जब कोई जानकारी न हो तो भ्रमित न करे प्रभु काल भैरव की कपाल मोचन तीर्थ में ब्रम्हा जी के शीश अर्थात कपाल से मुक्ति मिली थी ब्रम्ह हत्या से भैरव जी का मन अशांत था तब शिव के आदेश से उज्जैन में मां क्षिप्रा के किनारे ओखरेश्वर शमशान के समीप तपस्या कर ब्रम्ह हत्या के पाप से मुक्त होने का उपाय बताया यह कथा स्कंध पुराण में है आप किस शास्त्र से लाए हो प्रभु