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|| जय श्री कृष्णा ||
"नारद कुंड"
भगवान श्री कृष्ण की लीला स्थलीऔ में एक यह स्थान भी आता है जहां नारद जी आज भी यहां आते हैं और स्नान करते हैं
साथ ही कहा जाता है कि यहां शनिदेव जी साक्षात विराजमान है नाराज जी के सानिध्य में जो सावन के चार शनिवार इनकी पूजा-अर्चना करता है उन पर आजीवन शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या नहीं लगती।
अर्थात वह शनिदेव के प्रकोप से बस जाता है
भगवान श्री कृष्ण के परम भक्त शनि देव जो सभी भक्तों पर कृपा करते हैं और यहां पर जो कल्प वृक्ष है उसके दर्शन बेहद आनंद पूर्वक होते हैं जिसको कहा जाता है कि उसको अनेकों वर्ष बीत गए वह जब से वैसा का वैसा ही है यह वृक्ष कभी खत्म नहीं हुआ आज तक।
यहां पर दर्शन करने अनेकों भक्त आते हैं पूरे साल यहां पर यात्राएं आती है लेकिन यहां पर अब वीडियोग्राफी पूर्ण रूप से बंद है यहां पर किसी भी चैनल वाले को परमिशन नहीं दी जाती लेकिन प्रभु कृपा थी कि हमें यहां पर परमिशन मिल गई जिसके चलते हम आप सभी को दर्शन करा पाए।
आप सभी को यहां पर दर्शन करके कैसा लगा हमें कमेंट्स में जरूर बताएं और जो यहां पर कुंड स्थित है वह कुंड बेहद खूबसूरत है बेहद सुंदर मन को शांति देने वाला आनंद देने वाला आपको कुंड के दर्शन करके मंदिर के दर्शन करके और उस कल्पवृक्ष के दर्शन करके कैसा लगा हमें कमेंट में जरूर बताएं।
|| राधे राधे ||
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