणम्!🌹!,,,,;