कच्चे मकानों वाला एक अनोखा गांव | Unique village of Rajasthan

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VO- Ashok Swami
सारे कच्चे मकानों वाला गाँव राजस्थान का एक अनोखा गांव
राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित है देवमाली गांव की कहानी अपने आप में वाकई काफी दिलचस्प है। यहां रहने वाले लोग मिट्टी से बने घरों में ही रहते हैं। इस गांव में कोई भी पक्का मकान नही बनवाता ऐसा भी नही है कि ये आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं इस गांव के संपन्न लोग भी मिट्टी के बने कच्चे घरों में ही रहते हैं। सिर्फ यही नही यहां के लोग शादी में दूल्हे को घोड़ी पर भी नहीं बिठाते हैं। गांव के लोगों का कहना है कि दूल्हा अगर घोड़ी पर बैठता है तो उसकी शादी के बाद गांव में कई हादसे हो जाते हैं। इसी प्रकार गांव में बहुत से लोगों ने पक्के मकान बनवाये लेकिन मकान बनते ही गांव में कई विपत्तियां आ जाती है। कई बार तो पक्के मकान ढह भी चुके हैं।
इस गांव के लोग अपने आप को एक ही पूर्वज की संतान मानते हैं। उनका यह कहना है कि उनके पूर्वजों ने ही देवमाली गांव को बसाया था। इस गांव की एक खासियत ये भी है कि यहां रहने वाले सभी परिवार शाकाहारी है यहां कोई भी मांस और मदिरा का सेवन नही करता।
इस गांव में पिछले 50 वर्षो से किसी भी घर में चोरी नही हुई है। इसलिये यहां के घरों में कभी कोई ताला नही लगाता। गांव वालों के बीच आज तक कभी कोई विवाद भी नही हुआ है। यहां श्री देवनारायण भगवान का मंदिर भी है, वहां के लोग इन्हें भगवान विष्णु का अवतार मानते हैं और इस गांव की सारी जमीन भी भगवान देवनारायण के नाम पर ही है। गांव के किसी भी व्यक्ति के नाम जमीन का कोई भी अंश नही है।
देवमाली गांव में करीब तीन सौ घर हैं। सभी ग्रामीण गुर्जर जाति के हैं और इनका गोत्र है लावड़ा। दरअसल इस गांव के अदिपूर्वज का नाम था नादाजी। यह घटना सम्भवतः सत्रहवीं शताब्दी की रही होगी जब नादाजी को देवनारायण जी ने प्रत्यक्ष दर्शन दिए थे। तब से नादाजी के वंशज इसी गांव में निवास करते चले आ रहे हैं। वर्तमान में अधिकांश ग्रामीण नादाजी की चौदहवीं पीढ़ी के हैं।
देवमाली में देवनारायण जी का प्रमुख मन्दिर है। कहते हैं कि यह मन्दिर देवनारायण जी ने स्वयं स्थापित किया था। नादाजी ने देवनारायण जी के दर्शन करके उन्हें चार वचन दिए थे। इन्हीं वचनों की पालना में आज भी नादाजी के चौदहवीं पीढ़ी के वंशज कच्चे घरों में रह रहे हैं। यहां के मंदिर में प्रतिमा के स्थान पर पांच ईंटों की पूजा की जाती है। यह देवनारायण जी का सबसे प्रमुख मन्दिर माना जाता है। आज जब भी कहीं देवनारायण जी का मंदिर बनाया जाता है तो जागती जोत और पूजा के लिए पांच ईंटें देवमाली से ही ले जाई जाती हैं।

Пікірлер: 10
@Raghavswami28
@Raghavswami28 5 ай бұрын
Mast ❤👌👌
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@ManakTv 5 ай бұрын
aapro ghano ghano aabhar sa.
@kanta1132
@kanta1132 5 ай бұрын
👌👌👌👏🙏
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@ManakTv 5 ай бұрын
aapro ghano ghano aabhar sa.
@ManojSwami960
@ManojSwami960 5 ай бұрын
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@ManakTv
@ManakTv 5 ай бұрын
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@kumquotes3753
@kumquotes3753 5 ай бұрын
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@ManakTv 5 ай бұрын
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@kumquotes3753
@kumquotes3753 5 ай бұрын
@ManakTv
@ManakTv 5 ай бұрын
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This mother's baby is too unreliable.
00:13
FUNNY XIAOTING 666
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Mom had to stand up for the whole family!❤️😍😁
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